Education City Sikar : विभाग की गुणवत्ता रैंकिंग में सीकर नंबर वन, शिक्षा के क्षेत्र में पूरे राजस्थान में है आगे!

Last Updated:October 20, 2025, 15:05 IST
Sikar News: सीकर ने प्रखर राजस्थान 2.0 की सितंबर रैंकिंग में 72.13 प्रतिशत अंक के साथ पहला स्थान पाया, श्रीगंगानगर दूसरा और नागौर तीसरे स्थान पर रहे. कार्यक्रम में एआई आधारित शिक्षक एप का उपयोग हुआ.
राजस्थान का सीकर जिला शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाता है और एक बार फिर इस नाम को सार्थक साबित किया है. प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा जारी प्रखर राजस्थान 2.0 कार्यक्रम की सितंबर रैंकिंग में सीकर ने पूरे राज्य में पहला स्थान हासिल किया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले को 72.13 प्रतिशत अंक मिले हैं. प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से शुरू किए गए प्रखर राजस्थान 2.0 कार्यक्रम के तहत हर जिले के सरकारी स्कूलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा रहा है.
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों की पठन-पाठन क्षमता और भाषा दक्षता को मजबूत करने पर केंद्रित है. सीकर ने इन दोनों क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे वह पूरे राजस्थान में अव्वल रहा है. शिक्षा विभाग के अनुसार इस रैंकिंग में श्रीगंगानगर जिला दूसरे स्थान पर रहा, जिसे 68.30 प्रतिशत अंक मिले. वहीं नागौर 67.64 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा.
इन जिलों के बाद चूरू, कोटपूतली-बहरोड़, झालावाड़, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा, बालोतरा और राजसमंद का स्थान रहा. टॉप-10 में आने वाले जिलों ने शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार दिखाया है. यह कार्यक्रम 5 सितंबर से शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगा. इसमें तीसरी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है. विद्यार्थियों को कहानियों, कविताओं और गतिविधियों के माध्यम से भाषा और पठन कौशल सिखाया जा रहा है.
इस अभिनव पद्धति से न सिर्फ बच्चों की समझ बढ़ रही है, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हो रही है. इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह है कि विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया का मूल्यांकन एआई आधारित शिक्षक एप के माध्यम से किया जा रहा है. यह एप विद्यार्थियों की आवाज रिकॉर्ड कर उनके पढ़ने के कौशल का विश्लेषण करता है. इसके आधार पर सुधार के सुझाव दिए जाते हैं ताकि प्रत्येक विद्यार्थी अपनी कमजोरियों को दूर कर बेहतर प्रदर्शन कर सके.
कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को चार समूहों बीज (C1), अंकुरण (C2), पुष्पन (C3) और फलन (C4) में बांटा गया है. इन समूहों के अनुसार उन्हें अभ्यास कराया जा रहा है। यह वर्गीकरण विद्यार्थियों के स्तर के अनुसार शिक्षा को प्रभावी बनाने में मददगार साबित हो रहा है. शिक्षक इस प्रणाली के माध्यम से हर विद्यार्थी पर व्यक्तिगत ध्यान दे पा रहे हैं.
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन जिलों का स्कोर 60 प्रतिशत से कम रहा है, वहां सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं. विभाग का लक्ष्य आने वाले महीनों में सभी जिलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. शिक्षा विभाग की सरकारी रैंकिंग में सीकर ने एक बार फिर अव्वल आकर बता दिया कि वह शिक्षा नगरी है.
First Published :
October 20, 2025, 15:05 IST
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शिक्षा विभाग की गुणवत्ता रैंकिंग में सीकर नंबर वन, पूरे प्रदेश में सबसे आगे!