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Health tips : मुर्गा-बकरा नहीं खाने वालों सावधान…तुम पर इन बीमारियों की नजर, सुन्न हो जाएगी बॉडी – Uttar Pradesh News

जौनपुर. अगर आप शाकाहारी हैं तो थोड़ा घबराने की जरूरत है. डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों के भोजन में मांस, अंडा या डेयरी उत्पाद बहुत कम होते हैं, उनमें विटामिन B12 की कमी होने का खतरा बढ़ जाता है. जौनपुर के जानेमाने फिजिशियन डॉ. ऋषभ यादव बताते हैं कि विटामिन B12 हमारे शरीर के लिए जरूरी तत्व है, जो नसों, दिमाग और रक्त निर्माण के लिए जरूरी होता है. इसकी कमी को नजरअंदाज करना कई गंभीर बीमारियों को बुलावा दे सकता है. डॉ. यादव बताते हैं कि विटामिन B12 की कमी के शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर थकान या कमजोरी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन जब यह कमी बढ़ जाती है, तो शरीर में सुन्नपन, हाथ-पैरों में झुनझुनी, याददाश्त कमजोर होना, चक्कर आना, और ध्यान केंद्रित न कर पाना जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. कई बार यह कमी मानसिक तनाव और डिप्रेशन तक का कारण बन जाती है.

घेर लेंगी बीमारियां

डॉ. यादव के अनुसार, विटामिन B12 का मुख्य स्रोत पशु-आधारित खाद्य पदार्थ होते हैं — जैसे दूध, पनीर, दही, अंडा, मछली और मांस. जो लोग शुद्ध शाकाहारी हैं या वीगन डाइट लेते हैं, उनमें इस विटामिन की कमी अधिक देखने को मिलती है. ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह पर विटामिन B12 की गोली या इंजेक्शन लेना चाहिए, ताकि शरीर में इसकी पूर्ति बनी रहे. अगर किसी व्यक्ति को लगातार थकान महसूस हो रही हो, सांस फूलने लगे, जीभ पर जलन या सूजन हो, या चेहरा पीला दिखाई दे रहा हो, तो उसे तुरंत जांच करवानी चाहिए. खून जांच से विटामिन B12 के स्तर का पता लगाया जा सकता है. यदि समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो यह कमी आसानी से पूरी की जा सकती है.

न करें ये गलती 

डॉ. यादव  बताते हैं कि आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान का संतुलन बिगड़ गया है. फास्ट फूड और प्रोसेस्ड डाइट के कारण भी शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता, इसलिए जरूरी है कि लोग अपने खाने में दूध, दही, अंकुरित अनाज और फोर्टिफाइड फूड शामिल करें. गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और किशोरों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में हर छह महीने पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए. विटामिन B12 कोई साधारण पोषक तत्व नहीं, बल्कि यह शरीर की ऊर्जा का स्रोत है. अगर इसकी कमी को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आगे चलकर यह नसों की कमजोरी और एनीमिया जैसी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है. डॉ. ऋषभ यादव कहते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट न लें, बल्कि जांच करवाकर डॉक्टर की सलाह पर ही सही मात्रा में ही दवा या इंजेक्शन लें. संतुलित आहार और नियमित जांच ही विटामिन B12 की कमी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है.

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