World

सुमात्रा में साइक्लोन सिन्यार से बाढ़-भूस्खलन, 440 से अधिक मौतें

Last Updated:December 01, 2025, 02:45 IST

Indonesia Floods: इंडोनेशिया के दक्षिणी इलाके में आई बड़ी बाढ़ का असर 35.4 लाख लोगों पर पड़ा है, हालांकि कई इलाकों में पानी का स्तर कम हो गया है. सबसे ज्यादा नुकसान हाट याई शहर को पहुंचा है. इस हफ्ते की शुरुआत में तेज मॉनसून के दौरान सबसे ज्यादा बारिश हुई, जिसके बाद सरकार ने सोंगखला प्रांत में इमरजेंसी की घोषणा कर दी ताकि लोगों को निकालने और बचाव के कामों को आसान बनाया जा सके.चारों तरफ विनाश का मंजर... इंडोनेशिया में बाढ़-लैंडस्लाइड से 440 से अधिक मौतेंअचेह, नॉर्थ सुमात्रा और वेस्ट सुमात्रा में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिली है. (रॉयटर्स)

जकार्ता. इंडोनेशिया इन दिनों एशिया के सबसे भयावह प्राकृतिक कहर का सामना कर रहा है. लगभग एक सप्ताह पहले आए ट्रॉपिकल साइक्लोन ‘सिन्यार’ ने सुमात्रा को ताबड़तोड़ बारिश, विनाशकारी बाढ़ और प्रलयंकारी भूस्खलनों में झोंक दिया. हजारों घर बह गए, सैकड़ों गांव कट गए और पूरे-के-पूरे इलाके मिट्टी में दफन हो गए. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 440 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि कम से कम 400 लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें से कई के मिट्टी के नीचे दबे होने की आशंका है.

सबसे ज्यादा तबाही – अचेह, नॉर्थ सुमात्रा और वेस्ट सुमात्रा मेंराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के मुताबिक, अचेह, नॉर्थ सुमात्रा और वेस्ट सुमात्रा सबसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्र हैं. एजेंसी प्रमुख सुहार्यांतो ने चेतावनी दी कि सेंट्रल तापनूली और सिबोल्गा पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गए हैं. इन इलाकों तक न सड़क पहुंच रही है, न संचार, और न ही राहत. समुद्र और हवाई रास्तों से आपूर्ति भेजी जा रही है, लेकिन कई गांवों तक किसी भी तरह की सहायता अब तक नहीं पहुंच सकी. हजारों लोग खाने और पानी के इंतजार में दिनों से फंसे हुए हैं.

भूख ने तोड़ा सब्र – सुमात्रा में दुकानों पर लूटदुर्गम स्थितियों के बीच भयावह स्थिति यह है कि सुमात्रा के कई इलाकों में लोगों ने भूख से मजबूर होकर दुकानों को तोड़ना शुरू कर दिया. स्थानीय पुलिस प्रवक्ता फेरी वलिंटुकन ने बीबीसी को बताया, “लोगों को नहीं पता था कि सहायता आ रही है, उन्हें डर था कि वे भूख से मर जाएंगे. इसलिए उन्होंने दुकानों से खाना और पानी उठाना शुरू कर दिया.” स्थिति इतनी गंभीर है कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बलों को तैनात करना पड़ा.

सुनगई न्यालो – कीचड़ में बदल गया पूरा गांववेस्ट सुमात्रा की राजधानी पदांग से 100 किमी दूर सुनगई न्यालो गांव में पानी का बहाव भले ही कम हुआ हो, मगर अब पूरा गांव घुटनों तक मोटी, राख जैसी धूसर मिट्टी में दफन है. न घर बचा, न फसल, न वाहन – चारों तरफ सिर्फ खामोशी और विनाश का मंजर है. 55 वर्षीय निवासी इदरीस ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “हम अपने घरों को छोड़कर नहीं गए. डर था कि जो थोड़ा-बहुत बचा है, वो भी लुट जाएगा. लेकिन राहत अभी तक नहीं आई है.”

About the AuthorRakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

First Published :

December 01, 2025, 02:35 IST

homeworld

चारों तरफ विनाश का मंजर… इंडोनेशिया में बाढ़-लैंडस्लाइड से 440 से अधिक मौतें

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj