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Last Updated:November 24, 2025, 11:30 IST
Winter Plant Care Tips: नागौर में सर्दियों में गुड़हल का पौधा कमजोर हो जाता है, जिससे इसके फूल और पत्ते प्रभावित होते हैं. विशेषज्ञों और बागवानों के अनुसार, कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इसे स्वस्थ रखा जा सकता है. नियमित पानी, हल्की खाद और ठंड से बचाव के सरल तरीकों से गुड़हल की देखभाल करना आसान हो गया है.
सर्दियां शुरू होते ही गुड़हल का पौधा अपनी सामान्य ग्रोथ रोक देता है. गर्मियों और बरसात में लगातार फूल देने वाला यह पौधा ठंड में सिकुड़ जाता है, जिससे नई कलियां बनना बंद हो जाती हैं. तापमान कम होते ही इसकी जड़ें सख्त पड़ जाती हैं और पोषक तत्वों का प्रवाह धीमा हो जाता है. ऐसे में पत्तों का पीला होना, पौधे का झुकना और ग्रोथ रुकना आम समस्या बन जाती है.

गुड़हल के पत्तों के पीले पड़ने के पीछे तीन मुख्य कारण होते हैं. जिनमें ठंड, नमी और कम धूप. ठंड में जड़ें सिमट जाती हैं, जिससे पौधा पानी व पोषक तत्व सही तरह अवशोषित नहीं कर पाता. इसके कारण पुराने पत्ते पहले पीले होकर गिरने लगते हैं. यदि मिट्टी लगातार गीली रहती है तो जड़ों में फंगस बन जाती है और पत्तों का पीली होना तेजी से बढ़ जाता है. यह स्थिति देखभाल की कमी का संकेत है. हालांकि हल्का पीलापन सामान्य माना जाता है, पर लगातार पत्तों का झड़ना बताता है कि पौधे को तुरंत सही देखभाल की जरूरत है.

सर्दियों में गुड़हल को 6 से 7 घंटे की लगातार और तेज धूप चाहिए होती है. यदि पौधे को धूप नहीं मिलती, तो वह नई कलियां बनाना पूरी तरह बंद कर देता है. जिन घरों में बालकनी या आंगन में धूप कम आती है, वहां यह समस्या ज्यादा दिखाई देती है. विशेषज्ञ रामनिवास चौधरी बताते हैं कि पौधे को दक्षिण या दक्षिण-पूर्व में रखना सबसे अच्छा होता है. यदि धूप सीमित हो, तो सप्ताह में दो से तीन बार पौधे को कुछ घंटों के लिए तेज धूप वाली जगह रख देना चाहिए. जिससे धूप की कमी पूरी हो जाती हैं.
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सर्दियों में मिट्टी देर से सूखती है, इसलिए पानी देने में गलती सबसे ज्यादा होती है. यदि गुड़हल की मिट्टी लगातार गीली रहे, तो जड़ सड़ने लगती है और पत्ते झड़ने लगते हैं. इसलिए ठंड के मौसम में सिर्फ सप्ताह में 1 से 2 बार ही पानी देना चाहिए. पानी देने से पहले मिट्टी की ऊपरी 1 से 2 इंच परत हाथ से चेक करें. यदि वह सूखी लगे तभी पानी दें. पौधे के पीले पत्तों के साथ यदि मिट्टी गीली बनी रहती है, पौधे में पानी नहीं दे.

ठंड बढ़ते ही मिट्टी ठोस हो जाती है, जिससे जड़ों को हवा नहीं मिल पाती. इसलिए हर 10 से 12 दिन में मिट्टी की ऊपरी परत को हल्के हाथ से ढीला करना जरूरी है. अगर मिट्टी में सफेद फंगस दिखे, तो उसे तुरंत हटा दें और ऊपर से थोड़ा नीम पाउडर डालें. नीम मिट्टी की नमी को बैलेंस रखता है और फंगल ग्रोथ रोकता है. इससे जड़ों को फिर से ऊर्जा मिलती है और पौधा ठंड में भी धीरे-धीरे सुधार की ओर बढ़ने लगता है.

सर्दियों में भारी खाद देना गुड़हल के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए हल्की और धीरे-धीरे घुलने वाली खादें सबसे अच्छी होती हैं. घर का किचन कम्पोस्ट सर्दियों का सबसे सुरक्षित विकल्प है. महीने में दो से तीन मुट्ठी डालने से पौधे को धीमी और संतुलित ऊर्जा मिलती रहती है. इसके अलावा केले के छिलके का सूखा पाउडर भी पौधे को पोटैशियम देता है, जिससे पत्तियां मजबूत होती हैं. नीम खली पाउडर पौधे को पोषण देने के साथ मिट्टी को कीटों से भी बचाता है. इन हल्की खादों से पौधा सर्दियों में भी स्वस्थ बना रहता है.

गुड़ का पानी गुड़हल के लिए एक नेचुरल माइक्रो-न्यूट्रिएंट बूस्टर माना जाता है. एक लीटर पानी में एक चम्मच गुड़ मिलाकर महीने में एक बार पौधे में डालने से मिट्टी की माइक्रोबियल एक्टिविटी बढ़ती है. यह जड़ों को गर्माहट देता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को तेज करता है. इससे पौधे की सुस्ती कम होती है और वह ठंड के बावजूद एक्टिव रहना शुरू कर देता है. कई माली इसे सर्दियों का सबसे असरदार घरेलू घोल बताते हैं.
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November 24, 2025, 11:30 IST
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अब सर्दियों में भी खिलेंगे गुड़हल के फूल! बगीचों के लिए अपनाएं ये देसी टिप्स



