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Cyclone Montha LIVE: 110KMpH की रफ्तार से आ रही तबाही, IMD की भी फूली सांस, 3 राज्यों में हाई अलर्ट

बंगाल की खाड़ी में बन रहे गहरे दबाव ने चक्रवाती तूफान मोंथा (Cyclone Montha) का रूप ले लिया है. यह चक्रवाती तूफान और तीव्र होकर भारत के पूर्वी तट से टकरा सकता है. थाईलैंड ने इस चक्रवाती तूफान का नाम मोंथा रखा है. थाई भाषा में इसका अर्थ है ‘सुगंधित या सुंदर फूल’ होता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसे ‘सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म’ की श्रेणी में रखा है. इस दौरान 90 से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और कई जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होगी.

आईएमडी के अनुसार, यह तूफान फिलहाल दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में केंद्रित है और लगातार पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. शनिवार को यह पोर्ट ब्लेयर से 460 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, चेन्नई से 950 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, और काकीनाडा से 970 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित था. मौसम विभाग का अनुमान है कि 28 अक्टूबर की शाम या रात को यह तूफान आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कालींगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के पास टकरा सकता है.

आईएमडी के वैज्ञानिक एस. करुणासागर ने बताया कि ’26 अक्टूबर से आंध्र तट के पास 45 से 55 किमी/घंटा की हवाएं चलने लगेंगी, जो धीरे-धीरे 90-110 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं.’ इसके असर को देखते हुए आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.

रायलसीमा में रेड अलर्ट, स्कूल कॉलेज बंद

आंध्र प्रदेश सरकार ने तटीय जिलों और रायलसीमा क्षेत्र में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के साथ आपात बैठक कर स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि आवश्यक सेवाओं में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां घोषित की जाएं.

सीएम ने कहा कि ‘एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को संवेदनशील जिलों में तैनात किया जाए. काकीनाडा में ‘हॉस्पिटल ऑन व्हील्स’ की व्यवस्था रखी जाए. बिजली और पेयजल आपूर्ति निर्बाध रहनी चाहिए.’

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि गुंटूर, नेल्लोर, चित्तूर, काकीनाडा, बापटला और वाईएसआर कडप्पा जिलों में विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. 27 और 28 अक्टूबर को सारे स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे.

आईएमडी ने चेतावनी दी है कि 27 से 29 अक्टूबर तक तटीय और रायलसीमा जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश (210 मिमी से अधिक) हो सकती है.

ओडिशा में तूफान की तैयारी

ओडिशा सरकार ने भी अपनी आपदा प्रबंधन प्रणाली को सक्रिय कर दिया है. राज्य के 16 जिलों पर तूफान का प्रभाव पड़ने की आशंका है. राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने 15 जिलों के कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की और कहा, ‘लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. प्रशासन पूरी तैयारी में है. चक्रवात से पहले सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं.’

सरकार ने कोरापुट, मलकानगिरी, रायगढ़ा, नबरंगपुर, कालाहांडी, गंजाम और गजपति जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. जबकि नौ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. संवेदनशील इलाकों में सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और साइक्लोन शेल्टर तैयार रखे गए हैं.

तमिलनाडु में तबाही वाली बारिश का खतरा

आईएमडी के अनुसार, शनिवार शाम से दक्षिण ओडिशा तट पर 35 से 45 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जो रविवार तक 65 किमी/घंटा और सोमवार शाम से 80 किमी/घंटा तक पहुंच सकती हैं.

तमिलनाडु के तटीय जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो चुकी है. चेन्नई, नागपट्टिनम, और कुड्डालोर जिलों में अगले चार से पांच दिन तक लगातार बारिश जारी रहने की संभावना है.

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