13 साल की बच्ची के पेट में 6 महीने का बच्चा, अब होगा गर्भपात, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- अगर भ्रूण जिंदा…

Last Updated:March 12, 2025, 07:44 IST
Rajasthan High Court News: लड़की के अस्पताल में गर्भवती होने का पता चलने के बाद ही 3 मार्च, 2025 को जयपुर में बलात्कार की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लड़की और उसके परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे चुप रहने की …और पढ़ें
बच्ची के गर्भपात को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला.
हाइलाइट्स
गर्भपात कराने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला.राजस्थान हाईकोर्ट ने बच्ची के गर्भपात का दिया परमिशन.बच्ची के गर्भपात के लिए तैयार किया जाएगा मेडिकल बोर्ड.
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 वर्षीय बच्ची को 27 सप्ताह और छह दिन के गर्भ को एबॉर्शन करने की अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति सुदेश बंसल ने जयपुर के सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय की चिकित्सा अधीक्षक को गर्भपात की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. बलात्कार पीड़िता को बुधवार को माता-पिता के साथ मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है. न्यायालय ने कहा कि यदि भ्रूण जीवित रहता है, तो अस्पताल को भ्रूण को पालने की व्यवस्था करनी चाहिए और राज्य सरकार के खर्च पर उसका पालन-पोषण करना चाहिए.
भ्रूण की मृत्यु के मामले में न्यायालय ने भ्रूण से टिश्यू निकालकर डीएनए परीक्षण रिपोर्ट को संरक्षित करने का आदेश दिया. पीठ ने आदेश की एक प्रति राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (आरएसएलएसए) और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), जयपुर को भेजने का भी आदेश दिया, ताकि पीड़िता और उसके माता-पिता को सभी आवश्यक वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान की जा सके. याचिकाकर्ता की वकील सोनिया शांडिल्य ने कहा, “याचिकाकर्ता एक नाबालिग लड़की है, जिसके माता-पिता ने भी गर्भपात के लिए सहमति दी है. माता-पिता सर्जिकल हस्तक्षेप के उच्च जोखिम से सहमत हैं. हमने कहा कि अगर उसके गर्भ को समाप्त करने की अनुमति नहीं दी गई तो यह उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा.”
याचिकाकर्ता ने कहा, “हमने अदालत को बताया कि ऐसे कई मामले हैं जहां उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सप्ताह (7 महीने) की गर्भवती महिला को भी गर्भपात की अनुमति दी है.” लड़की के अस्पताल में गर्भवती होने का पता चलने के बाद ही 3 मार्च, 2025 को जयपुर में बलात्कार की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लड़की और उसके परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे चुप रहने की धमकी दी थी. मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम के तहत, किसी भी विवाहित महिला, बलात्कार पीड़िता, विकलांग महिला और नाबालिग लड़की को 24 सप्ताह तक का गर्भपात कराने की अनुमति है. यदि गर्भावस्था 24 सप्ताह से अधिक है, तो मेडिकल बोर्ड की सलाह पर अदालत से अनुमति लेनी होगी.
First Published :
March 12, 2025, 07:39 IST
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13 साल की बच्ची का होगा गर्भपात, HC का बड़ा फैसला, कहा- अगर भ्रूण जिंदा हुआ…