अरावली पर बीजेपी-कांग्रेस हुई आमने-सामने, मच गया जबर्दस्त घमासान, जानें क्या चल रहा है?

Last Updated:December 22, 2025, 16:27 IST
Save Aravalli : अरावली पर्वत श्रृंखला को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हो गई है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार की कमजोर पैरवी के कारण ऐसा हुआ है. वहीं बीजेपी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि अरावली पर्वत श्रृंखला को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. अरावली पर्वत श्रृंखला पूर्णतः सुरक्षित और संरक्षित रहेगी.
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कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी की कमजोर पैरवी के कारण ऐसा फैसला आया है.
जयपुर. अरावली पर्वत श्रृंखला को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरे प्रदेश में इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है. फैसला आने के बाद से यह समूचे राजस्थान में बर्निंग इश्यु बना हुआ है. इस मसले को लेकर सत्तारुढ़ बीजेपी और विपक्षी पाटी कांग्रेस आमने सामने हो गई हैं. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार की कमजोर पैरवी के कारण ये हालात बने हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी और पूर्व सीएम अशोक गहलोत इस मसले को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. दूसरी तरफ मेवाड़ से मारवाड़ तक और ढूंढाण से लेकर शेखावाटी तक इसको लेकर आंदोलन का आगाज करने का ऐलान हो रहा है. सोशल मीडया पर यह मसला लगातार ट्रेंड कर रहा है. युवा वर्ग पर अपनी बेबाक प्रतिक्रियाएं दे रहा हैं. सोशल मीडिया पर ‘सेव अरावली’ की मुहिम चल रही है.
अलवर सांसद एवं केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव का कहना है कि पहले अरावली क्षेत्र की स्पष्ट परिभाषा नहीं होने के कारण खनन (Mining) की अनुमतियों में काफी अनियमितताएं होती थी. उन्हें अब ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने दावा कि कि ‘मैं बिल्कुल स्पष्ट रूप से बता रहा हूं कि अरावली पर्वत श्रृंखला में .19% से ज्यादा में नई माइनिंग हो ही नहीं पाएगी. अरावली के 90% से भी ज़्यादा भाग में किसी भी तरह की माइनिंग हो ही नहीं सकती है. अरावली के कुल 1.44 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मात्र 0.19% हिस्से में ही खनन की पात्रता हो सकती है. बाकी पूरी अरावली संरक्षित और सुरक्षित हैं. यादव का कहना है कि अरावली में कोई भी रिलेक्सेसन नहीं दिया गया है. अरावली पर्वत श्रृंखला देश के चार राज्यों में हैं. इनमें दिल्ली, राजस्थान गुजरात और हरियाणा शामिल है. कुल 39 जिलों में अरावली पर्वत श्रृंखला है.
भ्रम फैलाना बंद करें!
अरावली के कुल 1.44 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मात्र 0.19% हिस्से में ही खनन की पात्रता हो सकती है।



