अद्भुत! भरतपुर जाएं तो पीजिए इस ‘मोर की चाय’
रिपोर्ट-ललितेश कुशवाहा
भरतपुर. देश में अलग-अलग जगह सुबह से ही लोग फुटपाथ पर स्थित चाय की दुकानों पर चर्चा और चाय की चुस्कियां लेने के लिए एकत्रित हो जाते हैं. वहीं कुछ दुकानदारों ने भीड़ को आकर्षित करने के लिए चाय की दुकानों का नाम बेवफा, एमबीए, बीटेक, नमो आदि के नाम पर रख रखा है, लेकिन आज हम आपको राजस्थान के भरतपुर में मोर चाय वाले (mor chay wale)के बारे में बताएंगे, जिसकी एक दिलचस्प कहानी है.
दरअसल , यातायात चौराहे के पास एक महीने पहले राष्ट्रीय पक्षी मोर के बच्चे पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया. कुत्तों से घिरे राष्ट्रीय पक्षी मोर केे बच्चे को चाय वाले ने बचाया, वहीं घायल बच्चे की देखभाल की और बाजार से दवाइयां मंगवाकर उसका इलाज करवाया. जिसके बाद पिछले एक महीने से चाय की दुकान पर यह मोर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. क्योंकि इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चाय की दुकान पर आने वाले लोग इसके साथ फोटो और सेल्फी(selfie) लेते हैं.
आपके शहर से (भरतपुर)
यह है मोर के बच्चे की कहानी..
चाय दुकानदार सुरेश चंद ने बताया कि एक महीने पहले एक मोरनी अपने चार बच्चों के साथ यातायात चैराहे से गुजर रही थी. उसी वक्त कुछ कुत्तों के झुंड ने इन पर हमला कर दिया . हमले को देख मोरनी तो पहले ही भाग निकली लेकिन इसके छोटे बच्चे होने के कारण भाग नहीं सके. मैंने कुत्तों को भगाकर देखा कि मोर के 4 में से 3 बच्चों को तो मार दिया है, लेकिन एक बच्चा बुरी तरह घायल था. बिना देर किए इसे पशु चिकित्सालय ले जाकर ईलाज करवाया. कई दिनों तक मोर के वापस आने का इंतजार किया, लेकिन उसके नहीं आने पर इसको अपने बच्चे की तरह देखभाल करने के साथ पाल रहा हूं.
परिवार का हिस्सा बना, नाम रखा रामू
सुरेश चंद ने बताया कि मेरा गांव पिपला है और वह यातायात चौराहे पर काफी लंबे समय से चाय की दुकान चला रहे हैं. जब यह बच्चा घायल था तो चिकित्सको ने कहा कि इसकी देखभाल बच्चे की तरह करनी होगी तभी इसे बचाया जा सकता है. उसी समय से वह और उनका पूरा परिवार इसकी देखभाल बच्चे की तरह कर रहा है. अब यह हमारे परिवार का सदस्य बन चुका है. प्यार से इस बच्चे का नाम रामू रख दिया है.दिन में अपने साथ चाय की दुकान पर और रात को घर ले जाता हूं.
लोग लेते हैं फोटो और सेल्फी…
सुरेश ने बताया कि दिन में इस मोर के बच्चे को अपने साथ चाय की दुकान पर रखता हूं. अब इस बच्चे को देखने काफी संख्या में लोग आते हैं और इसके साथ कई घंटे गुजारने के बाद सेल्फी और फोटो लेते हैं. इस मोर के बच्चे को देख लोगों ने दुकान का नाम मोर चाय वाले के नाम पर रख दिया है. सुरेश ने बताया कि इसके रहने के लिए थर्माकाॅल का घर और खाने के लिए बाजरा, ब्रेड, बिस्किट, टोस्ट की व्यवस्था कर रखी है. जैसे-जैसे यह बड़ा हो रहा है वैसे वैसे इसकी गतिविधियों में सुधार होने लगा है.कभी यह लोगो के हाथ के पंजों पर तो कभी कंधे पर बैठ जाता है. वही सुरेश चंद की चाय इन दिनों मोर के बच्चे को लेकर आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
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Tags: Bharatpur News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 14, 2022, 14:51 IST