education department#deputation #Deputation in education department | शिक्षा विभाग में अब नहीं चलेगा प्रतिनियुक्ति का खेल, मनमाने तरीके से नहीं जा सकेंगे प्रतिनियुक्ति पर
शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति के नाम पर सालों तक अपने मनचाहे स्थान पर डटे रहने का खेल अब नहीं चलेगा। विभाग के अतिरिक्त शासन सचिव पीके गोयल ने लंबे समय से डेपुटेशन पर लगे कार्मिकों, अधिकारियों और शिक्षकों को उनके मूल स्थान पर भेजे जाने के निर्देश देते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों, कार्मिकों और अधिकारियों के शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति दिए जाने पर रोक लगा दी है।
जयपुर
Updated: October 08, 2022 09:38:22 am
शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति के नाम पर सालों तक अपने मनचाहे स्थान पर डटे रहने का खेल अब नहीं चलेगा। विभाग के अतिरिक्त शासन सचिव पीके गोयल ने लंबे समय से डेपुटेशन पर लगे कार्मिकों, अधिकारियों और शिक्षकों को उनके मूल स्थान पर भेजे जाने के निर्देश देते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों, कार्मिकों और अधिकारियों के शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति दिए जाने पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं उन्होंने डेपुटेशन के नाम पर शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों, संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं, निगमों, बोर्ड, उपक्रमों, परियोजनाओं में काम कर रहे शिक्षकों, कार्मिकों और अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति को लेकर भी गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके मुताबिक विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक अधिकारी हो या फिर शिक्षक या कार्मिक यदि वह प्रोबेशन पीरियड मेंं चल रहा है तो उसकी प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी। इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी परन्तु शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र मे तथा ग्रामीण से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिनियुक्ति की जा सकेगी।
यह गाइडलाइन की गई जारी
– अध्यापक लेवल प्रथम/ द्वितीय की प्रतिनियुक्ति उसी जिले में वरिष्ठ अध्यापक की उसी संभाग में इसी प्रकार कनिष्ठ सहायक, लाइब्रेरियन, प्रयोगशाला सहायक आदि की प्रतिनियुक्ति उनके जिले में ही हो सकेगी। जो सवर्ग राज्य स्तर के हैं, उनकी प्रतिनियुक्ति पूरे राज्य में कहीं भी की जा सकेगी।
-सभी स्तर के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति सामान्यतया शैक्षणिक कार्यों के लिए ही की जा सकेगी।
– शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कार्यालयों आदि व गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं की जा सकेगी।
– अध्यापक/ वरिष्ठ अध्यापक/मंत्रालयिक सेवा के कार्मिकों/पीटीआई /लाईब्रेरियन आदि किसी की भी प्रतिबंधित जिलों से गैर प्रतिबंधित जिलों में प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
इन जिलों के कार्मिकों को नहीं भेजा जा सकेगा अन्य जिलों में
इतना ही नहीं प्रदेश के पांच जिले बारां, करौली, जैसलमेर, धौलपुर और सिरोही को आशांवित घोषित किया गया है। इन जिलों से अन्य जिलों में किसी भी अधिकारी, शिक्षक और कार्मिक की प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
प्रोबेशन पीरियड में नहीं होगी डेपुटेशन
विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक अधिकारी हो या फिर शिक्षक या कार्मिक यदि वह प्रोबेशन पीरियड मेंं चल रहा है तो उसकी प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी। इतना ही नहीं
ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी परन्तु शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र मे तथा ग्रामीण से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिनियुक्ति की जा सकेगी।
– जो अधिकारी/ शिक्षक/कार्मिक शिक्षा विभाग के बाहर अन्य विभागों/संस्थाओं/स्वायत्तशासी संस्थाओं/ निगमों/ बोर्ड/उपक्रमो/परियोजनाओं आदि में अपने अब तक के सेवा काल में कुल पांच साल या इससे अधिक समय के लिए डेपुटेशन पर रह चुके हैं उन्हें फिर से डेपुटेशन पर नहीं भेजा जाएगा।
– शिक्षा विभाग के हर स्तर के अधिकारी, शिक्षक और कार्मिक को शिक्षा विभाग के बाहर अन्य विभागों/ संस्थाओं/स्वायत्तशासी संस्थाओं/ निगमोंं/ बोर्ड/ उपक्रमों/ परियोजनाओं आदि में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन करने से पहले सक्षम अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र/अनुमति प्राप्त करनी होगी यदि बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के आवेदन करता है तो उन्हें अन्य विभाग की ओर से चयन किए जाने के बाद भी प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा जा सकेगा।
-ऐसे शिक्षक, वरिष्ठ अध्यापक, लेक्चरर और प्रधानाचार्य जिनका पिछले पांच साल का परीक्षा परिणाम न्यून रहा है उन्हें प्रतिनियुक्ति पर नहीं लगाया जा सकेगा।
– शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों, कार्मिकों और शिक्षकों पर राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 144 क के परन्तुक 4 में बिन्दु संख्या 2 प्रावधान लागू होगे। उनकी पहली प्रतिनियुक्ति एक साल के ही की जा सकेगी लेकिन प्रशासनिक विभागकी ओर से लोकहित में प्रतिनियुक्ति अवधि को तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। इसी प्रकार अपवाद स्वरूप परिस्थिति में तीन वर्ष से अधिक की प्रतिनियुक्ति अवधि कार्मिक विभाग और वित्त विभाग की पूर्व सहमति से बढ़ायी जा सकेगी। जिसके लिए प्रशासनिक विभाग की ओर से प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्ति के कम से कम दो माह पूर्व पूर्ण प्रस्ताव भिजवाया जाएगा।
इसलिए जारी की गई गाइडलाइन

शिक्षा विभाग में अब नहीं चलेगा प्रतिनियुक्ति का खेल, मनमाने तरीके से नहीं जा सकेंगे प्रतिनियुक्ति पर
लंबे समय से देखने में आ रहा था कि शिक्षा विभाग में डेपुटेशन के नाम पर अधिकारियों, कार्मिक और शिक्षक सांठ गांठ कर सालों से मनचाहे स्थान पर लगे हुए हैं। इतना ही नहीं इनका वेतन शिक्षा विभाग से ही उठ रहा है। जिससे उनके मूल पद रिक्त पड़े हैं और काम प्रभावित हो रहा है।
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