धौलपुर में खाकी ने दिखाया इंसानियत भरा दिल, रसोइए की बेटियों की शादी में जुटाए लाखों, बारात में खुद परोसा खाना

हरवीर शर्मा/धौलपुर. राजस्थान के धौलपुर जिले में पुलिस केवल कानून-व्यवस्था संभालने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह मानवीय संवेदनाओं को भी उतनी ही गंभीरता से लेती है. इसका जीवंत उदाहरण दिहौली थाना क्षेत्र में देखने को मिला, जहां पुलिसकर्मियों ने अपने ही थाने में पिछले 12 वर्षों से रसोईया की जिम्मेदारी निभा रहे भीकम सिंह सैन की दोनों बेटियों की शादी में दिल खोलकर आर्थिक और सामग्री सहायता की.
भीकम सिंह सैन लंबे समय से दिहौली थाने में दिन-रात पुलिसकर्मियों के लिए खाना बनाते रहे हैं. उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होने के कारण बेटियों की शादी का बोझ उनके लिए असहनीय हो रहा था. यह बात जब थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस कर्मियों को पता चली तो तुरंत पहल की और पूरे स्टाफ को इस नेक काम में शामिल किया. थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने आपस में चंदा इकट्ठा करना शुरू किया. साथ ही समाजसेवी नागिरिकों ने इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
आमजनों के सहयोग से पुलिस ने जुटाए 1.71 लाख से अधिक की राशि
कुछ ही दिनों में पुलिस और आमजन के सहयोग से कुल 1 लाख 71 हजार 111 रुपये नकद एकत्र हो गए. इतना ही नहीं, करीब 2 लाख रुपये मूल्य की घरेलू सामग्री भी जुटाई गई. इसमें बिस्तर, गद्दे, पलंग, फ्रिज, कूलर, बर्तन, कपड़े, आभूषण, सिलाई मशीन और शादी-ब्याह में काम आने वाली तमाम जरूरी चीजें शामिल थी. थाना प्रभारी ने खुद दुल्हनों को सुंदर साड़ियां सहित अन्य सामाग्री भेंट की. 30 नवंबर को शादी के दिन थाने का पूरा स्टाफ और कई ग्रामीण भीकम सिंह के घर पहुंचे. पुलिसकर्मियों ने बारातियों का स्वागत किया, खाना परोसा और पूरी शादी में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया. दुल्हनों को विदा करते वक्त थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए.
कभी नहीं सोचा था परिवार की तरह साथ देंगे खाकी वर्दी वाले
भीकम सिंह सैन की आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी. उन्होंने कांपते स्वर में कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि खाकी वर्दी वाले मेरे अपने परिवार की तरह साथ देंगे. इन 12 सालों में इन्होंने मुझे सिर्फ नौकरी नहीं, सम्मान और प्यार दिया. आज मेरी बेटियां ससुराल जा रही है तो इनकी बदौलत सिर ऊंचा करके जा रही है. लोग सोशल मीडिया पर और गांव-गांव में धौलपुर पुलिस की इस संवेदनशीलता की खूब तारीफ कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अक्सर पुलिस को केवल डंडा और सख्ती से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन दिहौली थाने के इस कदम ने साबित कर दिया कि खाकी के अंदर भी एक संवेदनशील दिल धड़कता है.
लोगों ने कहा- खाकी वालों ने जीत लिया दिल
धौलपुर के पुलिस अधीक्षक ने भी इस पहल से बेहद प्रसन्न हैं और उन्होंने थाना प्रभारी व पूरी टीम को सराहना पत्र जारी करते हुए बधाई दी है. उनका कहना है कि पुलिस का असली धर्म केवल अपराध नियंत्रण ही नहीं, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग के साथ खड़ा होना भी है. भीकम सिंह की बेटियां आज खुशी-खुशी ससुराल पहुंची हैं और उनके साथ पुलिस द्वारा दी गई दहेज की सामग्री और आशीर्वाद भी गया है. यह वाक्या न केवल धौलपुर पुलिस के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश की पुलिस के लिए एक मिसाल बन गई है कि वर्दी का मतलब सिर्फ अधिकार नहीं, जिम्मेदारी और मानवता भी है. दिहौली थाने की इस नेक पहल को धौलपुर में सराहा जा रहा है और लोग कह रहे हैं कि खाकी ने दिल जीत लिया.



