जमीन में दफन था करोड़ों साल पुराना ‘दैत्य’, खुदाई में आया सामने तो उड़े होश, ये खास हिस्सा था बहुत बड़ा!

जमीन के अंदर कई ऐसे अनसुलझे राज दफन हैं, जिनके बारे में आए दिन खुलासे होते रहते हैं. ऐसी ही एक बड़ी खोज स्पेन में उस दौरान हुई, जब मैड्रिड-लेवांटे हाई-स्पीड रेल नेटवर्क (AVE) के लिए पटरियां बिछाई जा रही थीं. इसके लिए जमीन की खुदाई भी हो रही थी. उसी क्रम में वहां काम करने वाले मजदूरों को अचानक बड़ी-बड़ी हड्डियां मिलने लगीं. उन हड्डियों को देखकर मजदूरों के होश उड़ गए और डर से चीख निकल गई. ऐसा लगा होगा कि ये कौन सा दैत्य बाहर आ गया? हालांकि, इसके बाद वहां पर जीवाश्म विज्ञानियों की टीम को बुलाया गया. एक्सपर्ट ने जांच करने के बाद बताया कि ये 75 मिलियन साल (साढ़े 7 करोड़ साल) पहले धरती पर मौजूद डायनासोर की एक नई प्रजाति है, जिसका एक खास हिस्सा बहुत बड़ा है. इससे जुड़ी रिपोर्ट हाल ही में जर्नल कम्युनिकेशन्स बायोलॉजी में पब्लिश हुई.
बताया जाता है कि मामला 2007 का है, जब स्पेन में मैड्रिड-लेवांटे हाई-स्पीड रेल नेटवर्क (AVE) के लिए पटरी को बिछाने का काम चल रहा था. उस दौरान जीवाश्म वैज्ञानिकों को वहां से 12 हजार से अधिक जीवाश्म मिले थे. उन सभी जीवाश्मों की जांच की गई. कुछ जीवाश्म एक-दूसरे से जुड़े थे. ऐसे में वैज्ञानिकों ने एक जीवाश्म को जोड़ना शुरू किया तो पता चला कि वो एक करोड़ों साल पहले धरती पर मौजूद नई प्रजाति का डायनासोर था. इतना ही नहीं, इन पुरानी हड्डियों से इतिहास के कई पन्ने सामने आए. इनसे अनेक अज्ञात प्रजातियों की पहचान संभव हुई है, साथ ही शोधकर्ताओं को यह जानने में मदद मिली है कि क्रिटेशियस काल के अंत में जीवन कैसा था. डायनासोर की खोज करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे पुर्तगाली जीवाश्म-विज्ञानी डॉक्टर पेड्रो मोचो ने स्पेन के कुएनका के आसपास खोजे गए नए सॉरोपॉड को क्यूंकासौरा पिंटिक्विनिएस्ट्रा का नाम दिया है.
पुर्तगाल के लिस्बन विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉक्टर पेड्रो मोचो ने बताया, “इस नमूने के अध्ययन से हमें पहली बार एक ही जीवाश्म क्षेत्र में साल्टासौरोइड्स की दो अलग-अलग प्रजातियों की उपस्थिति की पहचान करने का अवसर मिला.” उन्होंने आगे कहा कि थोड़े छोटे कद के इन डायनासोर ने अपने आपको माहौल के हिसाब से ढाल लिया. शारीरिक रुप से यह डायनासोर काफी छोटा है, लेकिन इसकी गर्दन बहुत ज्यादा लंबी है. ऐसे में यह बड़ी आसानी पेड़ों की ऊंची शाखाओं तक पहुंच जाता था. डॉ. मोचो ने कहा, “क्यूंकासौरा पिन्टीक्विनिएस्ट्रा यूरोप में पाए जाने वाले सबसे पूर्ण सॉरोपोड कंकालों में से एक है, जिसमें सर्वाइकल, पृष्ठीय और पुच्छीय कशेरुक (Dorsal and Caudal vertebrae), पेल्विक मेखला (Pelvic Girdle) का हिस्सा और अंगों के तत्व शामिल हैं.”
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 12:54 IST