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सुपरहिट बेटियों की मां, गरीबी दूर करने के लिए बनी हीरोइन, सीता का रोल निभाकर बन गई स्टार

Last Updated:November 17, 2025, 04:01 IST

हम जिस हीरोइन की बात कर रहे हैं, उनकी बेटियां हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकारा रही हैं. आज उनकी नातिन भी एक मशहूर हीरोइन हैं. उन्होंने परिवार की स्थिति सुधारने के लिए फिल्मों में तब कदम रखा था, जब एक्टिंग निचले दर्जे का पेशा समझा जाता था.

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हिट बेटियों की मां, गरीबी दूर करने के लिए बनी हीरोइन, सीता के रोल से बनी स्टारएक्ट्रेस की आज 100वीं जयंती है. (फोटो साभार: IANS)

नई दिल्ली: जब महिलाओं को घर से अपनी मर्जी से निकलने की आजादी तक नहीं होती थी, उस वक्त दिग्गज एक्ट्रेस अपनी खूबसूरती और अदाकारी से फैंस का दिल जीत रही थी. उन्होंने उस वक्त के सबसे बड़े हीरो के साथ स्क्रीन शेयर की और अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी गई. सोमवार 17 नवंबर को उनकी 109वीं जयंती है. हम शोभना समर्थ की बात कर रहे हैं.

भारतीय एक्ट्रेस, निर्देशक और निर्माता रहीं शोभना समर्थ का जन्म 17 नवंबर 1916 को बॉम्बे में (ब्रिटिश भारत) हुआ था. उनकी मां रतनबाई शिलोत्री पहले से ही मराठी सिनेमा में सक्रिय थीं और गायन भी करती थीं, जबकि उनके पिता प्रभाकर शिलोत्री बैंक में काम करते थे. शोभना समर्थ का असल नाम सरोज शिलोत्री था. एक्ट्रेस का शुरुआती जीवन बहुत कठिन रहा क्योंकि पिता की मौत के बाद वे अपनी मां के साथ बॉम्बे में अपने मामा के घर आ गईं और वहीं कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने फिल्मों में कदम रखा.

घरवालों ने किया विरोधशोभना के मामा ने फिल्मों में काम करने का विरोध किया, क्योंकि फिल्मों में काम करने वाली लड़कियों को गलत नजर से देखा जाता था. उस वक्त रंगमंच या फिल्मों में महिलाओं का रोल करने के लिए पुरुष ही महिला बनते थे. इसके अलावा, इस पेशे में न तो ज्यादा वेतन मिलता था और न ही सम्मान. इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए शोभना समर्थ ने फिल्मों में कदम रखा.

फिल्म ‘राम राज्य’ से मिली पहचान शोभना समर्थ ने करियर की शुरुआत 1935 में आई फिल्म ‘निगाह-ए-नफरत’ से की. फिल्म उर्दू और मराठी में रिलीज हुई थी, लेकिन बाद में फिल्म हिंदी में भी आई. फिल्म पर्दे पर असफल रही, लेकिन शोभना पहली ही फिल्म से चर्चा में आ गई थीं. वह 1937 में आई ‘कोकिला’, 1936 में आई ‘दो दीवाने’, 1938 में आई ‘निराला हिंदुस्तान’, और 1939 में आई ‘पति पत्नी’ समेत कई फिल्मों में दिखीं, लेकिन उन्हें पहचान 1943 में आई मशहूर फिल्म ‘राम राज्य’ से मिली, जिसमें उन्होंने मां सीता का रोल किया था.

नूतन और तनुजा की मां हैं शोभना समर्थएक्ट्रेस ने फिल्म निर्देशक कुमारसेन समर्थ से शादी की. कपल चार बच्चों के माता-पिता बने. उन्होंने बेटी नूतन, तनुजा, चतुरा और एक बेटे जयदीप की परवरिश की. नूतन और तनुजा, दोनों 1950-1980 के दशक की टॉप अभिनेत्रियां रहीं. इतना ही नहीं, इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए तनुजा की बेटी एक्ट्रेस काजोल मशहूर एक्ट्रेस हैं और आज तक पर्दे पर उनका जलवा कायम है.

Abhishek Nagar

अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल…और पढ़ें

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First Published :

November 17, 2025, 04:01 IST

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