85 वर्षीय उम्मेद कंवर चारण ने मास्टर्स एथलेटिक्स में जीते दो गोल्ड

नागौर: यह कहावत कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, नागौर की 85 वर्षीय एथलीट उमेद कंवर चारण ने सच कर दिखाया. अजमेर के पटेल स्टेडियम में हाल ही में आयोजित राजस्थान मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और फिटनेस का परिचय देते हुए शॉट पुट और डिस्कस थ्रो दोनों स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया. उनकी इस उपलब्धि से पूरे राजस्थान और विशेषकर नागौर जिले में उत्साह का माहौल है.
रोजास गांव की निवासी उम्मेद कंवर चारण ने 85 प्लस आयु वर्ग में भाग लिया. उन्होंने अपने कौशल, नियमित अभ्यास और गजब की ऊर्जा का प्रदर्शन करते हुए दोनों स्पर्धाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया.
आयोजन समिति ने उनके प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा:
“इस उम्र में किसी महिला द्वारा मास्टर्स एथलेटिक्स में शॉट पुट और डिस्कस थ्रो जैसी मुश्किल स्पर्धाओं में एक साथ दो गोल्ड मेडल जीतना बेहद दुर्लभ है.”
उनके इस शानदार प्रदर्शन ने न केवल खेल जगत को चौंकाया, बल्कि युवा पीढ़ी को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि शारीरिक फिटनेस बनाए रखने की कोई उम्र नहीं होती.
खुद को फिट रखने में गहरी रुचि: जीवनभर का अभ्यासउम्मेद कंवर के इस अद्भुत प्रदर्शन के पीछे उनकी नियमितता और सकारात्मक जीवनशैली है. ग्रामीणों और परिजनों के अनुसार उम्मेद हमेशा से ही सक्रिय रहीं और जीवनभर सकारात्मक सोच के साथ नियमित अभ्यास करती हैं.
उनके कोच और सहयोगियों का कहना है कि वे किसी भी युवा एथलीट की तरह हर दिन व्यायाम और खेल के अभ्यास में संलग्न रहती हैं. उनकी फिटनेस के प्रति यह गहरी रुचि ही उन्हें 85 वर्ष की उम्र में भी चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने और स्वर्ण पदक जीतने की ताकत देती है.
उम्र 85, जज्बा 25 का: सेहत का राजजहां आम तौर पर इस उम्र में वरिष्ठ नागरिक हलचल भी कम करते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से घिरे रहते हैं, वहीं उम्मेद कंवर ने शॉट पुट और डिस्कस थ्रो जैसे मुश्किल खेलों में अपनी ताकत और फुर्ती का प्रदर्शन किया. उनके प्रदर्शन को देखकर लगता है कि उनका जज्बा किसी 25 साल के एथलीट से कम नहीं है.
परिजनों ने उनकी सेहत का राज बताया:
आयुर्वेदिक तरीके: वे अपनी सेहत का ध्यान मुख्य रूप से आयुर्वेदिक तरीकों से रखती हैं.
नियमितता: समय पर भोजन और नियमित एक्सरसाइज उनकी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है.
प्रेरणा का संदेश: लगन और समर्पण की मिसालउमेद कंवर चारण की यह असाधारण उपलब्धि केवल उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा का संदेश है. उनकी जीत ने साबित कर दिया है कि समर्पण, लगन और मजबूत इच्छाशक्ति से किसी भी उम्र में बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. उनकी कहानी वरिष्ठ नागरिकों को सक्रिय जीवन जीने के लिए और युवा खिलाड़ियों को कभी हार न मानने के लिए एक मजबूत प्रेरणा बन गई है.



