पशुओं की सेहत का कवच है यह देसी बांट, भूख के साथ दूध उत्पादन बढ़ाने में है मददगार, जान लें बनाने का तरीका

Last Updated:December 22, 2025, 07:57 IST
Animal Husbandry Tips: भरतपुर के ग्रामीण इलाकों में सर्दियों के दौरान पशुओं के लिए पारंपरिक देसी दलिया बांट का उपयोग किया जाता है. यह प्राकृतिक सामग्री से तैयार होता है और ठंड में पशुओं की पाचन क्षमता को बनाए रखता है. बांट नियमित रूप से देने से पशुओं की हड्डियां मजबूत होती हैं, वे स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं, और दुधारू पशुओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होता है.
अगर आप सर्दियों के मौसम में अपने पशुओं को स्वस्थ, तंदुरुस्त और रोगों से दूर रखना चाहते हैं, तो भरतपुर क्षेत्र में वर्षों से अपनाई जा रही एक देसी और कारगर परंपरा आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. इसे स्थानीय भाषा में बांट कहा जाता है. यह देसी दलिया खास तौर पर पशुओं के लिए सर्दियों के मौसम में ही तैयार किया जाता है और पशुपालकों के बीच इसे बेहद उपयोगी माना जाता है.

भरतपुर सहित आस-पास के ग्रामीण इलाकों में सर्दियों के दौरान पशुओं की देखभाल को लेकर खास सतर्कता बरती जाती है. ठंड के मौसम में पशुओं की पाचन क्षमता कमजोर हो जाती है और उन्हें अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है. ऐसे में बांट पशुओं के लिए एक संपूर्ण और पौष्टिक आहार के रूप में काम करता है. यह दलिया पूरी तरह प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया जाता है.

जिससे पशुओं के शरीर पर किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं पड़ता. बांट बनाने के लिए आमतौर पर गेहूं का दलिया, जौ, बाजरा, चना, सरसों की खली और गुड़ जैसी चीजों का उपयोग किया जाता है. इन सभी सामग्रियों को पानी में अच्छी तरह पकाया जाता है. जिससे यह नरम और सुपाच्य बन जाता है. कई पशुपालक इसमें थोड़ी मात्रा में घी या तेल भी मिलाते हैं.
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पशुओं को अतिरिक्त गर्मी और ऊर्जा प्रदान करने में बांट सहायक है. सर्दियों में यह आहार पशुओं के शरीर को अंदर से गर्म रखता है और ठंड से होने वाली बीमारियों से बचाव करता है. पशुपालकों का कहना है कि सर्दियों में बांट खिलाने से पशुओं की भूख बढ़ती है. दूध उत्पादन में सुधार होता है और उनकी शारीरिक ताकत भी बनी रहती है. खासकर दुधारू पशुओं के लिए यह बेहद लाभकारी माना जाता है.

इसके नियमित सेवन से पशुओं की हड्डियां मजबूत होती है और उनका इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनता है. ग्रामीण बुजुर्गों और अनुभवी पशुपालकों के अनुसार यह देसी तरीका पीढ़ियों से अपनाया जा रहा है. आधुनिक समय में जब बाजार में कई तरह के रेडीमेड पशु आहार उपलब्ध है. तब भी बांट जैसी देसी विधि काफी अधिक अच्छी है.

यह काफी सस्ती, सुरक्षित और असरदार साबित हो रही है. कुल मिलाकर अगर आप भी सर्दियों में अपने पशुओं को हेल्दी और एक्टिव रखना चाहते हैं तो भरतपुर की पारंपरिक बांट जरूर अपनाएं. यह न सिर्फ पशुओं के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि देसी ज्ञान और परंपरा को भी जीवित रखती है. यह बांट पशुओं के लिए काफी लाभकारी है.
First Published :
December 22, 2025, 07:57 IST
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पशुओं की सेहत का कवच है यह देसी बांट, दूध उत्पादन बढ़ाने में भी है मददगार



