बीजेपी के पास 28 वोट, फिर कैसे हो गए 32, नेशनल कांफ्रेंस का जलवा

जम्मू-कश्मीर के पहले राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को बड़ी सफलता मिली है. पार्टी ने चार में से तीन सीटें अपने नाम कर ली हैं. एनसी के उम्मीदवार सजाद किचलू, गुरविंदर सिंह ओबेराय और चौधरी मोहम्मद रजवान ने जीत दर्ज की है.. कांग्रेस की बैकिंग ने एनसी को मजबूत वोट बैंक दिया, जिससे यह जीत आसान हो गई. उधर, बीजेपी ने कम विधायक होने के बावजूद एक सीट पर जीत दर्ज कर ली है. बीजेपी के सत शर्मा ने चौथी सीट अपने नाम की. उन्हें 32 वोट मिले, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या सिर्फ 28 है. यह 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहला राज्यसभा चुनाव है, जहां एनसी-कांग्रेस गठबंधन की ताकत साफ नजर आई.
हर सीट का नतीजा जानें
चौधरी मोहम्मद रमजान (JKNC) को 58 वोट मिले, बीजेपी को 28
सज्जाद अहमद किचलू (JKNC) को 57 वोट मिले जबकि बीजेपी को 28
शम्मी ओबेरॉय (JKNC) जीते
सत शर्मा (BJP) को 32 वोट मिले, जबकि नेशनल कांफ्रेंस को 22एकजुटता का प्रमाण
एनसी के प्रदेश अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा, यह जीत हमारे गठबंधन की एकजुटता का प्रमाण है. कांग्रेस के समर्थन से हमने न केवल सीटें जीतीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि बाकी दो सीटों पर भी एनसी मजबूत दावेदार है, लेकिन भाजपा चौथी सीट पर दांव लगा रही है. एनसी ने चार उम्मीदवार उतारे थे.
कौन हैं जीते उम्मीदवारचौधरी मोहम्मद रजवान, पूर्व मंत्री और एनसी के वरिष्ठ नेता, भद्रवाह से हैं. 2024 विधानसभा चुनाव में वे पीसी के सजाद लोन से हार गए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा. जीत के बाद उन्होंने कहा, यह मेरी नहीं, पूरे चेनाब वैली की जीत है. हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे. सजाद किचलू, चेनाब वैली के रंबन-डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र से, एनसी का मजबूत आधार मजबूत करने के लिए चुने गए. वे युवा चेहरा हैं और पार्टी की रणनीति का हिस्सा हैं.
2019 के बाद पहला चुनावयह चुनाव 2019 के बाद पहला है. अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के बाद विधानसभा भंग हो गई थी. 2021 में चार राज्यसभा सीटें खाली हुईं – मीर मोहम्मद फैयाज, शमशेर सिंह, गुलाम नबी आजाद और नजीर अहमद लौएय की. अब 2024 विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार चुनाव हुए. एनसी ने सितंबर में उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें फारूक अब्दुल्ला को स्वास्थ्य कारणों से हटाया गया. कांग्रेस से चौथी सीट पर बातचीत चल रही थी, लेकिन अंत में एनसी ने चार उतारे.



