Real Estate Market : वैसा नहीं है रियल एस्टेट मार्केट जैसा दिखाया जा रहा, पैसा लगाने से पहले जानें असली कहानी

नई दिल्ली. भारतीय रियल एस्टेट मार्केट की तस्वीर को तमाम रिपोर्ट में एक बूम जैसा दिखाया जाता है, लेकिन बाजार के एक्सपर्ट का मानना है कि यह ऐसा नहीं है, जैसा दिखाया जा रहा है. खरीदारों को अपना पैसा लगाने से पहले इसकी असल तस्वीर के बारे में जानना जरूरी है. असल में भारत का आवासीय रियल एस्टेट सेक्टर साल 2025 में एक स्ट्रैटेजिक रीकैलिबरेशन से गुजर रहा है, जो महामारी के बाद आए तेज बूम की समाप्ति को दिखा रहा है. प्रमुख शहरी केंद्रों में बिक्री साल-दर-साल 14% घटी है, क्योंकि खरीदार पिछले वर्षों में हुई भारी मूल्य वृद्धि के बाद अपनी अपेक्षाएं रीसेट कर रहे हैं. यह बदलाव बाजार के परिपक्व होने का संकेत है, न कि किसी संकट का, क्योंकि तिमाही-दर-तिमाही बिक्री स्थिर बनी हुई है.
राष्ट्रीय स्तर पर मंदी दिखने के बावजूद क्षेत्रीय प्रदर्शन अलग-अलग रहा. बेंगलुरु और चेन्नई ने क्रमशः 16% और 33% की साल-दर-साल वृद्धि के साथ उल्लेखनीय मजबूती दिखाई. दक्षिण भारत का डेट्रॉइट कहे जाने वाले चेन्नई में साल 2024 की दूसरी तिमाही के 3,984 यूनिट्स से बढ़कर 2025 की दूसरी तिमाही में 5,283 यूनिट्स की बिक्री दर्ज हुई. इसी तरह, बेंगलुरु में भी तेज उछाल देखने को मिला, जहां साल 2024 की दूसरी तिमाही के 13,495 यूनिट्स की तुलना में 2025 की दूसरी तिमाही में 15,628 यूनिट्स बिके. इसका श्रेय मजबूत आईटी सेक्टर और विविधीकृत आर्थिक ढांचे को जाता है. चेन्नई ने तिमाही-दर-तिमाही 11% की बढ़ोतरी दिखाई, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से प्रेरित रही है.
अन्य शहरों का कैसा प्रदर्शनकोलकाता ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जहां बिक्री 2024 की दूसरी तिमाही के 3,237 यूनिट्स से बढ़कर 2025 की दूसरी तिमाही में 3,847 यूनिट्स हो गई, यानी 19% साल-दर-साल और 1% तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि दिखी है. इसके विपरीत, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और पुणे ने क्रमशः 32% और 27% की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की. एमएमआर में बिक्री 2024 की दूसरी तिमाही के 38,266 यूनिट्स से घटकर 2025 की दूसरी तिमाही में 25,939 यूनिट्स पर आ गई, जबकि पुणे में यह संख्या 21,925 से घटकर 15,962 यूनिट्स रह गई. इसका सीधा कारण 2023–24 के दौरान हुई तेज मूल्य वृद्धि है. फिर भी, एमएमआर, पुणे और बेंगलुरु तिमाही बिक्री के सबसे बड़े हिस्सेदार बने हुए हैं, जिनका योगदान क्रमशः 27%, 16% और 16% है.
बाजार क्या दे रहा संकेततिमाही-दर-तिमाही आंकड़े शहरों में अलग-अलग रुझान दिखाते हैं. बेंगलुरु ने इस दौरान 33% की मजबूत वृद्धि दर्ज की, जबकि एमएमआर में 16% और पुणे में 7% की गिरावट आई. दिल्ली-एनसीआर ने 19% तिमाही वृद्धि दिखाई, जहां बिक्री 2024 की दूसरी तिमाही के 11,065 यूनिट्स से घटकर 2025 की दूसरी तिमाही में 10,051 यूनिट्स रही. हैदराबाद ने 8% की वृद्धि के साथ स्थिर प्रदर्शन किया (2024 की दूसरी तिमाही के 12,296 से घटकर 2025 की दूसरी तिमाही में 11,513 यूनिट्स). अहमदाबाद में 12% की तिमाही गिरावट आई, जहां बिक्री 9,500 से घटकर 9,451 यूनिट्स रह गई.
नई लॉन्चिंग पर क्या रणनीतिनए सप्लाई डेटा में सावधानी साफ झलकती है. आठ प्रमुख बाजारों में नए लॉन्च साल-दर-साल 17% और तिमाही-दर-तिमाही 10% घटे हैं. यह डेवलपर्स की सतर्कता को दर्शाता है, विशेषकर भारत-पाक सीमा संघर्ष और पिछले 2–3 वर्षों में आई तेज मूल्य वृद्धि के चलते मांग में गिरावट के कारण. फिर भी, नए प्रोजेक्ट्स के लॉन्च में क्षेत्रीय स्तर पर मिली जुली तस्वीर देखऩे को मिली. कोलकाता में असाधारण रूप से 192% साल-दर-साल की वृद्धि (नीचे बेस और नीति समर्थन के कारण) देखने को मिली. इसी तरह, दिल्ली-एनसीआर में 29% साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की गई है. हैदराबाद में 69% साल-दर-साल वृद्धि देखने को मिली है. चेन्नई में 64% वृद्धि तो एमएमआर, पुणे और अहमदाबाद में क्रमशः 43%, 39% और 36% की गिरावट दर्ज हुई.