राजस्थान: सरकारी योजनाओं में साइबर फ्रॉड को कैसे दिया गया अंजाम? कौन है मास्टर माइंड, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

Last Updated:October 24, 2025, 18:26 IST
Jhalawar News: झालावाड़ पुलिस ने ऑपरेशन शटरडाउन में राम अवतार सैनी के बहु-राज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ कर 30 आरोपी पकड़े, 53 लाख नकद और 30 वाहन जब्त किए हैं.
तरुण शर्मा/झालावाड़. साइबर फ्रॉड के खिलाफ पुलिस ने जो ऑपरेशन शटरडाउन चलाया, वह केवल गिरफ्तारी की खबर नहीं, बल्कि अंदरूनी रणनीति और तकनीकी जाल की कहानी भी है. यह मामला तब शुरू हुआ जब जिले के कामखेड़ा क्षेत्र से एक गोपनीय शिकायत मिली. शिकायत में बताया गया कि आसिक नामक व्यक्ति सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी कर रहा है. जांच में उसके मोबाइल और बैंक खातों के लिंक और संदिग्ध ट्रांजैक्शन सामने आए. देखा गया कि कम समय में बड़ी राशि की किश्तें राजकोष से जमा और निकासी हो रही हैं.
जांच और गहराई में गई, तो पता चला कि मनोहर थाना और दांगीपुरा जैसे दूरस्थ इलाकों में गिरोह अपात्र लोगों के बैंक खाते खरीदकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिला रहा था. गिरोह का मास्टरमाइंड बांदीकुई दौसा निवासी राम अवतार सैनी था. उसके पास केंद्र और राज्य की कई जनकल्याणकारी योजनाओं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और पेंशन योजनाओं के पोर्टल की तकनीकी जानकारी थी. वह लोगों से उनके बैंक खाते और पहचान दस्तावेज लेकर पोर्टल पर अप्रूव्ड कर अपात्र व्यक्तियों को लाभ दिलाता था. इसके बदले एजेंट 50 से 75 प्रतिशत हिस्सा वसूलते थे.
ऑपरेशन की रणनीति और टीमवर्कयह ऑपरेशन साधारण रेड से कहीं अधिक जटिल था. एसपी अमित कुमार के नेतृत्व में 70 टीमों का गठन किया गया. प्रत्येक टीम में एक ऑपरेशनल अधिकारी, साइबर विशेषज्ञ, महिला पुलिसकर्मी और जप्ती अधिकारी शामिल थे. जिला मुख्यालय पर साइबर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया, जहां एसपी ने खुद समन्वय और तकनीकी बैकअप प्रदान किया. 70 घंटे की सतत निगरानी और रेड के बाद आरोपियों से 52 लाख रुपए नकद, 30 वाहन, 35 लैपटॉप, 16 प्रिंटर, सिम कार्ड, फिंगरप्रिंट स्कैनर, एटीएम कार्ड, पासबुक और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद हुए.
प्रभाव और आगे की जांचइस रेड ने न केवल अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया, बल्कि यह भी दिखाया कि पुलिस की अंदरूनी रणनीति, तकनीकी कौशल और समन्वय कैसे बड़े फ्रॉड को रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं. गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है और उम्मीद है कि इससे और कई खुलासे होंगे. यह ऑपरेशन सिर्फ सरकारी धन की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पुलिस की योजना और टीमवर्क की कहानी भी है, जिसने तकनीक और इंसानी मेहनत का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत किया.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Jhalawar,Rajasthan
First Published :
October 24, 2025, 18:26 IST
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सरकारी योजनाओं में बड़ा साइबर फ्रॉड…कौन है मास्टर माइंड, पढ़ें इनसाइड स्टोरी



