Degree vs Skills: नौकरी चाहिए तो डिग्री के बजाय स्किल्स पर करें फोकस, जॉब के लिए नोट करें 3 सीक्रेट टिप्स

नई दिल्ली (Degree vs Skills). जेन Z यानी आज के युवा जॉब मार्केट में आए बदलाव से परेशान हैं. करियर काउंसलर का मानना है कि अब सिर्फ कॉलेज की डिग्री नौकरी की गारंटी नहीं है. AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने जॉब मार्केट का चेहरा बदल दिया है, जिससे हजारों एंट्री-लेवल जॉब्स खतरे में हैं. लेकिन अच्छी खबर है कि इस चुनौती से निकलने का ‘सीक्रेट कोड’ है! विशेषज्ञों ने 3 ऐसी स्किल्स ढूंढी हैं, जो इस पीढ़ी को एआई के सामने मबूत बनाएंगी, उन्हें भीड़ से अलग करेंगी और भविष्य के लिए ‘irreplacable’ बनाएंगी.
अब सिर्फ पढ़ाई काम नहीं आएगी. अब काम आएंगे वो ‘गुपचुप’ हुनर जो कंपनियों को तुरंत फायदा पहुंचा सकें. यह बात गांठ बांध लीजिए कि AI रोबोट्स हमारे रूटीन काम छीन सकते हैं, लेकिन वे इंसानियत के 3 सबसे बड़े हुनर- सोचने की क्षमता, तालमेल बिठाने का तरीका और नई चीजें सीखने की ललक- कभी नहीं छीन सकते. इसलिए सफलता का नया फॉर्मूला यह नहीं है कि आप AI को कितना जानते हैं, बल्कि यह है कि आप AI के साथ कैसे काम करते हैं.एआई के दौर में इंसान बने रहना है जरूरी
जॉब मार्केट अब ऐसे स्मार्ट युवाओं को खोज रहा है, जो टेक्नोलॉजी को अपना हथियार बनाकर समस्याओं को अनोखे ढंग से हल कर सकें. अब समय आ गया है कि Gen Z अपने स्मार्टफोन और लैपटॉप से बाहर निकलकर उन ‘सॉफ्ट स्किल्स’ को ‘सुपरपावर’ बनाए, जो उन्हें एक अच्छा टीम लीडर, एक बेहतरीन कम्युनिकेटर और एक कुशल प्रॉब्लम सॉल्वर बना सकें. जानिए वो 3 ‘सीक्रेट’ मंत्र, जो आपको जॉब संकट से निकालकर करियर के शिखर पर पहुंचा सकते हैं.
1. एआई के साथ काम करना, AI से डरना नहीं (The Tech-Hybrid Mindset)
Gen Z डिजिटल दुनिया में पली-बढ़ी है, लेकिन अब समय आ गया है कि वे केवल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल न करें, बल्कि उसके साथ काम करना सीखें.
जनरेटिव AI (GenAI) की समझ: जॉब मार्केट अब उन लोगों को ढूंढ रहा है जो AI को ‘टूल’ की तरह इस्तेमाल करके अपनी प्रोडक्टिविटी 10 गुना बढ़ा सकें. उदाहरण के लिए, ChatGPT को सही ‘कमांड’ (Prompt Engineering) देकर बेहतरीन ड्राफ्ट या डेटा तैयार करना.
डेटा और एनालिटिक्स: हर कंपनी को डेटा चाहिए. अगर आप डेटा को पढ़कर यह बता सकते हैं कि कंपनी को आगे क्या करना चाहिए (यानी, डेटा को ‘एक्शन-लेवल इनसाइट’ में बदलना) तो आपकी वैल्यू किसी भी डिग्री से ज्यादा होगी.
फायदा: जब HR या AI स्क्रीनिंग आपका रिज्यूमे देखेगा तो साफ नजर आएगा कि आप ‘सिर्फ यूजर’ नहीं, बल्कि ‘टेक्नोलॉजी पार्टनर’ हैं.
2. क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग (The Human Differentiator)
AI सारे ‘रूटीन’ वाले काम खत्म कर रहा है. इसलिए अब वैल्यू केवल उस काम की है जो मशीन नहीं कर सकती- गहराई से सोचना और नई समस्याएं हल करना.
एनालिटिकल स्किल्स: सवाल यह नहीं है कि ‘क्या हुआ?’, बल्कि यह है कि ‘क्यों हुआ?’ और ‘हम अगली बार क्या बेहतर कर सकते हैं?’- इस तरह के मुश्किल सवालों के जवाब देने की क्षमता ही आपको भीड़ से अलग करती है.
लचीलापन (Adaptability) और सीखने की ललक: आज एक टेक्नोलॉजी चलती है, कल दूसरी. जो कर्मचारी नई चीजों को जल्दी सीखकर अपना लेते हैं (Lifelong Learner), वे नौकरी से निकाले जाने के डर से हमेशा मुक्त रहते हैं.
फायदा: कंपनियां अब ‘क्या जानते हो’ से ज्यादा ‘क्या कर सकते हो’ पर ध्यान दे रही हैं. यह स्किल आपको मैनेजीरियल और लीडरशिप रोल के लिए तैयार करती है.
3. ‘सॉफ्ट स्किल्स’ को सुपरपावर बनाना (The Irreplaceable Communication)
भले ही Gen Z डिजिटल नेटिव है, लेकिन आमने-सामने बातचीत (In-Person Communication) और टीमवर्क में अक्सर कमजोर मानी जाती है. लेकिन यही वो स्किल है, जो एआई कभी नहीं सीख सकता.
स्पष्ट संवाद: ईमेल, प्रेजेंटेशन और मीटिंग में अपनी बात साफ, स्पष्ट और विनम्र तरीके से रखना. खास तौर पर, अलग-अलग पीढ़ियों (Gen Z, Millennial, Gen X) के लोगों के साथ मिलकर काम करना.
इमोशनल इंटेलिजेंस: सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि दूसरों के मूड और भावनाओं को भी समझना. टीम के अंदर तनाव को शांति से संभालना और एक-दूसरे की मदद करना.
मेंटरशिप और फीडबैक: सीखने और बेहतर होने के लिए मेंटर खोजना और निडर होकर रचनात्मक आलोचना (Constructive Criticism) स्वीकार करना.
फायदा: ये स्किल्स आपको अच्छा टीम लीडर और भरोसेमंद सहयोगी बनाती हैं. जब सब AI की तरह बोलने लगें तो आपका मानवीय टच ही आपकी पहचान बनेगा.
डिग्री बेशक जरूरी है लेकिन आज के जॉब मार्केट में यह सिर्फ एंट्री टिकट है. सफल होने के लिए Gen Z को इन 3 ‘सीक्रेट’ स्किल्स पर काम करना होगा. इससे वे AI के जमाने में ‘रिप्लेसेबल’ (बदले जा सकने वाले) नहीं, बल्कि ‘इररिप्लेसेबल’ (अतुलनीय) बन सकेंगे.



