हाड़ौती शिल्प महोत्सव 2025: लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा, कारीगरों को भी मिल रहा बड़ा प्लेटफॉर्म

देवेन्द्र सेन/कोटा. हाड़ौती शिल्प महोत्सव 2025 स्थानीय कला, संस्कृति और पारंपरिक कौशल को प्रोत्साहित करने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन बनकर उभरा है. इस वर्ष महोत्सव का विशेष आकर्षण ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान को उल्लेखनीय बढ़ोतरी मिल रही है.इस मंच ने स्थानीय कारीगरों, महिला उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों और पारंपरिक कलाकारों को अपने हुनर और उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर प्रदान किया है.
अजय मिनरिया ने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र अपनी समृद्ध शिल्प विरासत के लिए पूरे देश में जाना जाता है. कोटा डोरिया साड़ियों और सूटों की नाजुक बुनाई, हस्तनिर्मित परिधान, पारंपरिक ज्वेलरी, जूट उत्पाद, घर सजावट की वस्तुएँ और हाड़ौती के प्रसिद्ध बालाजी मसाले इस महोत्सव में विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इन उत्पादों ने न केवल स्थानीय पहचान को मजबूती दी है, बल्कि उपभोक्ताओं में स्थानीय उत्पादों के प्रति भरोसा भी बढ़ाया है.
स्थानीय उत्पादकों से ग्राहकों को जुड़ने का मिल रहा है मंच
उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने स्थानीय उत्पादकों को बड़ी संख्या में ग्राहकों से सीधे जुड़ने का अवसर उपलब्ध कराया है, जिससे उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त करने में उन्हें मदद मिल रही है. वहीं, आम उपभोक्ताओं को भी किफायती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाले स्थानीय उत्पाद एक ही स्थान पर मिल रहे है. ‘लोकल फॉर वोकल’ को मजबूत करने में ऐसे आयोजनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.
राष्ट्रीय पहचन दिलाने की है कोशिश
जिला उद्योग केंद्र कोटा के सहायक प्रशासनिक अधिकारी मंजीत सिंह आमेरा ने बताया कि जिला प्रशासन कोटा और जिला उद्योग केंद्र कोटा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह महोत्सव स्थानीय शिल्प को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है. महोत्सव में आने वाले आगंतुकों को हाड़ौती के पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और सांस्कृतिक महत्व की विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे क्षेत्रीय पर्यटन को नई गति मिल रही है.
हाड़ौती शिल्प महोत्सव स्वरोजगार को दे रहा है बढ़ावा
उन्होंने कहा कि हाड़ौती शिल्प महोत्सव जैसे आयोजन स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अत्यंत उपयोगी हैं. महोत्सव में मेहंदी प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता, रैंप वॉक, घूमर नृत्य, योग शिविर, फैशन शो जैसे अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर रहे हैं. हाड़ौती शिल्प महोत्सव 2025 ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान कर रहा है, जिससे न केवल स्थानीय कारीगर सशक्त हो रहे हैं, बल्कि हाड़ौती की पारंपरिक विरासत और सांस्कृतिक धरोहर भी राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान प्राप्त कर रही है.



