Jaipur Pink E-Rickshaw Women Success Story

Last Updated:November 17, 2025, 13:00 IST
Jaipur News: जयपुर की 50 से अधिक महिलाएं सामाजिक ताने, कमेंट और बंदिशों को तोड़कर पिंक ई-रिक्शा चलाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. पर्यटकों को जयपुर घूमाकर वे रोजाना 1500–2000 रुपए और महीने में 40–50 हजार रुपए तक कमा रही हैं. यह समूह महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी हुई है, जिसने रूढ़िवादी सोच को बदला है.
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जयपुर. कभी समाज की ओझी नजरों और तानों के बीच जिस सफर की शुरुआत हुई थी, आज वही महिलाएं शहर की पहचान बन गई हैं. जयपुर की कई महिलाएं, जिन्होंने ई-रिक्शा चलाना शुरू किया था, तब लोगों ने ताने मारे, गंदे कमेंट किए और परिवार ने भी संकोच जताया. लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें मजबूर किया और आत्मनिर्भरता की चाह ने उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत दी. आज यही महिलाएं पिंक ई-रिक्शा समूह का हिस्सा बनकर हर महीने 40 हजार से 50 हजार रुपए की कमाई कर रही हैं और अपने बच्चों की परवरिश व परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती दे रही हैं.
9 साल से ई-रिक्शा चलाने वाली रेणु बनी 50 महिलाओं की लीडरलोकल-18 से बात करते हुए रेणु शर्मा बताती हैं कि वे पिछले 9 सालों से ई-रिक्शा चला रही हैं. छोटे-छोटे काम और 5-5 हजार की नौकरियों से आगे बढ़ते हुए आज उन्होंने 50 से अधिक महिलाओं को पिंक ई-रिक्शा समूह से जोड़ा. रेणु बताती हैं कि उनकी टीम जयपुर घूमने आने वाले पर्यटकों को ऐतिहासिक इमारतें, लोकल मार्केट और हेरिटेज सर्किट दिखाती है.
उनके अनुसार—“पहले लोग ताने मारते थे, कमेंट करते थे कि महिलाएं रिक्शा चलाएंगी? लेकिन आज वही लोग हमें सम्मान देते हैं.”
पर्यटकों को घुमाकर रोजाना 1500–2000 रुपए की कमाईसमूह की सदस्य मंजू शर्मा बताती हैं कि पिंक ई-रिक्शा महिलाएं आम रिक्शा की तरह सवारी ढुलाई नहीं करतीं. वे सिर्फ पर्यटकों को घुमाने का काम करती हैं. जयपुर में सालभर पर्यटकों की भीड़ रहती है, जिसके कारण महिलाओं की आमदनी निरंतर बनी रहती है.
मंजू के अनुसार—“हम हर दिन 1500 से 2000 रुपए कमा लेती हैं. महीने में आसानी से 40–50 हजार रुपए हो जाते हैं. आज लोग हमारी मेहनत को देखकर गर्व महसूस करते हैं.”
दूसरे ई-रिक्शा वाले बनते हैं परेशानी, फिर भी महिलाएं नियमों पर कायमहालाँकि पिंक ई-रिक्शा चलाने वालों को ट्रैफिक में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. मंजू बताती हैं कि शहर में चलने वाले कई अन्य ई-रिक्शा यातायात नियमों का पालन नहीं करते, जिससे पिंक समूह को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद वे नियमों के साथ ई-रिक्शा चलाती हैं ताकि पर्यटन सेवा सुरक्षित और बेहतर बनी रहे.
जयपुर की पहचान बनी पिंक ई-रिक्शा सेवायह खास पिंक ई-रिक्शा सेवा एक्सेस डेवलपमेंट कंपनी की पहल पर चलाई जाती है, जिसमें महिलाओं को प्रशिक्षण, सुरक्षा और आय का अवसर मिलता है. आज ये महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि जयपुर की सड़कों पर महिला सशक्तिकरण की नई पहचान भी बन गई हैं.
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
November 17, 2025, 13:00 IST
ताने झेलकर उठाई रिक्शा की स्टीयरिंग, आज जयपुर की महिलाएं कमा रही हैं 50 हजार..



