घर का गार्डन बनेगा और भी खूबसूरत व हेल्दी: आसान तरीकों से उगाएं ऑर्गेनिक हल्दी और पाएं भरपूर फसल

Last Updated:November 27, 2025, 12:43 IST
Gardening Tips : घर में हल्दी उगाना अब ट्रेंड बन चुका है! लोग गार्डन में सब्जियों के साथ मसालेदार पौधे भी लगा रहे हैं, जिनमें हल्दी सबसे पसंदीदा है. यह सेहत और स्वाद दोनों के लिए फायदेमंद है. कम देखभाल, कम जगह और ऑर्गेनिक प्रोडक्शन – हल्दी का पौधा हर घर की बगिया को हरा-भरा और उपयोगी बना देता है.
घर के गार्डन को हरा-भरा और खूबसूरत बनाने के लिए लोग अब फल-सब्जियों के साथ मसालेदार पौधों को भी उगाने लगे हैं. इन्हीं में से एक है हल्दी, जो रसोई में रोज इस्तेमाल होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है. खास बात यह है कि हल्दी का पौधा ज्यादा देखभाल नहीं मांगता और थोड़ी-सी जगह में भी आसानी से उगाया जा सकता है. इसी कारण घरेलू बागवानी में हल्दी एक पसंदीदा विकल्प बनती जा रही है.

हल्दी उगाने की शुरुआत सही गांठों के चयन से होती है. बाजार से हल्दी खरीदते समय मोटी, सख्त और ताजी गांठों को चुनना चाहिए. जिन गांठों पर छोटी-छोटी आंखें यानी कली दिखाई देती है, वहीं बीज के रूप में सबसे ज्यादा असरदार होती हैं. इन गांठों को लगाने से पहले एक-दो दिन के लिए खुली हवा में रख देना चाहिए, जिससे इनमें मौजूद नमी संतुलित रहती है और अंकुर निकलने की प्रक्रिया तेज होती है.

मिट्टी की तैयारी हल्दी की अच्छी बढ़वार में सबसे अहम स्टेप्स में से एक है. हल्दी ढीली, उपजाऊ और नमी वाली मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ती है. इसके लिए 40% गार्डन मिट्टी, 30% गोबर खाद और 30% रेत या कोकोपीट मिलाकर एक संतुलित मिश्रण तैयार किया जाता है. इस मिश्रण में पानी का जमाव न हो, यह ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि पानी भरने पर हल्दी की गांठें खराब होने लगती हैं.
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हल्दी की रोपाई के लिए 5 से 7 सेंटीमीटर गहरे गड्ढे बनाकर उनमें गांठों को सावधानी से रखा जाता है. गांठ की आंख हमेशा ऊपर की तरफ रखनी चाहिए, ताकि अंकुर आसानी से मिट्टी को चीरकर ऊपर आ सके. पौधों के बीच 5 से 6 इंच का अंतर रखने से उन्हें फैलने की पर्याप्त जगह मिलती है. रोपाई के बाद मिट्टी को हल्का दबाकर पौधों को हल्का पानी देना जरूरी है.

हल्दी को मध्यम धूप और हल्की छांव वाला वातावरण पसंद आता है. शुरुआती दिनों में रोज हल्का पानी देना चाहिए, जबकि बाद में 2 से 3 दिन में एक बार पानी देना पर्याप्त होता है. तापमान यदि 20 से 30 डिग्री के बीच रहे तो हल्दी की बढ़वार सबसे अच्छी होती है. गर्मियों के दौरान पौधों को तेज धूप से बचाना भी जरूरी है, ताकि पत्तियां झुलस न जाएं.

पौधों को स्वस्थ रखने के लिए हर महीने गोबर खाद या वर्मी-कम्पोस्ट डालना फायदेमंद माना जाता है. इससे पौधे मजबूत बनते हैं और गांठें अच्छी तरह विकसित होती हैं. पौधों के आसपास खरपतवार न होने दें और मिट्टी को समय-समय पर ढीला करते रहें, जिससे जड़ों को हवा मिलती रहे और पौधे तेजी से बढ़ें.

8 से 9 महीने बाद हल्दी की फसल तैयार होने लगती है. जब पत्तियां पीली होकर नीचे झुकने लगें, तो यह संकेत है कि पौधा पूरी तरह पक चुका है. घर में उगाई गई हल्दी पूरी तरह ऑर्गेनिक होती है और स्वाद व गुणवत्ता दोनों में बाजार की हल्दी से बेहतर मानी जाती है.एक पौधा औसतन आधा किलो से एक किलो तक हल्दी दे सकता है, जो घर की जरूरतों को आसानी से पूरा कर देता है और गार्डन को भी खूबसूरत बनाता है.
First Published :
November 27, 2025, 12:43 IST
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गार्डन को बनाएं सुंदर और हेल्दी, घर पर आसानी से उगा सकते हैं हल्दी



