Rajasthan BJP: सतीश पूनिया को बतौर अध्यक्ष एक्सटेंशन मिलेगा या नहीं? जल्द हो सकता है फैसला
हाइलाइट्स
सतीश पूनिया का बतौर अध्यक्ष तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है
सतीश पूनिया आमेर से विधायक हैं और छात्रकाल से बीजेपी में सक्रिय हैं
माना जा रहा है कि धड़ों में बंटी बीजेपी में एकजुटता अभी दूर की कौड़ी है
जयपुर. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) का तीन साल का कार्यकाल अक्टूबर 2022 में पूरा हो गया है. अब वे विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) तक अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन रहेंगे या नहीं इस पर सबकी नजरें टिकी हैं. फिलहाल तो पूनिया बीजेपी की जन आक्रोश सभाओं में कहीं गदा लहराकर विरोधियों को ललकार रहे हैं तो कहीं तीर कमान से निशाना साध रहे हैं. प्रदेशभर में पूनिया ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं. उनकी सभाओं में भीड़ भी खासा उमड़ रही. उनके समर्थकों में उत्साह बना हुआ है.
राजस्थान में विधानभा चुनाव में अब करीब 11 महीने का ही समय बचा है. सूबे में दिन प्रतिदिन सियासी पारा ऊपर नीचा हो रहा है. लेकिन बीजेपी में अब भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि पूनिया अध्यक्ष बने रहेंगे या फिर किसी और के नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ेगी. इस मसले पर पूनिया बस इतना कह रहे हैं वो पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं जो भी फैसला होगा उसे मानकर काम करेंगे.
8 अक्टूबर 2019 को हुई थी ताजपोशी
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सतीश पूनिया की 8 अक्टूबर 2019 को ताजपोशी हुई थी. अध्यक्ष बनने के थोड़े ही दिनों बाद कोरोना आ गया. पूनिया ने संगठन के माध्यम से प्रदेशभर में जरुरतमंदों तक भोजन और दवा पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया. पीएम मोदी ने उनके इस काम की वीसी में सराहना की. पीएम ने दूसरे प्रदेशों को भी राजस्थान बीजेपी का अनुकरण करने के निर्देश दिए. तीन साल में पूनिया जन आंदोलनों के जरिये आम जनता के बीच खासे सक्रिय भी रहे.
आपके शहर से (जयपुर)
सरकार के खिलाफ आंदोलनों का नेतृत्व किया
पेपर लीक प्रकरण से लेकर कानून व्यवस्था के मुददों पर उन्होंने सरकार के खिलाफ आंदोलनों का नेतृत्व किया. महिला सुरक्षा का मुद्दा हो या निरंकुश खनन माफिया के अत्याचार पूनिया सरकार विरोधी आंदोलनों में हर जगह खड़े दिखाई दिए. किसान कर्जमाफी पर सदन से लेकर सड़क पर उन्होंने सरकार के खिलाफ कई बार हुंकार भरी. यहीं नहीं बीजेपी की स्थापना के बाद पहली बार 52 हजार बूथों में से 49 हजार बूथों की समितियां बनाकर उन्होंने संगठन को धरातल पर मजबूती प्रदान की. पन्ना इकाइयों का काम अंतिम चरण में है तो विस्तारकों की नियुक्ति के बाद प्रशिक्षण चल रहे हैं. यानि पार्टी पूरे चुनावी मोड में दिख रही है.
नेताओं में शह और मात का खेल जारी है
पार्टी के वरिष्ठ नेता संगठन की मजबूती के लिए किये गये काम को एतिहासिक करार दे रहे हैं. राष्ट्रीय नेता उनके काम की तारीफ कर रहे हैं. लेकिन धड़ों में बंटी बीजेपी में एकजुटता अभी दूर की कौड़ी है. नेताओं में शह और मात का खेल जारी है. लेकिन इन सबसे दूर पूनिया पीएम मोदी के दो, अमित शाह के तीन और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पांच दौरे सफलतापूर्वक आयेाजित करा चुके हैं. लेकिन अब आगे क्या होगा ये सियासी पहेली बना हुआ है. चुनावी साल में विरोधी उन पर भारी पड़ेंगे या पार्टी आलाकमान उन पर भरोसा बरकरार रखेंगे. इसका फैसला इसी महीने होने की उम्मीद है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Jaipur news, Rajasthan bjp, Rajasthan news, Satish Poonia
FIRST PUBLISHED : January 08, 2023, 16:59 IST