भारत की सीमा पर गिरते थे हथियार-ड्रग्स! NIA ने पेश की चार्जशीट, विशाल पचार का गुप्त नेटवर्क आया सामने

जयपुर. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित विशेष अदालत में एक बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी विशाल पचार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला अंतरराष्ट्रीय सीमा पार हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़ा है, जिसमें पाकिस्तान से ड्रोन की मदद से भारत में सामान पहुंचाया जा रहा था. NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि विशाल पचार का नेटवर्क राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न इलाकों में फैला हुआ था, जो सीमा सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहा था.
NIA की टीम ने महीनों की कड़ी मेहनत के बाद यह चार्जशीट तैयार की, जिसमें आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए गए हैं. जांच के अनुसार, गिरोह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार, गोला-बारूद और ड्रग्स मंगवाता था. ये ड्रोन सीमा पार से उड़ान भरते और भारत की सरहद पर निर्धारित जगहों पर सामान गिराकर वापस लौट जाते. इससे न केवल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा था, बल्कि नशीले पदार्थों की तस्करी से युवा पीढ़ी को भी नुकसान पहुंच रहा था. विशाल पचार इस पूरे ऑपरेशन का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जिसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक मजबूत नेटवर्क खड़ा किया था.
इसे बाजार में बेचकर मुनाफा कमातेगिरोह की कार्यप्रणाली बेहद चालाकी भरी थी. वे एन्क्रिप्टेड मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल करते थे, ताकि उनकी बातचीत कोई ट्रेस न कर सके. इसके अलावा, सीक्रेट रास्तों और गुप्त ठिकानों का सहारा लेकर सामान की डिलीवरी सुनिश्चित की जाती थी. राजस्थान के बॉर्डर एरिया, हरियाणा के ग्रामीण इलाकों और पंजाब की सरहद से सटे क्षेत्रों में यह नेटवर्क सक्रिय था. NIA के सूत्रों के मुताबिक, ड्रोन से गिराए गए पैकेज में AK-47 जैसी राइफलें, पिस्तौलें, हेरोइन और अन्य ड्रग्स शामिल होते थे. ये सामान आगे लोकल डीलर्स तक पहुंचाया जाता, जो इसे बाजार में बेचकर मुनाफा कमाते.
कई आरोपी गिरफ्तार हुएNIA ने इस मामले की जांच पिछले साल शुरू की थी, जब बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने कुछ संदिग्ध ड्रोन गतिविधियों की सूचना दी. इसके बाद छापेमारी में विशाल पचार सहित कई आरोपी गिरफ्तार हुए. चार्जशीट में 500 से अधिक पन्नों में सबूतों का जिक्र है, जिसमें ड्रोन के फुटेज, मोबाइल चैट्स, बैंक ट्रांजेक्शन और गवाहों के बयान शामिल हैं. एजेंसी का कहना है कि यह तस्करी नेटवर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से भी जुड़ा हो सकता है, जो भारत में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं.
यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. ड्रोन तकनीक का दुरुपयोग सीमा पार अपराधों को नई ऊंचाई दे रहा है. NIA की टीम अभी भी मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है. अदालत में चार्जशीट पेश होने के बाद ट्रायल शुरू होगा, जिसमें आरोपी को कड़ी सजा मिलने की उम्मीद है.
कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकतासरकार और सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन विरोधी तकनीक को मजबूत करने पर जोर दे रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे नेटवर्क को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है. जयपुर कोर्ट में यह केस अब पूरे देश की नजरों में है, जो तस्करी के खिलाफ चल रही मुहिम को और मजबूत बनाएगा. NIA की इस कार्रवाई से सीमा पार अपराधियों को साफ संदेश गया है कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता.



