Jharkhand’s daughter Kajal reached UN, Spoke in front of global leader | यूएन पहुंची झारखंड की बेटी काजल, बाल मजदूरी के खिलाफ वैश्विक नेताओं के सामने क्या कहा, जानिए यहाँ
शिक्षा की भूमिका सबसे अहम कोडरमा की बेटी 20 साल की काजल ने गंभीरता से कहा कि बालश्रम और बाल शोषण को खत्म करने के लिए शिक्षा की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए बच्चों को शिक्षा के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने होंगे और इसके लिए वैश्विक नेताओं को आर्थिक रूप से अधिक प्रयास करने चाहिए।
अभ्रक खदान में करती थी मजदूरी आज भले ही काजल बाल मित्र ग्राम में बाल पंचायत की अध्यक्ष है और एक युवा समाज सुधारक के रूप में काम कर रही है लेकिन वह कभी अभ्रक खदान(माइका माइन) में बाल मजदूर थी। 14 साल की उम्र में ग्राम बाल मित्र ने उसे ढिबरी चुनने के काम से निकालकर स्कूल में दाखिला करवाया। इसके बाद से काजल कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के फ्लैगशिप प्रोग्राम बाल मित्र ग्राम की गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेने लगी। झारखंड के कोडरमा जिले के डोमचांच गांव में एक बाल मजदूर के रूप में अपना बचपन खोने वाली काजल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा- बालश्रम और बाल विवाह का पूरी दुनिया से समूल उन्मूलन बहुत जरूरी है। यह दोनों ही बच्चों के जीवन को बर्बाद कर देता है। यह बच्चों के कोमल मन और आत्मा पर कभी न भूलने वाले जख्म देते हैं।
झारखंड के बच्चे पहले भी रख चुके हैं अपनी बात गौरतलब है कि झारखंड का ही बड़कू मरांडी और चंपा कुमारी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बालश्रम के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। चंपा को इंग्लैंड का प्रतिष्ठित डायना अवॉर्ड भी मिला था। यह दोनों ही बच्चे पूर्व में बाल मजदूर रह चुके थे।
Dear world leaders! Today former child labourers from across the world are knocking on your door to demand education, safety, freedom & childhood. If you don’t listen & act now as responsible parents, you will be responsible for loss of an entire generation @WithEveryChild #UNGA pic.twitter.com/Xfklt2F3R6
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) September 21, 2022
वैश्विक नेता करें आर्थिक मदद
कोडरमा के डोमचांच की 20 वर्षीया काजल ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के अधिक से अधिक अवसर देने के लिए वैश्विक नेताओं को आर्थिक रूप से प्रयास करना चाहिए। बता दें, काजल कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन केफ्लैगशिप प्रोग्राम बाल मित्र ग्राम से जुड़ी। संस्थान की ओर से ही काजल का चयन अमेरिका जाने के लिए हुआ था।