Guava Planting Tips for Home Garden

Last Updated:November 15, 2025, 09:32 IST
Guava Planting Tips: भीलवाड़ा में सर्दियों की शुरुआत के साथ किचन गार्डनिंग का चलन बढ़ रहा है. अमरूद का पौधा कम मेहनत में ज्यादा फल देने वाला माना जाता है. सही पौधे का चयन, उपयुक्त मिट्टी (50% मिट्टी, 30% खाद, 20% रेत), उचित सिंचाई और नियमित जैविक खाद, इन आसान तरीकों से कोई भी व्यक्ति घर पर अमरूद उगा सकता है और सालभर स्वाद व सेहत दोनों का आनंद ले सकता है.
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही लोग अपने किचन गार्डन में फलदार पौधे लगाने की तैयारी करने लगते हैं. इन्हीं में से एक है अमरूद, जो कम मेहनत में ज़्यादा फल देने वाला पौधा माना जाता है. अमरूद का पेड़ छोटा होता है और घर में आसानी से लगाया जा सकता है. इसकी खुशबूदार फलियाँ न सिर्फ स्वाद बढ़ाती हैं बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होती हैं. यही कारण है कि लोग घर पर ही अमरूद उगाना पसंद करते हैं. किचन गार्डन में अमरूद लगाने के लिए सबसे ज़रूरी है सही पौधे का चयन. नर्सरी से 1 से 1.5 फीट ऊँचा स्वस्थ पौधा खरीदें, जिसकी जड़ें मज़बूत और तना हरा होना चाहिए. कटिंग से भी अमरूद का पौधा तैयार किया जा सकता है, लेकिन शुरुआती लोगों के लिए तैयार पौधा लगाना ज़्यादा आसान होता है. यह भी ध्यान रखें कि पौधा किसी बीमारी या कीड़े से प्रभावित न हो.

अमरूद का पौधा लगाने के लिए ऐसी जगह चुनें जहाँ दिनभर भरपूर धूप आती हो. इसके लिए 2×2 फीट का गड्ढा तैयार करें और उसमें मिट्टी, गोबर की खाद और रेत को बराबर मात्रा में मिलाकर भरें. पौधे को गड्ढे में लगाने के बाद हल्का पानी दें ताकि मिट्टी सेट हो जाए. यदि आप इसे गमले में लगा रहे हैं तो कम से कम 16 इंच का बड़ा गमला इस्तेमाल करें. सही जगह, उपयुक्त गड्ढा और संतुलित मिट्टी का मिश्रण अमरूद के पौधे की स्वस्थ वृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है.

अमरूद के पौधे को ज्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती. पानी देने की आवृत्ति मौसम पर निर्भर करती है, गर्मियों में सप्ताह में दो बार और सर्दियों में 7-10 दिन में एक बार पानी दें. पानी इतना ही दें कि मिट्टी नम रहे, लेकिन बिल्कुल गीली न हो. मिट्टी का अत्यधिक गीलापन पौधे को नुकसान पहुँचा सकता है. यदि पौधा नई जगह लगाया है तो शुरुआती 15 दिनों तक नियमित पानी देने से पौधा जल्दी अपनी जड़ें जमा लेता है.

खाद डालना अमरूद की ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण है. पौधे को आवश्यक पोषक तत्व देने के लिए हर 30-40 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें. इससे पौधे को आवश्यक पोषण मिलता है और फल आने की प्रक्रिया भी बेहतर होती है. रासायनिक खादों का उपयोग कम से कम करें क्योंकि यह पौधे की गुणवत्ता पर बुरा असर डाल सकते हैं, इसलिए प्राकृतिक और जैविक खाद का उपयोग ही सबसे अच्छा है.

अमरूद के पौधे में कीट अक्सर पत्तों को नुकसान पहुँचाते हैं. इसके लिए नीम का तेल एक बेहतरीन घरेलू उपाय है. 5 मिली नीम तेल को एक लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें. यह पौधे को कीड़ों से बचाकर स्वस्थ रखता है. इसके अलावा, समय-समय पर सूखी और पीली पत्तियों को हटा देना चाहिए ताकि पौधे में हवा और रोशनी सही से पहुँच सके. यह प्रूनिंग (छँटाई) पौधे को रोगों से बचाती है और पौधे की वृद्धि को प्रोत्साहित करती है.

सही देखभाल मिलने पर, लगाने के एक से दो साल बाद अमरूद का पौधा फल देना शुरू कर देता है. फल की बेहतर गुणवत्ता और अधिक उपज के लिए नियमित छँटाई (Pruning) से पौधा घना और मज़बूत बनता है. छँटाई हमेशा सर्दियों में करें ताकि गर्मियों में नई कोपलें (Shoots) निकल सकें और उन पर फल आ सकें. सही देखभाल मिलने पर घर के किचन गार्डन में लगाया गया एक छोटा सा अमरूद का पेड़ भी पूरे परिवार के लिए ताज़ा और स्वादिष्ट फल पैदा कर सकता है.
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November 15, 2025, 09:32 IST
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किचन गार्डन में अमरूद उगाना इतना आसान? बस ये एक तरीका अपना लो…



