Adult sites porn sites bain surve news rajasthan patrika | सर्वे: 100 फीसदी एक स्वर में बोले,अश्लीलता परोस रही साइट्स पर लगे रोक
आइटी एक्सपर्ट्स से इस संबंध में मंथन किया तो सामने आया कि सोशल मीडिया ऐप संचालन के नियमों में लीक ने आग में घी का काम किया है। बिना आइडी प्रूफ के ऐप से जुडऩे का खुला निमंत्रण दिया जा रहा है। बच्चे भी अपनी उम्र 18 वर्ष से अधिक अंकित कर ऐसे ऐप और अकाउंट संचालित कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने इसमें तत्काल बदलाव की जरूरत जताई है। साथ ही ऐसी कई एप्लीकेशन मौजूद हैं, जिससे बच्चों के मोबाइल पर हो रही एक्टिविटी को माता-पिता आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।
युवाओं और उनके परिजन ने व्यक्त की राय
सोशल मीडिया बच्चों-युवाओं को अश्लीलता के दलदल में फंसाने का माध्यम बन रहा हैं। इसकी जिम्मेदार साइट्स व ऐप्स का संचालन करने वाली कम्पनियां हैं। इन पर रोक लगाने व मॉनिटरिंग का जिम्मा सरकार का भी है। राजस्थान पत्रिका के ऑनलाइन सर्वे में लोगों ने राय व्यक्त की। सौ फीसदी लोगों ने अश्लीलता परोसने वाली साइट्स व ऐप्स के संचालन पर रोक लगाने का समर्थन किया है। उनका कहना है कि न केवल ऐसे अकाउंट बंद किए जाएं बल्कि संबंधित कम्पनियों को भी चेताया जाए।
सर्वे में 86.3 फीसदी लोगों ने माना है कि सोशल मीडिया बच्चों के लिए हितकर नहीं है। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अकाउंट इन साइट्स पर बनने ही नहीं चाहिए। यदि बच्चा मोबाइल व इंटरनेट चला रहा है तो उसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी माता-पिता की है। वे देखें कि बच्चा मोबाइल में क्या देख रहा है। माता-पिता मॉनिटरिंग की अलग-अलग एप्लीकेशनस के माध्यम से यह काम आसानी से कर सकते हैं।