RAS Success Story : UPSC में नाकामी, फिर भी नहीं टूटी हिम्मत; जेरठी गांव के दिनेश ने RAS में चमकाया नाम!

Last Updated:October 20, 2025, 20:49 IST
Sikar News: सीकर के जेरठी गांव के दिनेश काजला ने संघर्ष के बाद 2023 RAS परीक्षा में 63वीं रैंक हासिल की, DTU से पढ़ाई की और युवाओं के लिए प्रेरणा बने हैं.
सीकर. राजस्थान के सीकर ज़िले के छोटे से गांव जेरठी से निकलकर RAS परीक्षा में 63वीं रैंक हासिल करने वाले दिनेश काजला आज हर उस युवा के लिए मिसाल बन चुके हैं जो सपनों को पूरा करने की राह में संघर्ष कर रहे हैं. दिनेश की सफलता की कहानी केवल एक परीक्षा पास करने की नहीं, बल्कि उस अदम्य जज़्बे की कहानी है जो बार-बार गिरकर भी उठ खड़ा होता है और मंज़िल पाने तक हार नहीं मानता. सीकर जिले के जेरठी गांव में पले-बढ़े दिनेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय से प्राप्त की और दसवीं तक की पढ़ाई यहीं से पूरी की.
उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई भी गांव में ही की. एक औसत विद्यार्थी होने के बावजूद दिनेश में कुछ अलग करने का जुनून बचपन से ही था. वे अक्सर कहा करते थे कि मैं ऐसा काम करूंगा जिससे मेरे गांव का नाम रोशन हो. 12वीं के बाद उन्होंने एक साल का ड्रॉप लिया और IIT प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू की. कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर उन्हें दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) में बीटेक में दाखिला मिला. यहां से उन्होंने तकनीकी शिक्षा प्राप्त की, लेकिन उनके मन में समाज सेवा का विचार हमेशा जीवित रहा.UPSC में मिली असफलता
2018 में दिनेश ने ठान लिया कि अब वे सिविल सर्विसेज के माध्यम से समाज में योगदान देंगे. उन्होंने दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी शुरू की, लेकिन पहली कोशिश असफल रही. परिणाम उम्मीद के विपरीत आया और निराश होकर वे गांव लौट आए. हालांकि, हार मानने के बजाय उन्होंने नई दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में नहीं हुआ तो क्या, राजस्थान की सेवा के लिए भी अवसर हैं. इसी सोच के साथ उन्होंने RAS की तैयारी शुरू की. सीमित संसाधनों में रहकर, बिना किसी बड़े मार्गदर्शन के उन्होंने पढ़ाई जारी रखी. 2018 में पहली बार RAS परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इस बीच ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा दी, जिसमें वे सफल हुए.
2021 RAS परीक्षा में हुआ चयनग्राम विकास अधिकारी के रूप में पद मिलने के बाद भी दिनेश के अंदर की आग ठंडी नहीं हुई. वे कहते हैं, मेरा लक्ष्य केवल नौकरी पाना नहीं था, बल्कि प्रशासनिक सेवा के ज़रिए समाज में बदलाव लाना था. इसलिए उन्होंने 2021 में दोबारा RAS परीक्षा दी. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और वे लेबर इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हुए. लेकिन उनका मन अब भी वहीं था जहां जिम्मेदारी बड़ी हो, काम का दायरा विस्तृत हो और सेवा का अवसर व्यापक हो.
2023 RAS परीक्षा में 63वीं रैंक हासिल की2023 में दिनेश ने एक बार फिर RAS परीक्षा दी. इस बार उन्होंने अपनी पिछली कमजोरियों पर काम किया, सिलेबस को गहराई से समझा और हर विषय की तैयारी पूरी गंभीरता से की. उनकी मेहनत और दृढ़ता रंग लाई और उन्होंने पूरे राजस्थान में 63वीं रैंक हासिल की. यह केवल एक रैंक नहीं थी, बल्कि वर्षों की मेहनत, संघर्ष और आत्मविश्वास की जीत थी. परिणाम आने के बाद गांव में खुशी की लहर दौड़ गई. हर कोई गर्व से कह रहा था कि हमारे गांव का बेटा अफसर बन गया.
पढ़ाई और सफलता का मंत्रदिनेश कहते हैं कि सिविल सर्विसेज में सफलता पाने के लिए किसी जादू की नहीं, बल्कि निरंतरता की ज़रूरत होती है. उनका कहना है कि रोज़ 5 से 6 घंटे ईमानदारी से पढ़ाई करें, सिलेबस को समझें और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों (PYQ) का अभ्यास करें. पढ़ाई को बोझ नहीं, एक जिम्मेदारी की तरह लें. दिनेश के अनुसार, हर असफलता हमें कुछ सिखाती है और वही अनुभव आगे की सफलता की नींव रखता है. आज दिनेश काजला न केवल एक सफल RAS अधिकारी हैं, बल्कि वे उन हज़ारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो कठिनाइयों से डरकर अपने सपनों को अधूरा छोड़ देते हैं. उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो गांव की गलियों से निकलकर भी सफलता के शिखर तक पहुंचा जा सकता है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Sikar,Rajasthan
First Published :
October 20, 2025, 20:49 IST
homerajasthan
UPSC में नाकामी, फिर भी नहीं टूटी हिम्मत; जेरठी के लाल ने RAS में चमकाया नाम!