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हिमाचल से आए भक्त ने बताया 1980 में कैसा था खाटूश्याम जी मंदिर, जाने मंदिर के बदलाव की कहानी भक्त की जुबानी 

Last Updated:December 19, 2025, 17:47 IST

Khatushyamji Mandir : खाटूश्याम जी मंदिर की तस्वीर बीते कुछ दशकों में पूरी तरह बदल चुकी है. कभी हजारों में सिमटी आस्था आज लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब बन चुकी है. 1980 में पहली बार खाटू आए हिमाचल के एक बुजुर्ग भक्त ने तब और अब के खाटू की भावुक यादें साझा कीं.

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सीकर : पिछले कुछ दशकों में खाटूश्याम जी मंदिर में बड़ा परिवर्तन आया है. पहले जहां इस मंदिर में भक्तों की संख्या हजारों में रहती थी अब वो लाखों में रहने लगी है. इस पावन नगरी में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. भक्त बाबा को कलयुग का अवतार मानते हैं और उनकी महिमा दिनों दिन बढ़ती जा रही है. हिमाचल प्रदेश से आए एक बुजुर्ग भक्त ने 1980 के खाटूश्याम जी मंदिर के बारे में बताया. लोकल 18 से बात करते हुए उन्होंने पहले और अब में हुए बदलाव की कहानी बताई. उन्होंने बताया कि वे पहली बार साल 1980 में यहां आए थे और अब दूसरी बार बाबा के दर्शन का सौभाग्य मिला है.

हिमाचल से आए भक्त मदन लाल गुप्ता ने बताया कि जब वे पहली बार खाटू आए थे, तब RSS की ओर से किसान सम्मेलन लगा था. उस समय बिलासपुर से 10 लोग एक छोटे से ग्रुप में यहां पहुंचे थे. वे करीब तीन दिन खाटू में रुके और बहुत आसानी से बाबा के दर्शन कर लिए. तब खाटू श्याम बाबा का मंदिर काफी छोटा हुआ करता था और भीड़ भी कम रहती थी. ट्रैवल और रुकने की व्यवस्था साधारण थी, लेकिन श्रद्धा बहुत गहरी थी. उस समय का खाटू शांत, सरल और सच्ची भक्ति से भरा हुआ था.

कोरोना के बाद अचानक बढ़ी भीड़भक्त ने बताया कि 1980 से कोरोना काल से पहले तक धीरे धीरे भक्तों की संख्या बढ़ रही थी. लेकिन, कोरोना काल के खत्म होने के बाद यहां अचानक भक्तों की संख्या बढ़ने लगी. हिमाचल में भी अधिकाश घरों में भी बाबा श्याम की पूजा होने लगी. अब तो हिमाचल खाटूश्याम जी के नाम पर कई समाजसेवी संस्थाएं बन गई हैं जो सेवा के कार्य भी करती हैं और भक्तों को बाबा श्याम के दर्शन के लिए भी खाटूश्याम जी में लाती है. हर महीने लगने वाले एकादशी के मेले में भी रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ती है. मंदिर तने भी भक्तों के लिए कई व्यवस्थाएं बढ़ा दी है. पहले ऐसा नहीं था. 1980 में तो कुछ खास आयोजन में सैकड़ों हजारों लोग आते थे और आम दिनों में दर्जनों लोग दर्शन के लिए आते थे, बड़े आराम से दर्शन होने थे. चढ़ावा चढ़ा सकते थे रुक सकते थे. अब यह संभव ही नहीं है.

बाबा का चमत्कार मंदिर और भीड़उन्होंने बताया कि, अब कई सालों बाद वे दूसरी बार खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने आए हैं. इस बार उनके साथ 60 लोगों का बड़ा ग्रुप है. मंदिर पहुंचते ही उन्हें बड़ा बदलाव नजर आया. मंदिर अब पहले से कहीं ज्यादा बड़ा और भव्य हो चुका है. दर्शन का सिस्टम, मैनेजमेंट और सुविधाएं भी बेहतर हो गई हैं. भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ गई है. उनका कहना है कि इतनी ज्यादा भीड़ और मंदिर का विस्तार बाबा का ही चमत्कार है.

हिमाचल से खाटू तक आस्थाइसी जत्थे में शामिल एक महिला भक्त ने हिमाचल प्रदेश की एक खास मान्यता भी साझा की. उन्होंने बताया कि वहां कमरूनाथ जी का मंदिर है, जिसे खाटूश्याम जी का ही दूसरा रूप माना जाता है. उस मंदिर में एक कुंड है, जहां भक्त अपनी मन्नत लिखकर डालते हैं. मान्यता है कि एक साल के अंदर मन्नत पूरी हो जाती है. मन्नत पूरी होने के बाद खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए राजस्थान आना जरूरी माना जाता है. यही विश्वास हिमाचल और राजस्थान को भक्ति के मजबूत धागे से जोड़ता है.

About the AuthorRupesh Kumar Jaiswal

A Delhi University graduate with a postgraduate Diploma in Journalism and Mass Communication, I work as a Content Editor with the Rajasthan team at India Digital. I’m driven by the idea of turning raw in…और पढ़ें

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

December 19, 2025, 17:47 IST

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खाटूश्याम जी मंदिर में भक्तों की बढ़ती संख्या और बदलाव की कहानी

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