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कोच अमोल के पास था एक ‘अनमोल’ रत्न, WC में धोनी की तरह करती रहीं धमाका

Last Updated:November 04, 2025, 18:22 IST

विकेटकीपर बल्लेबाज रिचा घोष ने कहा है कि भारत की विश्व कप विजेता टीम विश्वास और अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता की नींव पर बनी है जिसमे कोच अमोल मजूमदार ने उन्हें ‘फिनिशर’ की भूमिका सौंपी है . कोच अमोल के पास था एक 'अनमोल' रत्न, WC में धोनी की तरह करती रहीं धमाकाभारतीय टीम की विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ने वर्ल्ड कप जिताने में निभाया बड़ा रोल

नई दिल्ली. इस बार के वर्ल्ड कप में जब जब मैदान पर सबको लगा कि अब मैच हाथ से निकल जाएगा  तभी पिच पर उतरी एक ‘फायरब्रांड फिनिशर’ रिचा घोष. हाथों में ग्लव्स, आँखों में जज़्बा और बल्ले में वो धमाका जिसने पूरे स्टेडियम को खड़ा कर दिया. वो आईं और जो किया, वो सिर्फ़ बल्लेबाज़ी नहीं थी  वो थी एक ‘धोनी स्टाइल फिनिश करने वाली बल्लेबाज.  आख़िरी ओवर्स में रिचा ने लगाई ऐसी गोलाबारी कि गेंदबाज़ भी हैरान, फैंस दीवाने, और स्कोरबोर्ड जलता हुआ नज़र आया.बड़े-बड़े सिक्सर, मैदान के बाहर जाते बॉल्स, और फिर वो ठंडी मुस्कान  जैसे कह रही हों, “खेल ख़त्म नहीं, कहानी शुरू हुई है. विकेटकीपर बल्लेबाज रिचा घोष ने कहा है कि भारत की विश्व कप विजेता टीम विश्वास और अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता की नींव पर बनी है जिसमे कोच अमोल मजूमदार ने उन्हें ‘फिनिशर’ की भूमिका सौंपी है. दो बार फाइनल में हारी भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विश्व कप जीता.

लेडी धोनी ने धो डाला 

रिचा ने जियो स्टार के ‘फॉलो द ब्लू’ कार्यक्रम में कहा ,‘‘ मेरा मुख्य काम मैच में आखिर तक टिककर तेजी से रन बनाने का था. मुझे जब भी बल्लेबाजी का मौका मिला तो मैने यही करने की कोशिश की. मैने स्ट्राइक रेट ऊंचा रखकर विरोधी गेंदबाजों पर दबाव बनाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा ,‘‘ ये अतिरिक्त रन बनाने से टीम का दबाव कम हुआ और हमें जीतने का बेहतर मौका मिला. रिचा ने आठ पारियों में 133 . 52 की स्ट्राइक रेट से 235 रन बनाये .इसके साथ ही उन्होंने महिला विश्व कप में सर्वाधिक छक्कों के वेस्टइंडीज के डिएंड्रा डोटिन (12) के रिकॉर्ड की भी बराबरी की.

कोच ने किया काम आसान 

रिचा घोष ने  कोच अमोल मजूमदार की भी तारीफ की जिन्होंने ऐसा माहौल तैयार किया कि हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका के बारे में पता था . रिचा ने कहा ,‘‘ अमोल सर ने टीम में सभी की भूमिका स्पष्ट कर दी थी. मेरा काम बेखौफ क्रिकेट खेलना, बड़े शॉट लगाना और अंत तक डटे रहना था. ’’उन्होंने कहा ,‘‘ मैने विश्व कप से पहले क्रीज पर टिककर बड़ी पारी खेलने का काफी अभ्यास किया.  जब भी खेलने का मौका मिला तो मैने जमीनी शॉट लगाये और अपना विकेट फेंकने से बचती रही . मैने एक दो रन लेने के मौके भी नहीं गंवाये.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 04, 2025, 18:22 IST

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