Dengue in Rajasthan: 5 सालों में बढ़ा डेंगू का कहर, सरकारी दावों की खुली पोल
भारती डोडेजा /जयपुर | 2022 में डेंगू से संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला इन्फेक्शन है जो मच्छरों से फैलता होता है। पिछले 50 सालों में ये वायरल इन्फेक्शन कई देशों में तेजी से फैला हैं और अब वर्तमान में शहर और ग्रामीण इलाकों में भी फैल रहा हैं। डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है।
यह बीमारी हर बरसात के महीने में विकराल रुप लेती हैं। 50 लाख डेंगू के मरीज हर साल पाए जाते हैं। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल वेक्टर बोर्न डीजिज कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार डेंगू संक्रमितों की संख्या 1,435 हो गई है।
भारत को मिल सकता है डेंगू से लड़ने का रामबाण
देश की वैक्सीन निर्माता कंपनी ‘द इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड’ (IIL) को डेंगू के टीके के पहले चरण के परीक्षण की अनुमति मिल गई है। अब इसका मानव परीक्षण भी संभव होगा।
डेंगू की राजस्थान में एंट्री?
साल 2001 में भारत में डेंगू का पहला मामला आया था और राजस्थान में 1,452 मामलों की पुष्टि हुई थी। साल 2006 में राजस्थान में 1,850 मामले दर्ज हुए और फिर 6 साल बाद यहां डेंगू के मामले बढ़े है ।
क्या कहते है आकड़ें
एनवीबीडीसीपी (NVBDCP) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 तक डेंगू के केसेस कुछ इस प्रकार रहे। वहीँ अगर उसके बाद के आकड़ों पर ध्यान केंद्रित किया जाए तो आकड़ों में केसेस ऊपर नीचे होते रहे है।
डेंगू हो जाने के बाद अपनाए ये बातें
-शारीरिक मेहनत ना करें।
-जितना हो सके आराम करें।
-गर्म कपड़े पहनें।
-डेंगू के दौरान परहेज ( तेलयुक्त और मसालेदार भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें)
इन आकड़ों पर ध्यान दे तो लगता है कि इस बीमारी से निजात पाना अब संभव है। नई रिसर्चस से डेंगू की वैक्सीन बन रही है और मानव परिक्षण की ओर बढ़ रही है। सरकार ने भी नए प्रावधानों के ज़रिये हर संभव कोशिश की है जिस से मच्छर न पनप सकें।