राजस्थान को मिला नया मुख्य सचिव! जानें कौन हैं IAS वी. श्रीनिवास और कैसे बने राज्य प्रशासन का नया चेहरा

जयपुर. राजस्थान की नौकरशाही में एक नया अध्याय जोड़ा गया है. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वी. श्रीनिवास को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. 1989 बैच के इस अधिकारी को कार्मिक विभाग ने औपचारिक रूप से जिम्मेदारी सौंपी है, जो सुधांश पंत के स्थान पर 1 दिसंबर से पदभार संभालेंगे. उनकी मजबूत प्रशासनिक पकड़, संवेदनशील निर्णय क्षमता और केंद्र-राज्य दोनों स्तरों पर सिद्ध कार्यशैली के लिए जाना जाता है. कार्मिक विभाग जैसी अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का दायित्व मिलना उनके लंबे अनुभव और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है.
वी. श्रीनिवास का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था, जहां उन्होंने हैदराबाद के ओस्मानिया विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और एम.टेक पूरा किया. दोनों डिग्रियां उन्होंने फर्स्ट क्लास विद डिस्टिंक्शन के साथ हासिल की, जो उनकी मेहनती और अनुशासित प्रकृति का प्रमाण है. लेकिन इंजीनियरिंग की दुनिया छोड़कर उन्होंने सिविल सेवा का रास्ता चुना. 1989 में राजस्थान कैडर से आईएएस बनने के बाद, श्रीनिवास ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे राजस्थान के पांचवें सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक हैं और अगस्त 2028 तक सेवानिवृत्ति का इंतजार कर रहे हैं.
राज्य स्तर से शुरू हुई थी वी. श्रीनिवास की यात्रा
वी. श्रीनिवास की यात्रा की शुरुआत राज्य स्तर पर ही हुई. जिला प्रशासन से लेकर विभागीय सचिव तक, श्रीनिवास ने राजस्थान के विभिन्न कोनों में सेवा दी. 2018 में गहलोत सरकार के सत्ता में आने से ठीक पहले वे केंद्र की ओर रुख कर गए, जहां उनकी विशेषज्ञता ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. केंद्र में श्रीनिवास का करियर एक रोल मॉडल है. वे वर्तमान में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत विभाग ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स एंड पब्लिक ग्रिवांसेज (DARPG) और विभाग ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर के सचिव के रूप में कार्यरत थे. यहां उन्होंने ई-गवर्नेंस, प्रशासनिक सुधारों और पेंशन प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाए.
राजस्थान के नए मुख्य सचिव बने वरिष्ठ आईएएस आधिकारी वी. श्रीनिवास
IIAS के अध्यक्ष भी चुने गए हैं वी श्रीनिवास
संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय अभिलेखागार का नेतृत्व किया. डिजिटल संरक्षण, सांस्कृतिक विरासत के दस्तावेजीकरण और अभिलेख प्रणाली को मजबूत करने में उनकी भूमिका सराहनीय रही. 2025-2028 के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक विज्ञान संस्थान (IIAS) का अध्यक्ष चुना गया, जो वैश्विक स्तर पर प्रशासनिक उत्कृष्टता का प्रतीक है. श्रीनिवास की ईमानदारी और कुशल शासन के लिए उन्हें हमेशा सराहा गया है. केंद्र से राज्य वापसी के लिए राजस्थान सरकार ने प्रस्ताव भेजा, जिसे DoPT ने 14 नवंबर 2025 को मंजूरी दी. उनकी जगह आईएएस रचना शाह को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया.
राजस्थान के मुख्य सचिव के रूप में नई जिम्मेदारी
सुधांश पंत के दिल्ली वापसी के बाद खाली हो रही इस कुर्सी पर श्रीनिवास का नाम सबसे मजबूत दावेदारों में से एक था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के इस फैसले से नौकरशाही में स्थिरता की उम्मीद है. मुख्य सचिव के तौर पर वे नीति निर्माण, विभागीय समन्वय और राज्य विकास योजनाओं का नेतृत्व करेंगे. भजनलाल सरकार के तीसरे बड़े दिल्ली-आधारित नियुक्ति (पंत और राजीव शर्मा के बाद) के रूप में यह कदम महत्वपूर्ण है. दिल्ली में अपनी अंतिम मीटिंग में उन्होंने ई-गवर्नेंस नेशनल अवॉर्ड्स 2026 के लिए नामांकन बैठक की अध्यक्षता की, जो उनकी समर्पण की मिसाल है.
वी. श्रीनिवास के नेतृत्व में प्रशासनिक कार्यो में आएगी पारदर्शिता
वी. श्रीनिवास की कहानी मेहनत, नवाचार और सेवा भाव की है. एक तेलुगु मूल के अधिकारी के रूप में राजस्थान को नया मुख्य सचिव मिलना विविधता का प्रतीक है. उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रशासन और अधिक पारदर्शी, कुशल और जन-केंद्रित बनेगा. यह नियुक्ति राजस्थान के लिए एक नया दौर लाने वाली है. वी. श्रीनिवास की प्रोफाइल नौकरशाहों के लिए प्रेरणा है. इंजीनियरिंग की डिग्री से लेकर मुख्य सचिव की कुर्सी तक, सब कुछ संभव है.



