Election Commission SIR 12 States Full Process Explained Voter List | 12 राज्यों में कैसे होगा SIR? BLO क्या-क्या करेंगे? EC का पूरा प्रोसेस समझिए

नई दिल्ली: चुनाव का मौसम आते ही सबसे अहम सवाल यही होता है कि वोटर लिस्ट सही है या नहीं. कौन सही मतदाता है. कौन पुराने रिकॉर्ड में है. कौन गलती से लिस्ट से बाहर रह गया. इसी को ठीक करने के लिए चुनाव आयोग ने खास कैंपेन शुरू किया है जिसका नाम है SIR यानी Special Intensive Revision. देश के 12 राज्यों में SIR का दूसरा फेज अब शुरू हो गया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा कि आज रात 12 बजे जो लिस्ट फ्रीज होगी उसी से आगे काम चलेगा. हर वोटर को घर पर एक यूनिक Enumeration Form दिया जाएगा. BLO यह फॉर्म पहुंचाएंगे. इस फॉर्म में आपकी सभी वोटर डिटेल्स होंगी. अब वोटर को यह मैच करना है कि उनका नाम 2003 वाली लिस्ट में था या नहीं. अगर था तो कोई डॉक्यूमेंट देने की जरूरत नहीं. अगर खुद का नाम नहीं पर माता पिता में से किसी का नाम उस समय की लिस्ट में था तो भी कोई अतिरिक्त पेपर नहीं लगेगा. आयोग का मकसद साफ है कि सही नाम जुड़ें और फर्जीगिरी बाहर हटे.
इन 12 राज्यों में SIR
पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, यूपी, राजस्थान, गोवा, छत्तीसगढ़, लक्षद्वीप, गुजरात, मध्य प्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
12 राज्यों में कैसे होगा SIR?
CEC का कहना है कि SIR प्रोसेस की पहली उपलब्धि बिहार में दिख चुकी है. 7.5 करोड़ वोटरों ने एक्टिव तरीके से हिस्सा लिया. 90 हजार BLO और 12 पार्टियों के 1.6 लाख एजेंट मैदान में उतरे. अब वही सख्ती और वही लेवल बाकी राज्यों में भी रहेगा.
मतदाता खुद भी http://voters.eci.gov.in पर जाकर अपने पुराने रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं. चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जो वोट देने के योग्य है वही लिस्ट में रहे. और जो नहीं है उसका नाम हट जाए. यह संशोधन हर चुनाव से पहले कानूनी रूप से जरूरी है.
हर पोलिंग स्टेशन पर एक सरकारी कर्मचारी BLO के रूप में नियुक्त होता है. एक हजार वोटर पर लगभग एक पोलिंग स्टेशन होता है. मतलब हर एरिया पर नजर रखने के लिए ग्राउंड लेवल टीम तैयार है.
इन्हें सबसे पहले Enumeration Forms प्रिंट करवा कर नेम्ड वोटर्स तक पहुंचाना है. फॉर्म में दी गई जानकारी को आप चेक कर सकते हैं.
गलती दिखे तो वहीं उससे सुधार की प्रक्रिया शुरू होगी. जहां जिस वोटर का नाम मिस है उसे जोड़ने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
2003 वाली वोटर लिस्ट क्यों है इतनी जरूरी?
काफी समय से वोटर लिस्ट पर आरोप लगते रहे हैं कि इसमें गलतियां हैं. कई पार्टियां शिकायत कर चुकी हैं. CEC के शब्दों में, ‘SIR जरूरी है क्योंकि वोटर लिस्ट की शुद्धता लोकतंत्र की बुनियाद है’. 1951 से 2004 के बीच 8 बार SIR हो चुका है. अब फिर यह प्रक्रिया आ रही है ताकि भविष्य की वोटिंग बिना विवाद हो.



