No relief from fuel surcharge | फ्यूल सरचार्ज से राहत नहीं, फिर पड़ेगा महंगे कोयले का बोझ
जयपुरPublished: May 15, 2023 06:59:38 pm
प्रदेश में विद्युत उत्पादन के लिए बिजली कंपनियों की ओर से एक बार फिर महंगे आयातित कोयले की खरीद की तैयारी की जा रही है। इसके तहत कंपनियों की ओर से जून माह के लिए 3.38 लाख मिट्रिक टन कोयले की खरीद होगी।
फ्यूल सरचार्ज से राहत नहीं, फिर पड़ेगा महंगे कोयले का बोझ
प्रदेश में निर्बाध बिजली सप्लाई के नाम पर बिजली कंपनियां एक बार फिर महंगी बिजली का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में जून माह में करीब 3.38 लाख मिट्रिक टन आयातित कोयले की खरीद की जाएगी। इससे अब स्पष्ट है कि आम बिजली उपभोक्ताओं को आगामी समय में भी फ्यूल सरचार्ज से मुक्ति नहीं मिलने वाली है।
उर्जा विभाग की जानकारी पर नजर डाले तो प्रदेश में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के पावर के पावर प्लांट्स का मई माह में औसत विद्युत उत्पादन 5444 मेगावाट है और कोयले की खपत करीब 90000 मैट्रिक टन (23 रेक प्रतिदिन) है। पावर प्लांट्स में कोयले के निर्धारित भण्डारण एवं पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड, छत्तीसगढ़ प्रशासन एवं रेलवे मंत्रालय सहायक होता है।
केंद्र के निर्देश
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की ओेर से राज्यों को पावर प्लांट्स के लिए मिलने वाले कुल देशी कोयले का करीब छह फीसदी भाग आयातित कोयला खरीद कर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इस आयातित कोयले का देशी कोयले में सम्मिश्रण किया जाना अनिवार्य किया गया है।
हर दिन मिलेगी दो रेक
इसी आदेश की अनुपालना में घरेलू कोयले के साथ 6 प्रतिशत सम्मिश्रण के लिए आयातित कोयले की खरीद करना तय किया गया है। इसके तहत 3.38 लाख मैट्रिक टन आयातित कोयले की खरीद कर देशी कोयले में सम्मिश्रण किया जाएगा। इससे जून माह में 2 रैक कोयला प्रतिदिन आगामी 40 दिनों तक प्राप्त होगा।
मंत्री की मीटिंग
प्रदेश में आयातित कोयले की खरीद के संबंध में उर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सोमवार को विद्युत कंपनियों के अधिकारियों के साथ मीटिंंग की। उन्होने मीटिंग के दौरान आगामी माह में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली देने के लिए आयातित कोयले की खरीद की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।