Rajasthan

Health | कमाई के साथ सेहत भी दे रहा फूल मखाना

नवाचार: राजस्थान में भी छोटे-छोटे स्तर पर मखाने की खेती
डॉ. पीयूष त्रिवेदी चिकित्साधिकारी, राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय, राजस्थान विधानसभा
धार्मिक पर्व एवं उपवास में खाया जाने वाला फूल मखाना अपने गुणों के कारण अब हर व्यक्ति की पसंद बन रहा है। इसे प्रिकली कमल का बीज या फॉक्स नट के नाम से भी जाना जाता है। दे

जयपुर

Published: June 04, 2022 12:13:23 pm

देश में मखाने का 80 प्रतिशत उत्पादन बिहार में होता है। अच्छे मुनाफे के चलते अब पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, असम, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में भी इसकी खेती होने लगी है। फूल मखाना की विदेशों में भी खासी मांग है। मधुर एवं ठण्डे प्रभाव वाले फूल मखाने की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। छोटे- छोटे कांटे की बहुलता की वजह से मखानो को कांटे युक्त लिली भी कहा जाता है।
बीज डालने में रखें सावधानी बीज डालने में रखें सावधानी मखाना की खेती के लिए चिकनी दोमट मिट्टी अच्छी होती है। तालाब की मिट्टी में मखाना उगाने से पहले सफाई की जाती है। बीजों का छिडक़ाव इस तरह किया जाता है, जिससे बीज एक दूसरे से ज्यादा दूरी पर न जाएं। इन बीजों के साथ उगे सिंघाड़े एवं अन्य खरपतवार को समय-समय पर उखाड़ा जाता है, जिससे फसल की वृद्धि में कोई रुकावट पैदा न हो। इसी स्थान पर अगली फसल लेने के लिए नया बीज डालने की जरूरत नहीं होती, पिछली फसल से नए पौधे उग जाते हैं। पौधों में पर्याप्त दूरी पर होती है रोपाई
पौधों में पर्याप्त दूरी पर होती है रोपाई
खेतों में मखाने की खेती करने के लिए पहले पौध तैयार की जाती है। पौधों की पर्याप्त दूरी छोड़ कर रोपाई की जाती है। मार्च में बोई गई फसल अगस्त-सितम्बर तक पक कर तैयार हो जाती है। फसल की कटाई के तत्काल बाद पुन: रोपाई कर छह महीने बाद उत्पादन लिया जा सकता है। मखाने का खाने योग्य यानी फूल मखाना बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर प्रोसेसिंग क्रिया की जाती है।
कई राज्यों में हो रहा
अनुसंधान
बिहार एवं छत्तीसगढ़ समेत कुछ राज्य सरकारं नकदी फसल होने के कारण इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अनुदान दे रही हंै। इन राज्यों में मखाना अनुसंधान केन्द्र भी कार्यरत है।
कई बीमारियों में फायदेमंद
फूल मखाने में प्रोटीन, कैल्शियम एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन एवं खनिज पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत के साथ ही सूजन एवं बढ़ती उम्र को रोकता है। फूल मखाना का सेवन मघुमेह,हृदयरोग, गुर्दे,पेट समेत सौ बीमारियों में लाभदायक है।

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