Film Review KGF- Chapter 2 | ‘केजीएफ चैप्टर 2’ रिव्यू: अपने स्वैग से फिर छा गए ‘रॉकी भाई’
रॉकिंग स्टार यश की धमाकेदार परफॉर्मेंस पर सिनेमा हॉल में बज रहीं तालियां और सीटियां
जयपुर
Updated: April 14, 2022 06:17:13 pm
- राइटिंग-डायरेक्शन: प्रशांत नील (Prashanth Neel)
- स्टार कास्ट: यश (Yash), संजय दत्त (Sanjay Dutt), श्रीनिधि शेट्टी (Srinidhi Shetty), रवीना टंडन (Raveena Tandon), प्रकाश राज (Prakash Raj), मालविका अविनाश, राव रमेश, ईश्वरी राव, अर्चना जोइस
- रन टाइम: 168 मिनट
जयपुर. फिल्म ‘के.जी.एफ.- चैप्टर 2’ (K.G.F – Chapter 2) जैसे ही शुरू होती है, दर्शकों से पूरा भरा सिनेमा हॉल तालियों और सीटियों से गूंज उठता है। यह किसी एक नहीं बल्कि हर सिनेमा हॉल की बात है। दरअसल, हाई ऑक्टेन एक्शन, थ्रिलर, डायलॉग्स और स्वैग से भरपूर इस पेशकश में कई सीटीमार सीक्वेंस हैं। ‘के.जी.एफ.- चैप्टर 1’ (K.G.F – Chapter 1) की कामयाबी के बाद से दूसरे पार्ट का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था और यह फिल्म उनकी उम्मीदों पर खरी भी उतरती है। इस पैसा वसूल और ओवरऑल मास एक्शन एंटरटेनर में लीड किरदार रॉकी का भावनात्मक पहलू भी दिखाया है, जिसमें उसकी लव स्टोरी और उसके बचपन के मां-बेटे के भावनात्मक ट्रैक की कुछ झलकियों को पिरोया गया है। इतना ही नहीं, अंत में मेकर्स ने ‘चैप्टर 3’ का संकेत भी दे दिया है।
‘केजीएफ 2’ की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहला पार्ट खत्म हुआ था। गरुडा को मारने के बाद अब रॉकी (Rocky) कोलार गोल्ड फील्ड्स (केजीएफ) का नया सुल्तान बन गया है। वह पूरी दुनिया पर राज करना चाहता है। खदान में काम करने वाले लोगों के लिए वह ‘मसीहा’ है, क्योंकि रॉकी ने उनको बेड़ियों से आजाद कराया है। इधर, अधीरा (Adheera) नई चुनौती बन कर रॉकी के सामने आता है। वह केजीएफ वापस चाहता है। यही नहीं, रॉकी अब प्रधानमंत्री रमिका सेन के रडार पर भी है।

‘केजीएफ चैप्टर 2’ रिव्यू: अपने स्वैग से फिर छा गए ‘रॉकी भाई’
तारीफ के हकदार प्रशांत
निर्देशक प्रशांत नील का निर्देशन काबिले तारीफ है। उन्होंने दर्शकों की ‘नब्ज को पकड़ते हुए’ एंटरटेनमेंट की डोज का ‘रॉकिंग’ पैकेज प्रस्तुत किया है। रॉकी की जर्नी को दिलचस्प अंदाज में दर्शाया है। स्क्रीनप्ले लुभावना है। क्लाईमैक्स शानदार है। कहानी में झोल जरूर हैं, अगर इन झोल से चिपक गए यानी इनके बारे में सोचने लग गए तो स्वैग और एक्शन का मजा नहीं आएगा। प्रोडक्शन डिजाइन शानदार है। गीत-संगीत ज्यादा ध्यान आकर्षित नहीं करता। गाने कहीं न कहीं फिल्म की लंबाई को बढ़ाते हैं। बैकग्राउंड स्कोर कहानी की लाइफलाइन है। मूवी की गति जरूर ऊपर-नीचे होती रहती है। कहीं यह अपने ट्रैक को पकड़ कर पूरी रफ्तार से दौड़ रही होती है तो कई ऐसे मौके भी आते हैं, जहां यह थोड़ी धीमी पड़ जाती है। सिनेमैटोग्राफी आकर्षक और स्टाइलिश है।
एक्टिंग की बात करें तो रॉकिंग स्टार यश (Rocking Star Yash) की स्टाइल और स्वैग बेजोड़ है। उनकी बॉडी लैंग्वेज, एटीट्यूड, स्क्रीन प्रजेंस और परफॉर्मेंस शानदार है। संजय दत्त को ऐसा लुक दिया है, जिससे वह खतरनाक नजर आएं। वह काफी हद तक इसमें कामयाब भी रहे हैं। रवीना टंडन की एंट्री कहानी में देर से होती है, बावजूद इसके वह ध्यान बटोरने में सफल रही हैं। श्रीनिधि शेट्टी को स्क्रीन स्पेस ठीक ही मिला है, पर वह प्रभावित नहीं कर सकीं। प्रकाश राज कहानी के नैरेटर के तौर पर भरोसेमंद हैं। अन्य कलाकार भी फिल्म में बिल्कुल फिट हैं और अपने किरदार के साथ न्याय करते हैं। यह विशुद्ध मसाला फिल्म है, इसलिए मनोरंजन की लिहाज से देखी जा सकती है।
रेटिंग: ★★★½
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