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Rajasthan Farmer’s Potato Chips Reaching America

Last Updated:October 30, 2025, 09:26 IST

Success Story: पाली जिले के युवा किसान प्रियांक सुराणा ने खेती को नई दिशा देते हुए अमेरिका तक पहचान बनाई है. उनके खेतों में उगाए गए उच्च गुणवत्ता वाले आलू अब विदेशी कंपनियों में चिप्स बनाने के लिए जा रहे हैं. ऑर्गेनिक खेती से प्रेरणा लेकर प्रियांक अब एग्रो टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रहे हैं.

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पाली. किसानों को अन्नदाता ऐसे ही नहीं कहा जाता. धरती का सीना चीरकर जो किसान अन्न उगाता है, वही इस देश की मिट्टी को विदेशों तक पहचान दिला सकता है. कुछ ऐसा ही कमाल किया है राजस्थान के पाली जिले के युवा किसान प्रियांक सुराणा (27) ने, जिनके खेत में उगाए गए आलू अब अमेरिका की कंपनियों में चिप्स बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं. यह कहानी दर्शाती है कि आधुनिक तकनीक और लगन से खेती भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिला सकती है.

प्रियांक के पिता चाहते थे कि बेटा बिजनेस करे, लेकिन मुंबई में डिजिटल मार्केटिंग की नौकरी कर रहे प्रियांक ने अपनी दिशा बदल ली. उन्होंने खेती को अपना नया करियर चुना और साल 2023 में 3 बीघा जमीन में 80 हजार किलो से ज्यादा आलू उत्पादन किया. उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाई, ड्रिप सिस्टम और बोरवेल लगाए, जिससे उत्पादन और क्वॉलिटी दोनों में अभूतपूर्व सुधार हुआ.अमेरिका तक पहुंचा पाली का आलू
प्रियांक के आलू की क्वॉलिटी (गुणवत्ता) इतनी बेहतरीन निकली कि अमेरिका की एक कंपनी ने सीधे खेत से ही आलू खरीदना शुरू कर दिया. अब प्रियांक के खेत से निकले आलू विदेशी ब्रांड्स के चिप्स में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. यह सफलता न सिर्फ प्रियांक की व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह पूरे राजस्थान के किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है, जो मानते हैं कि खेती लाभ का सौदा नहीं है. प्रियांक ने साबित किया कि सही बीज और तकनीक से खेती को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाया जा सकता है.

कोरोना काल ने बदल दी जिंदगीप्रियांक बताते हैं कि कोरोना काल के दौरान उन्होंने लोगों की कमजोर इम्युनिटी के कारण जानें जाते देखीं. तभी उनके मन में यह बात बैठी कि शुद्ध खाना ही असली स्वास्थ्य का आधार है. मुंबई में नौकरी छोड़ वह गांव लौटे और पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से खेती शुरू करने का फैसला किया. उनका उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि लोगों तक शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद पहुंचाना है.

ऑर्गेनिक खेती और एग्रो टूरिज्म की दिशा में कदमअब प्रियांक सिर्फ आलू ही नहीं बल्कि गेहूं, हरी सब्जियां और फल भी पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके से उगा रहे हैं. इसके साथ ही, वह अपने गांव में एक रिसॉर्ट विकसित कर ‘एग्रो टूरिज्म’ को भी बढ़ावा दे रहे हैं ताकि शहरी लोग और युवा खेती की प्रक्रिया को करीब से समझ सकें और प्रकृति से जुड़ सकें.

पिता ने कहा – “आज गर्व है बेटे पर”प्रियांक के पिता संजय सुराणा, जो खुद रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़े हैं, कहते हैं कि पहले बेटे की जिद समझ नहीं आई और उन्हें चिंता थी, पर आज वही जिद गांव और देश दोनों के लिए मिसाल बन गई है. उन्हें आज अपने बेटे पर गर्व है.

Location :

Pali,Pali,Rajasthan

First Published :

October 30, 2025, 09:26 IST

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Success Story: पाली के युवक ने खेत में उगाया ‘सोना’, अमेरिका भी बोला- Send Mo

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