Rajasthan

5G will start with a bang in these 13 cities first | पहले इन 13 शहरों में होगी 5जी की धमाकेदार शुरुआत

5G Mobile Facility

जयपुर

Published: April 12, 2022 07:57:49 pm

भवनेश गुप्ता
जयपुर। जयपुर शहर देश के उन पहले 13 शहरों शामिल होंगे, जहां 5जी मोबाइल तकनीक की लांचिंग सबसे पहले होगी। इसे देखते हुए राज्य में मोबाइल नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के काम की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है। स्वायत्त शासन विभाग, नगरीय विकास विभाग, विद्युत वितरण निगमों को टॉवर लगाने व केबल बिछाने की लंबित एनओसी प्राथमिक स्तर पर जारी करने के निर्देश दिए हैं।

पहले इन 13 शहरों में होगी 5जी की धमाकेदार शुरुआत

पहले इन 13 शहरों में होगी 5जी की धमाकेदार शुरुआत

राज्य में 40 हजार मोबाइल टॉवर है और 5जी तकनीकी के लिए ज्यादातर इन्हीं टॉवर का उपयोग होगा। इसमें पहले फेज में दस हजार टॉवर को अपग्रेड किया जा रहा है। इसमें भी मुख्य रूप से जयपुर शहर शामिल है। दूरसंचार मंत्रालय और राजस्थान सरकार मिलकर काम कर रही है।

ये शहर शामिल
दिल्ली, गुरुग्राम, बंगलुरू, कोलकाता, चंडीगढ़, जामनगर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, लखनउ, पूणे, गांधी नगर, जयपुर शामिल है। एयरटेल, रिलायंस जीओ और वीआई (वोडाफोन आइडिया) आॅपरेटर इस पर काम कर रहे हैं।

ज्यादा बैंडविथ के लिए बढ़ा रहे टॉवर का दायरा
-5जी के 200 मीटर दायरे में टॉवर लगेंगे यानि इनकी संख्या बढ़ेगी।
-4जी के 400 से 800 मीटर दायरे में हैं टॉवर
(बैंडविथ जितनी ज्यादा होगी, इंटरनेट उतना तेज चलेगा। मौजूदा 2जी, 3जी व 4जी के मुकाबले 5जी में ज्यादा बैंडविथ उपलब्ध होगी)

5जी नेटवर्क इसलिए होगा खास
-इंटरनेट स्पीड 20 से 100 गुना तेज (1000 एमबीपीएस तक) होगी।
-अभी जो फिल्म 5-10 मिनट में डाउनलोड होती है, वो चंद सेकेंड में डाउनलोड होगी।
-घर के सभी स्मार्ट डिवाइसेज को फोन से कनेक्ट कर बाहर से कंट्रोल कर सकेंगे।
-एक साथ कई यूजर्स जुड़ने पर भी इंटरनेट की रफ्तार कम नहीं होगी।
-अभी जो काम केवल कंप्यूटर या लैपटॉप से ही हो सकते हैं, उन्हें मोबाइल से भी किया जा सकेगा।
-तेज रफ्तार इंटरनेट से रोबोट, ड्रोन और ऑटोमैटिक वाहनों का संचालन आसान होगा।

इधर, 4जी की स्पीड ही नहीं मिल रही, दावे फुस्स
अभी यह- राज्य में मोबाइल आॅपरेटर्स के 1 लाख 22 हजार बीटीएस (बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन) है, जो 40 हजार मोबाइल टॉवर पर लगे हुए हैं। इस बीटीएस के जरिए ही एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल पर वॉयस या डेटा पहुंचता है।
दिक्कत- 4जी की औसत स्पीड 3जी से पांच से सात गुना अधिक होने दावा किया जाता रहा है, लेकिन हालात यह है कि मोबाइल आॅपरेटरों का इन्फ्रास्ट्रक्चर अपेक्षित अपग्रेड नहीं होने के कारण कई जगह तो आधी स्पीड भी नहीं मिल पा रही। नतीजा, लोगों को नेटवर्क समस्या, कॉल ड्राप की परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है।

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