Rajasthan

मां की सलाह से साकार हुआ सपना, एनआरआई डॉक्टर ने 7 करोड़ में बनवाया संसद जैसा मॉडर्न स्कूल

जालौर. राजस्थान के जालौर जिले के दादाल गांव में शिक्षा की एक मिसाल सामने आई है. वही जगह, जहां कभी बच्चे पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ते थे, आज वहां संसद भवन जैसी भव्य और मॉडर्न स्कूल बिल्डिंग खड़ी है. इस स्कूल को बनवाया है अमेरिका में रह रहे एनआरआई डॉक्टर अशोक जैन ने, जिन्होंने खुद इसी स्कूल में 1972 से 1975 तक पढ़ाई की थी. दादाल स्कूल की कहानी भी रोचक है. डॉ. जैन बताया कि मैंने इसी स्कूल में क्लास 1 से 3 तक पढ़ाई की थी.

उस समय हमारे पास कमरे नहीं थे और हमें पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ता था.  31 साल से अमेरिका में रह रहा हूं, लेकिन गांव और स्कूल की यादें आज भी मेरे दिल में हैं. डॉ. अशोक जैन ने बताया कि मां की सलाह से स्कूल बनाने का सपना शुरू हुआ था. आज बच्चों के लिए आधुनिक स्कूल तैयार हो चुका है. उन्होंने बताया कि करीब 6 साल पहले स्कूल के प्रिंसिपल ने डॉ. अशोक जैन से कहा कि अगर संभव हो तो एक कमरा बनवा दीजिए, क्योंकि स्कूल की सभी बिल्डिंग जर्जर हो चुकी थी.

7 करोड़ की लागत से दो साल में स्कूल बनकर हुआ तैयार

डॉ. जैन ने यह बात अपनी मां को बताई, तो उनकी मां ने कहा कि एक कमरे से क्या होगा, पूरे स्कूल की जरूरत है.  यही सलाह इस अनोखे स्कूल की नींव बनी. मां की बात बिल्कुल सही थी. मैंने अपने बड़े भाई से बात की और हमने तय किया कि पूरे स्कूल की निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाए. गांव के मलसिंह और उनके परिवार ने स्कूल के लिए तीन बीघा जमीन दान में दी. साल 2023 में निर्माण शुरू हुआ और करीब दो साल में 7 करोड़ की लागत से यह मॉडर्न स्कूल तैयार हुआ. स्कूल में अब आधुनिक कक्षाएं, खेल मैदान, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट, कबड्डी, एथलेटिक्स की सुविधाएं और सामने ओपन जिम मौजूद है.

गांव के लिए जो सपना देखा था वह साकार हो गया

डॉ. अशोक जैन बताते हैं कि शिक्षा सबसे बड़ा दान है. मुझे खुशी है कि मैं अपने गांव के बच्चों के लिए यह अवसर ला सका. मेरा सपना था कि गांव के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा और खेल सुविधाएं मिलें, और आज यह सपना सच हो गया. बच्चों को अब सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि खेलकूद और शारीरिक विकास की भी बेहतर सुविधा मिल रही है. दादाल गांव का यह स्कूल सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि यह संदेश है कि सही सोच और नीयत से शिक्षा के माध्यम से गांव की तकदीर बदली जा सकती है.

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