Rajasthan

Chief Minister Gehlot on target of Congress MLA Divya Maderna | कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के तीखे तेवर बरकरार, अब कहा- ‘मैं किसी खेमे में नहीं, मेरा खुद का खेमा’

सीएम गहलोत पर निशाना साधने के साथ ही दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करके यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी खेमे में नहीं हैं, उनका खुद का खेमा है। दिव्या मदेरणा के तीखे तेवरों को लेकर इन दिनों कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चाएं खूब हैं। दिव्या मदेरणा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल और जलदाय मंत्री महेश जोशी पर भी निशाना साध चुकी हैं।

ट्वीट करके बताया कि वो किसी खेमे में नहीं
दरअसल दिव्या मदेरणा ने जिस तरह से एनएसयूआई की हार पर अभिषेक चौधरी को निशाने पर लिया था उसके बाद से ही उनके सचिन पायलट खेमे में जाने की चर्चाएं चल पड़ी थीं, जिस पर दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करके साफ कर दिया है कि वो किसी खेमे में नहीं हैं।

दिव्या मदेरणा ने शनिवार शाम को ट्वीट करते हुए लिखा कि “मैं किसी भी खेमे/ गुट या पाले में नहीं हूं मेरा स्वयं का खेमा है जो मुझे विरासत में मिला है जिसका उद्देश्य किसान राजनीति के झंडे को बुलंद करना है”। गौरतलब है कि दिव्या मदेरणा के दादा परसराम मदेरणा कांग्रेस के दिग्गज जाट लीडर रहे हैं।

मदेरणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं तो वहीं दिव्या के दिवंगत पिता महिपाल मदेरणा अभी गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे थे, और उनकी माता लीला मदरेणा अभी जोधपुर की जिला प्रमुख हैं।

सीएम गहलोत को भी लिया निशाने पर
इधर एनएसयूआई की हार पर अभिषेक चौधरी को निशाने पर लेने के साथ-साथ दिव्या मदेरणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया था कि “हम 1998 के बाद सरकार होने के बावजूद फिर कभी विधानसभा चुनाव में सौ का आंकड़ा पार नहीं कर पाए” दरअसल साल 2008 में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया था और बसपा निर्दलीय विधायकों के जरिए सरकार चलाई थी तो वहीं 2018 में भी कांग्रेस पार्टी को 99 सीटें ही मिल पाई थीं इसके बाद बसपा के 6 और 13 निर्दलियों के भरोसे सरकार चल रही है”।

अभिषेक चौधरी को लगातार लिया निशाने पर
दिव्या मदेरणा ने जहां अभिषेक चौधरी को जयचंद करार दिया था तो वहीं उसके बाद भी उनका पीछा नहीं छोड़ा और उनके अध्यक्ष बनने पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि “हार के लिए संगठन को भी दोष नहीं दे सकते हैं क्योंकि यह जब अध्यक्ष बने थे तब जबरदस्त आपाधापी चल रही थी।

स्वयं सरकार संकट में थी, एनएसयूआई का अध्यक्ष कौन बने या ना बने उस समय किसी को भी इसमें लैस मात्र रुचि नहीं थी, चाहे वो राजस्थान विश्वविद्यालय 2014 में एनएसयूआई के बागी हो या फिर कोई भी”।

महेश जोशी को बताया था रबर स्टैंप
विधानसभा सत्र के दौरान भी विधायक दिव्या मदरेणा ने जलदाय विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान जलदाय मंत्री महेश जोशी की कार्य प्रणाली पर ही सवाल खड़े करते हुए उन्हें रबर स्टैंप तक बता दिया था।

वीडियो देखेंः-राजस्थान में मुख्यमंत्री और जोधपुर में हम सर्वप्रथम: दिव्या मदेरणा के तेवर – Rajasthan Patrika

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