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Footballer Ashtam Oraon Parents doing labour work in village | फुटबॉलर बेटी के सम्मान में सड़क बनवा रही सरकार, माता-पिता वहीं कर रहे हैं मजदूरी

इस बात की जानकारी सामने आते ही प्रशासन भी हैरान है। मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन ने कहा कि हमें यह पता नहीं था कि अष्टम के माता-पिता सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी का काम कर रहे हैं। मालूम हो कि अष्टम उरांव झारखंड के गुमला जिले की रहने वाली है। इनके माता-पिता मजदूर है। बेहद कठिनाई से इन्होंने अपने बच्चों को पाला-पोसा। लेकिन अब इनके बच्चे न केवल माता-पिता बल्कि पूरे झारखंड का गौरव बन चुके हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अष्टम के परिजनों की कहानी

सोशल मीडिया पर अष्टम उरांव के माता-पिता के सड़क निर्माण में मजदूरी का काम करने की बात वायरल हो रही है। पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने अष्टम उरांव के माता-पिता की तस्वीरों के साथ ट्वीट किया कि, शर्मनाक, यह पता न FIFA अंडर-17 टीम की कप्तान अष्टम उराँव के घर जाने के लिए गुमला जिला प्रशासन सड़क बनवा रहा। अष्टम के माता और पिता उसी सड़क के निर्माण में 250 रुपए में मजदूरी कर रहे हैं।

अष्टम की दो बहनें भी नेशनल और स्टेट लेवल की खिलाड़ी हैं। इस देश में खिलाड़ियों को यही सम्मान मिल रहा। 1_3.jpg

अष्टम के पिता बोले- मजदूरी नहीं करेंगे तो परिवार कैसे चलेगा

सड़क निर्माण कार्य में लगे अष्टम के माता-पिता ने बताया कि हमे दिन भर के काम का ढाई सौ रुपए की दिहाड़ी मिलती है। बेटी की कामयाबी से हमें खुशी है। लेकिन मजदूरी नहीं करेंगे, तो परिवार का पेट कैसे भरेगा। अष्टम के पिता हीरा उरांव भी अपने समय में फुटबॉल के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। लेकिन सही मंच नहीं मिलने के कारण प्रतिभा होने के बाद भी वो गुमनाम ही रहे।

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गुमला की दो बेटियां भारतीय फुटबॉल टीम में शामिल

हालांकि हीरा उरांव बेटी की सफलता से फूले नहीं समा रहे। बीते दिनों प्रशासन ने अष्टम उरांव के घर टीवी लगवा दिया है। बताते चलें कि भुवनेश्वर में आज से फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम में गुमला की दो बेटियां शामिल हैं। एक कप्तान अष्टम उरांव, जो गुमला जिला से 60 किमी दूर बिशुनपुर प्रखंड के बनारी गोर्राटोली की रहने वाली हैं। दूसरी चैनपुर प्रखंड की सुधा अंकिता तिर्की हैं।

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