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Last Updated:October 20, 2025, 13:24 IST
Alwar Ki Kalakand Mithai: दीपावली के मौके पर अलवर का कलाकंद पूरे देश में लोकप्रिय हो गया है. इसकी मिठास न केवल देशभर में बल्कि विदेशों तक पहुंच रही है. स्थानीय मिठाईकारों की मेहनत और स्वाद ने इसे त्योहारों में खास बना दिया है. ग्राहकों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है.
अलवर: पांच दिवसीय दीपावली पर्व पर देशभर में अलवर के कलाकंद की धूम देखने को मिली. वही अलवर जिले के लोगों को भी कलाकंद ही पसंद आ रहा है. दीपावली के त्योहार पर लोग सबसे ज्यादा अलवर का फेमस कलाकंद खरीद रहे हैं. दीपावली पर सबसे ज्यादा देश भर में अलवर के कलाकंद की सप्लाई होती है, जिसको लोग अन्य देशों में भी भेजते हैं. अलवर के कलाकंद की विदेश में भी छाप बरकरार है.
अलवर जिले में 1000 से ज्यादा दुकानों से देश के अलग-अलग राज्यों में कलाकंद भेजा जाता है. अलवर शहर सहित आसपास के इलाकों के मिठाई की दुकान से रोजाना भेजा जाता है. वही अकेले अलवर शहर में 200 से ज्यादा दुकान है जहां पर रोजाना सैकड़ो किलो कलाकंद की खपत होती है. दीपावली के सीजन में एक खपत दोगुनी हो जाती है.
अलवर के दुकानदारों का कहना है कि वैसे तो हर जगह कलाकंद बनता है, लेकिन अलवर में बने स्वादिष्ट कलाकंद का स्वाद ही अलग होता है जो अन्य जगह बनने वाला कलाकंद से बिल्कुल अलग और शुद्ध होता है. जिस तरह से अलवर के कलाकंद को यहां के कारीगर बनाते हैं उसे तरह से अन्य जगहों पर अलवर के कलाकंद स्वादिष्ट नहीं बन पाता. इसलिए लोग अपने विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों को भी यहां से कलाकंद भिजवाते हैं.
ऐसे निर्माण हुआ कलाकंद कापाकिस्तान के रहने वाले बाबा ठाकुरदास एक दिन दूध उबल रहे थे. इस दौरान उबलते उबलते दूध फट गया. फिर उन्होंने फटे हुए दूध को धीमी आंच पर पकाना शुरू किया और दूध में दाने पड़ने लगे. ऐसा देखा उन्होंने फिर उसमें चीनी मिलाई और इसे और पकाया. कई घंटे की मेहनत के बाद उन्होंने देखा कि एक नई मिठाई तैयार हुई और उन्होंने चेक कर देखा तो स्वाद बेहद लाजवाब था. तभी से इसका नाम कलाकंद मिठाई उन्होंने रखा.
ऐसे बनता है अलवर का स्वादिष्ट कलाकंदअलवर के कलाकंद को बनाने के लिए सबसे पहले शुद्ध दूध की आवश्यकता होती है. उसके बाद दूध को अच्छे से पकाने के बाद उसमें बढ़िया क्वालिटी की चीनी डालनी चाहिए. ऐसा करने के बाद दूध को धीमी आंच पर पीकर पहले दूध को गाढा किया जाता है. इसके बाद में थोड़ा घी और चीनी डालकर मिश्रण को तब तक पकाया जाता है जब तक वह गधा ना हो जाए. तब जाकर कलाकंद बनकर तैयार होता है.
Jagriti Dubey
With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें
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Alwar,Rajasthan
First Published :
October 20, 2025, 13:24 IST
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विदेशी मुंह तक पहुंचा देशी स्वाद… अलवर के कलाकंद की मिठास ने मचाई धूम