A Symbol of Regal History Grand Architecture and Deep Devotion

Last Updated:May 09, 2025, 20:09 IST
1651 ईस्वी में मेवाड़ के महाराणा जगत सिंह प्रथम ने इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था. इसका मूल नाम जगन्नाथ राय मंदिर था, जो कालांतर में जगदीश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया. यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगव…और पढ़ेंX
धरोहर
हाइलाइट्स
जगदीश मंदिर उदयपुर की धार्मिक पहचान है.मंदिर का निर्माण 1651 में महाराणा जगत सिंह ने करवाया था.हर साल रथ यात्रा के दौरान यहां भव्य आयोजन होता है.
उदयपुर:- लोकल 18 की धरोहर सीरीज में उदयपुर शहर की शान और ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है जगदीश मंदिर, जो न केवल स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी है. शहर के हृदय स्थल घंटाघर चौक से कुछ ही कदम की दूरी पर स्थित यह मंदिर, मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है.
1651 ईस्वी में मेवाड़ के महाराणा जगत सिंह प्रथम ने इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था. इसका मूल नाम जगन्नाथ राय मंदिर था, जो कालांतर में जगदीश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया. यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ को समर्पित है. मंदिर का निर्माण इंडो-आर्यन शैली में किया गया है, जो इसकी जटिल नक्काशी, विशाल शिखर और खूबसूरत मंडपों से स्पष्ट रूप से झलकता है.
काले पत्थर से निर्मित मूर्तितीन मंजिला यह मंदिर 32 सीढ़ियों के माध्यम से मुख्य गर्भगृह तक पहुंच प्रदान करता है. मुख्य शिखर की ऊंचाई करीब 79 फीट है, जो दूर से ही नजर आता है. मंदिर के गर्भगृह में काले पत्थर से निर्मित भगवान जगन्नाथ की आकर्षक मूर्ति स्थापित है. इसके अलावा, मंदिर परिसर में भगवान गरुड़, शिव, गणेश, सूर्य और देवी शक्ति की मूर्तियां भी स्थित हैं, जो इसे एक समग्र आध्यात्मिक स्थल बनाती हैं.
हर साल होता है भव्य आयोजनमंदिर के स्तंभों और दीवारों पर उकेरी गई नक्काशियों में तत्कालीन जीवनशैली, देव-देवियों और मिथकीय कथाओं को दर्शाया गया है. श्रद्धालु यहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना करने आते हैं. वहीं सैलानियों के लिए यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है. खासकर हर साल रथ यात्रा के दौरान यहां भव्य आयोजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं.
इतिहास और संस्कृति की जीवंत गवाहीजगदीश मंदिर न केवल उदयपुर की धार्मिक पहचान है, बल्कि इसकी स्थापत्य कला, इतिहास और संस्कृति की जीवंत गवाही भी है. यह मंदिर आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने का कार्य करता है और यही कारण है कि Local 18 की ‘धरोहर’ सीरीज में इसे विशेष रूप से शामिल किया गया है.
Location :
Udaipur,Rajasthan
homerajasthan
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