जोजड़ी नदी पर बढ़ी सियासत! टेकराम जूली के आरोपों पर सरकार का पलटवार, स्थायी समाधान के लिए डीपीआर जारी

जयपुर. राजस्थान में जोजड़ी नदी के जलभराव और इससे प्रभावित किसानों की समस्याओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों को लेकर राजनीतिक पारा गरम हो गया है. भाजपा सरकार ने इस मुद्दे पर कड़ा जवाब देते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस केवल राजनीति के उद्देश्य से झूठ फैला रही है. उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने स्पष्ट किया कि जोजड़ी नदी की समस्या को लेकर कांग्रेस का आरोप पूरी तरह राजनीतिक है और इसका उद्देश्य केवल सरकार को बदनाम करना है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जोजड़ी नदी के जलभराव और किसानों की परेशानियों को लेकर राज्य सरकार पर लापरवाही और असंवेदनशीलता के गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि जोजड़ी नदी में जलभराव की समस्या लगातार बढ़ रही है, जिससे हजारों किसान प्रभावित हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए.
सरकार समस्या को नजरअंदाज कर रही है और किसानों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दे रही. जिन क्षेत्रों में जलभराव से फसलें बर्बाद हुईं, वहां मुआवजे और राहत कार्यों में सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है. जूली ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों के घरों और खेतों में पानी भरा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य स्तर तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई. उन्होंने दावा किया कि सरकार की लापरवाही की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं और किसानों को राहत देने की जगह उनसे किए गए वादे अधूरे छोड़ दिए गए हैं. जूली ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि था कि सरकार किसानों की असल समस्याओं को छुपाने के लिए झूठे दावे कर रही है.
कांग्रेस ने जानबूझकर जोजड़ी नदी की समस्या लटकाए रखी
डॉ. बैरवा ने कहा कि 15 साल तक कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन इस दौरान जोजड़ी नदी की समस्या को जानबूझकर लटकाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा किसानों को कर्ज के बोझ तले दबाए रखा और उनकी समस्याओं की अनदेखी की. वहीं वर्तमान सरकार स्थायी समाधान की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि जोजड़ी नदी की 15 साल पुरानी समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए डीपीआर का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है. सरकार ने यह भी जानकारी दी कि जल-प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए अब तक 3114 किसानों को लगभग 4 करोड़ रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया गया है. साथ ही, 170 घरों का सर्वे पूरा हो चुका है और 70 परिवारों को राहत राशि के लिए चिन्हित किया गया है.
राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस कर रही है बयानबाजी
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और न्यायसंगत तरीके से पूरी की जा रही है ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर सहायता मिल सके. डॉ. बैरवा ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस की ओर से किए जा रहे बयान सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए है. उन्होंने कहा कि जब सरकार स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठा रही है, तब विपक्ष केवल आलोचना कर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह वही लोग हैं, जिन्होंने अपने शासनकाल में किसानों के हितों की अनदेखी की और जोजड़ी नदी जैसी महत्वपूर्ण समस्या को लंबित रखा.
प्रभावित किसानों को जल्द राहत प्रदान की जाएगी
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया कि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द राहत प्रदान की जाएगी और जोजड़ी नदी के जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का प्राथमिक लक्ष्य न केवल समस्या का समाधान करना है, बल्कि भविष्य में ऐसे संकटों से निपटने के लिए सतत योजना तैयार करना भी है. राजस्थान में जोजड़ी नदी संकट के मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच यह राजनीतिक बहस अब और तेज होती दिखाई दे रही है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसके कदम केवल प्रभावित किसानों और स्थायी समाधान पर केंद्रित है.
जोजड़ी नदी का मुद्दा क्यों उछला और क्या है समस्या का जड़
जोजड़ी नदी की समस्या का मूल कारण इसकी अधूरी मरम्मत, अवरुद्ध जल निकासी और वर्षों से रोककर रखे गए सुधार कार्य है. नदी का प्रवाह कई स्थानों पर अवैध कब्जे, कटाव और तलछट जमा होने से बाधित हो गया है, जिसके कारण बरसात के जल का बहाव सही दिशा में नहीं जा पाता. परिणामस्वरूप पानी खेतों और निचले क्षेत्रों में फैलकर किसानों की फसलों, घरों और पशुधन को नुकसान पहुंचाता है. इस मुद्दे ने इसलिए जोर पकड़ा है, क्योंकि प्रभावित किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है और जलभराव कई गांवों में स्थायी समस्या बन चुका है. सरकार ने भले ही अब डीपीआर तैयार करने, राहत राशि देने और स्थायी समाधान की बात कही हो, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह सब केवल राजनीतिक दिखावा है. जोजड़ी नदी का जलभराव अब राजनीतिक टकराव का बड़ा मुद्दा बन चुका है, और किसान समाधान की वास्तविक उम्मीद लगाए बैठे हैं.



