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चीन में बेमौत मर रहे उत्तर कोरिया के शरणार्थी, इलाज के बाद अब वैक्सीन देने से भी पीछे हटी सरकार

दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन अपने शरणार्थियों के साथ भेदभाव कर रहा है, जिसके कारण शरणार्थी बेमौत मर रहे हैं। एनके न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार चीन में उत्तर कोरिया डिफेक्टर्स को कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं मिली है। वहीं अमरीकी रेडियो नेटवर्क वॉयस ऑफ अमेरिका (VOA) के अनुसार चीन में पहले से ही शरणार्थियों को इलाज करने की सुविधा नहीं दी जा रही है, भले ही उनमें कोविड के गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे हों। चीनी सरकार ने शरणार्थियों को बेमौत मरने के लिए छोड़ दिया है।

वहीं जब ये शरणार्थी दक्षिण कोरिया वापस भागने की कोशिश करते हैं, तो चीनी अधिकारी उन्हें गिरफ्तार कर लेते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन उत्तर कोरिया के साथ अपने सीमा समझौते की शर्तों के तहत शरणार्थियों को निर्वासित करता है। एक बार जब वे उत्तर कोरिया लौट जाते हैं, तो ऐसे लोगों को यातना, यौन उत्पीड़न, जबरन श्रम, राजनीतिक शिविरों में कैद या यहां तक कि उत्तर कोरियाई सरकार द्वारा मृत्युदंड दिए जाने का जोखिम होता है।

बेमौत मर रहे उत्तर कोरिया के शरणार्थी
एनके न्यूज के अनुसार चीन में कई शरणार्थी निराशा व्यक्त कर रहे हैं। चीनी सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं मिलने के कारण वह कह रहे हैं कि इस तरह जीने से मर जाना ही बेहतर है। कुछ शरणार्थियों की तो कोविड-19 के कारण मौत भी हो गई है। वहीं जो शरणार्थी बचे हुए हैं वह निराशा व्यक्त कर रहे हैं।

 

उत्तर कोरिया से आए लोगों को अवैध प्रवासी मानता है चीन
अधिकांश उत्तर कोरियाई लोग उत्तरी सीमा से भाग रहे हैं और एक ऐसे शासन से दूर एक बेहतर जीवन की तलाश में चीन और फिर दक्षिण कोरिया चले गए हैं जो उनके जीवन के हर पहलू को कसकर नियंत्रित करता है। उत्तर कोरिया से आने वाले लोगों को चीन में सुरक्षा नहीं मिलती है। उत्तर कोरिया से आए लोगों को चीन अवैध प्रवासी मानता है, जिसके कारण चीन आए उत्तर कोरियाई लोग चीनी पुलिस से छिपते रहते हैं।

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