Rajasthan

Young Farmer Ramlakshman Chotia Boosts Production with Rainwater & Polyhouse

Last Updated:December 07, 2025, 11:53 IST

Bikaner: युवा किसान रामलक्ष्मण चोटिया ने बीकानेर में रेतीली जमीन में पॉली हाउस और वर्षा जल तकनीक (22 फीट गहरा फार्म पॉन्ड) का उपयोग कर फसलों का उत्पादन ढाई गुणा बढ़ाया. उनके इस अभिनव और ऑर्गेनिक मॉडल को “मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड-2025” के लिए राष्ट्रीय मंच पर मान्यता मिली है.

बीकानेर, राजस्थान. युवा किसान रामलक्ष्मण चोटिया ने बीकानेर जिले की रेतीली जमीन में भी खेती को लाभकारी बनाया है. श्रीडूंगरगढ़ तहसील के धीरदेसर चोटियान गांव निवासी 20 वर्षीय चोटिया, जो कृषि में बीएससी कर रहे हैं, ने पॉली हाउस (Poly House) और वर्षा जल संरक्षण (Rainwater Harvesting) तकनीक का उपयोग कर उत्पादन को दो से ढाई गुणा तक बढ़ा दिया है. उनका यह अभिनव मॉडल उन सभी किसानों के लिए आशा और प्रेरणा का स्रोत बन रहा है जो पानी की कमी और रेतीली मिट्टी की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

बरसाती पानी और पॉली हाउस से नवाचाररामलक्ष्मण चोटिया ने बताया कि उनके क्षेत्र में मिट्टी अत्यधिक रेतीली है और खेती के लिए पानी कम या मीठा नहीं था. चूंकि पॉली हाउस के संचालन के लिए पानी की उच्च गुणवत्ता आवश्यक होती है, उन्होंने स्थायी समाधान निकाला. उन्होंने खेत में 200 फीट लंबा, 50 फीट चौड़ा और 22 फीट गहरा फार्म पॉन्ड (डिग्गी) तैयार किया. इस प्रणाली में पॉली हाउस की छत, घर की छत और पशु बाड़े से आने वाला बरसाती पानी भी फार्म पॉन्ड में एकत्र होता है. इस संरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले पानी का उपयोग ड्रिप सिंचाई के माध्यम से किया जाता है, जिससे पानी की बर्बादी शून्य होती है.

उत्पादन में भारी वृद्धिइस नवाचारी तकनीक ने उत्पादन के आँकड़ों में भारी वृद्धि की है. पहले जहां पारंपरिक तरीकों से कुल 400 क्विंटल मूंगफली होती थी, वहीं अब उत्पादन 1000 क्विंटल तक पहुंच गया है. पॉली हाउस में उच्च गुणवत्ता वाले खीरा और अन्य सब्जियां उगाई जाती हैं, जिससे बेहतर बाजार मूल्य मिलता है. ट्यूबवैल के पानी का प्रयोग भी सीमित समय में किया जाता है, जिससे सिंचाई अधिक कुशल और कम खर्चीली हुई है.

ऑर्गेनिक खेती और जैविक तकनीकचोटिया ने अपनी खेती को पूरी तरह ऑर्गेनिक रखा है, जो उनके मॉडल का एक प्रमुख स्तंभ है. उन्होंने खेती में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया. फसलों की सुरक्षा के लिए केंचुए से वर्मी वॉश और नीम, करंज के पत्तों व छाछ का उपयोग करके जैविक दवा तैयार की. इन जैविक तकनीकों से खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति लगातार मजबूत हो रही है, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है.

राष्ट्रीय मंच पर पहचान और सम्मानरामलक्ष्मण चोटिया के ऑर्गेनिक खेती, वर्षा जल संरक्षण और ग्रीन हाउस इनोवेशन मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है. उन्हें प्रतिष्ठित “मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड-2025” के लिए चयनित किया गया है. यह सम्मान उन्हें नई दिल्ली में 7 से 9 दिसंबर तक आयोजित होने वाले आईसीएआर ग्राउंड फूसा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेला में प्रदान किया जाएगा. राष्ट्रीय जूरी ने उन्हें आधुनिक खेती, वर्षा जल संरक्षण, ऑर्गेनिक मॉडल और ग्रीन हाउस इनोवेशन के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए चुना.

Location :

Bikaner,Bikaner,Rajasthan

First Published :

December 07, 2025, 11:53 IST

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बीकानेर: धोरों में किसान ने किया कमाल, रेतीली जमीन में ढाई गुणा उत्पादन!

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