Nagaur Smart Goshala | CCTV Cattle Monitoring | Modern Dairy Farming | Youth Managed Cattle Farm | Digital Livestock Management | Smart Animal Care System

Last Updated:November 08, 2025, 13:00 IST
Nagaur Smart Goshala: नागौर की एक आधुनिक गोशाला इन दिनों चर्चा में है, जहां गायों की सुरक्षा और देखभाल के लिए सीसीटीवी कैमरों के जरिए 24 घंटे निगरानी की जाती है. इस गोशाला का संचालन गांव के युवा कर रहे हैं, जो तकनीक के माध्यम से पशुपालन को नई दिशा दे रहे हैं. यह मॉडल प्रेरणादायी बन रहा है.
नागौर. राजस्थान का नागौर जिला पशुपालन के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर किसान खेती के साथ विशेष रूप से गोपालन का काम करते हैं. यहां गोवंशों की देखभाल के लिए दर्जनों गोशाला भी बनी हुई है. इन्हीं गोशालाओ में रायधनु गांव की आदर्श गोपाल गोशाला आज तकनीक और परंपरा के अनूठे संगम की मिसाल बन गई है. यह गोशाला न केवल 400 से अधिक गोवंशों के लिए सुरक्षित आश्रय है, बल्कि युवा पीढ़ी की सोच और नवाचार का उदाहरण दिया है. 15 बीघा क्षेत्र में फैली इस गोशाला की नींव लगभग सात साल पहले गांव के युवाओं ने मिलकर रखी थी. खास बात यह है कि इन युवाओं ने गोशाला के संचालन के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से करीब 15 लाख रुपए का फंड जुटाया था.
इस गोशाला की एक बड़ी विशेषता इसका हाई-टेक मैनेजमेंट सिस्टम है. यहां के युवा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश-विदेश में बसे ग्रामीणों से फंड एकत्र करते हैं और गोशाला के संचालन में पारदर्शिता बनाए रखते हैं. इतना ही नहीं, बाहर रह रहे युवा सीसीटीवी कैमरों के जरिए गोशाला की निगरानी भी करते हैं. इस तकनीकी निगरानी से न केवल गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि मैनेजमेंट भी सही रहता है.
हर महीने फंड जुटाकर गौसेवा का कार्य किया जा रहा गांव के रेवंतराम लोयल बताते हैं कि यह पहल नई पीढ़ी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है. उनका कहना है कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से पशु कल्याण को नई दिशा मिल सकती है. यहां हर गोसेवक पूरी जिम्मेदारी और समर्पण के साथ काम करता है. सोशल मीडिया के माध्यम से हर महीने फंड जुटाकर गौसेवा का कार्य किया जाता है. ताकि किसी भी गोवंश को भोजन या देखभाल में कमी न हो. यह गोशाला केवल गायों के आश्रय तक सीमित नहीं, बल्कि गोवंश की नस्ल सुधार पर भी विशेष कार्य हो रहा है
गोशाला में कई आधुनिक व्यवस्थाएं यहां बारपारकर जैसी देशी नस्लों के संवर्धन के लिए बीकानेर के बीछवाल और बाड़मेर के दाता केंद्रों से शुद्ध नस्ल के बछड़े लाए गए हैं. इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली नस्ल विकसित कर दूध उत्पादन और गोवंश की सेहत में सुधार करना है. यहां ऑटोमेटिक वाटर सप्लाई सिस्टम और वर्षा जल संरक्षण जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं भी की गई हैं. इसके साथ ही वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करने की यूनिट भी स्थापित है, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है. गोशाला परिसर में पक्षियों के लिए दाने-पानी और घोंसलों की व्यवस्था कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा रहा है.
Jagriti Dubey
With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें
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Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
November 08, 2025, 13:00 IST
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