हार्ट की मांसपेशियों जान फूंक देगा यह जूस! खून पतला कर घटा देगा अटैक का जोखिम भी, जानिए 5 और बड़े फायदे

सर्दियों में सांस से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं. लेकिन, इन समस्याओं का समाधान केवल एलोपैथ के पास नहीं है. आयुर्वेद में कई सालों से इस्तेमाल हो रही अर्जुन की छाल आज भी दिल और सांस के मरीजों के लिए बेहद भरोसेमंद दवा मानी जाती है. अर्जुन की छाल का रस न केवल हृदय की मांसपेशियों को मजबूती देता है बल्कि सांस संबंधित समस्याओं में राहत भी देता है. अब सवाल है कि आखिर अर्जुन की छाल का जूस पीने के फायदे क्या हैं?
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय अर्जुन की छाल का नियमित सेवन करने की सलाह देता है. यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, खून को पतला करता है और हार्ट अटैक का खतरा कम करता है. यही नहीं, अस्थमा और सांस की तकलीफ में भी यह बेहद फायदेमंद है.
अर्जुन की छाल का जूस पीने के फायदे
– अर्जुन की छाल में टर्मिनैलिक एसिड, फ्लेवोनॉइड्स और भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो दिल की धड़कन को नियमित करते हैं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हैं. यह रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करती है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है.
– प्रकृति के इस वरदान के सेवन से कई फायदे मिलते हैं. यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूती देता है और हार्ट फेल्योर के खतरे को कम करता है. खराब कोलेस्ट्रॉल घटाता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है.
– यह खून को पतला करके ब्लड क्लॉट बनने से रोकता है. अस्थमा, खांसी और सांस फूलने में भी राहत देता है. सांस के साथ ही पाचन संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी यह कारगर है. कब्ज, अपच, गैस को दूर करने में भी लाभकारी है. साथ ही यह त्वचा की चमक बढ़ाने और घाव जल्दी भरने में भी मदद करता है.
– अर्जुन की छाल के रस का सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले सेवन लाभकारी होता है. डॉक्टर से सलाह लेने के बाद स्वाद के लिए थोड़ा शहद या गुड़ मिला सकते हैं.
– अर्जुन की छाल का काढ़ा रोजाना लेना सुरक्षित है. आयुर्वेदाचार्य इसे प्रकृति का वरदान बताते हैं, जो स्वस्थ रखता है.
– हालांकि, कुछ मामलों में सावधानी बरतनी जरूरी है. प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही सेवन करना चाहिए.



