अंता में 80.32 फीसदी मतदान ने बढ़ाई BJP और कांग्रेस की धड़कनें, अब 3 दिन अटकी रहेंगीं सांसें

Last Updated:November 12, 2025, 13:51 IST
Anta by-Election Latest News : अंता विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में बंपर वोटिंग हुई है. इस बंपर वोटिंग से बीजेपी और कांग्रेस दोनों खेमों में हलचल मची हुई है. यह वोटिंग किसके पक्ष में और किसके खिलाफ हुई इसका खुलासा तो 14 नवंबर को होगा लेकिन तब तक यहां बीजेपी कांग्रेस की सांसें अटक सी गई है. सबकी नजरें अब नरेश मीणा पर टिकी है.
निर्दलीय नरेश मीणा ने यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
बारां. बारां जिले की अंता विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनने के लिए 80.32 फीसदी मतदाता बूथों तक पहुंचे और वोट किया. अंता में हुई भारी वोटिंग ने बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की धड़कनें बढ़ा दी है. हालांकि यह मतदान प्रतिशत साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले कुछ कम है. साल 2023 में अंता में रिकॉर्ड 81.17 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे. लेकिन अब फिर उपचुनाव में हुई इस भारी वोटिंग से अब इस बात की चर्चा हो रही है कि यह मतदान किसके पक्ष में और किसके खिलाफ गया है. इसका खुलासा तीन बाद में 14 नंवबर को होने वाली मतगणना में होगा. लेकिन तब तक बीजेपी-कांग्रेस की सांसें अटकी रहेंगी.
अंता के रण में इस बार बीजेपी प्रत्याशी सुमन मोरपाल नए हैं. जबकि कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय नरेश मीणा पुराने खिलाड़ी हैं. उपचुनाव में यह सीट सत्तारुढ़ पार्टी बीजेपी के लिए साख का सवाल बनी हुई है. यहां सीएम भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर है. यह इलाका वसुंधरा राजे का माना जाता है. अंता बारां जिले में है. झालावाड़ और बारां मिलाकर यहां लोकसभा की सीट बनती है. झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से राजे पांच बार लगातार सांसद रह चुकी हैं. उसके बाद लगातार पांच बार से उनके बेटे दुष्यंत सिंह यहां से सांसद हैं.
नरेश मीणा ने इस सीधे मुकाबले को त्रिकोणीय बना दियाइस चुनाव की कमान की भी दुष्यंत सिंह के हाथ में थी. चूंकि यह सीट पूर्व में बीजेपी के पास थी. लिहाजा उसने इस सीट को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झौंक दी थी. सीएम भजनलाल शर्मा और वसुंधरा राजे ने यहां दो रोड शो किए. वहीं डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा समेत भजनलाल कैबिनेट के कई मंत्री चुनाव जीतने के लिए यहां प्रचार अभियान में जुटे रहे. बीजेपी की टक्कर कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया से होनी थी. लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने इस सीधे मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया.
प्रमोद जैन भाया अंता से दो चुनाव भारी मतों से जीत चुके हैंप्रमोद जैन भाया यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं. वे दोनों दफा भारी अंतर से चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस के भाया ने 2008 में भाजपा के दिग्गज नेता रघुवीर सिंह कौशल को 29668 वोटों और 2018 में बीजेपी के ही प्रभुलाल सैनी को 34063 वोटों से हराया था. वे 2013 में बीजेपी से महज 3399 वोटों से और 2023 में 5861 मतों के अंतर से हारे थे. अब तक चार बार हुए चुनाव में प्रमोद जैन भाया दो बार भारी मतों से जीते हैं और दो बार बेहद कम मार्जिन से हारे हैं. यह तब हुआ जब कोई दमदार निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में नहीं था.
नरेश मीणा ने छबड़ा में हासिल किए थे 44 हजार से ज्यादा वोटइस पर यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए नरेश मीणा मैदान में है. मीणा ने 2023 का चुनाव बारां जिले की छबड़ा सीट से लड़ा था. उस चुनाव में भले ही नरेश मीणा हार गए थे लेकिन उन्होंने 44000 से अधिक वोट हासिल कर बीजेपी और कांग्रेस को चौंका दिया था. इस बार वे अंता से मैदान में हैं. अपनी आक्रामक शैली के कारण वे युवाओं में लोकप्रिय हैं. वहीं टोंक जिले देवली-उनियारा उपुचनाव में समरावता में हुए थप्पड़ कांड के कारण वे लगातार चर्चा में बने हुए हैं. वहां भी मीणा ने अच्छे खास वोट बटोरकर कांग्रेस का गणित बिगाड़कर उसकी जमानत जब्त करवा दी थी. अब अंता में वे किसका गणित बिगाड़ेंगे यह 14 नंवबर को काउंटिंग में साफ होगा.
Sandeep Rathore
संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर…और पढ़ें
संदीप राठौड़ ने वर्ष 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की जयपुर से शुरुआत की. बाद में कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर की जिम्मेदारी निभाई. 2017 से के साथ नए सफर की शुरुआत की. वर… और पढ़ें
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
November 12, 2025, 13:47 IST
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अंता में 80.32 फीसदी मतदान ने बढ़ाई BJP और कांग्रेस की धड़कनें, जानें वजह



