Rajasthan

A temple in Nagaur where the faith of two religions has been connected for centuries, devotees perform parikrama when marriage does not happen

Last Updated:April 27, 2025, 23:35 IST

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सच्चियाय
सच्चियाय माता

दीपेंद्र कुमावत/ नागौर. राजस्थान का नागौर जिला लोक देवताओं और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. लेकिन नागौर में एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जिसमें दो धर्मों का संगम देखने को मिल रहा है. जी हां इस मंदिर में भगवान आदिनाथ व सच्चियाय माता दोनों का मंदिर साथ में बना हुआ है. यह मंदिर जैन धर्म से भी जुड़ा हुआ है. इस मंदिर की खास बात है कि इसमें चित्रकारी के माध्यम से रामायण व महाभारत का वर्णन भी किया गया है. अगर किसी नहीं हो रहा हो तो इस मंदिर में व्यक्ति द्वारा सच्चे मन से परिक्रमा दी जाए तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

इस मंदिर में भारतीय संस्कृति का भी चित्रण किया गया है. मंदिर पुजारी कालूराम ने बताया कि यह मंदिर औसिया में स्थित सच्चियाय माता के मंदिर की शाखा है. पुजारी बताते है कि माता जी की मूर्ति गोगलाव के पास एक खेत से 10 फीट खुदाई करके यहां पर स्थापित की गई है. दरअसल खींवसर के निवासी राउतमल के सपने में माता जी ने आकर कहा कि मेरी मूर्ति जमीन के अंदर है जिसको निकालकर आप यहां पर लाकर स्थापित करे. ऐसे में यह मूर्ति जमीन को खोदकर यहां पर स्थापित की गई है .

यह है मान्यता

पुजारी ने बताया कि इस मंदिर की कुछ खास मान्यता है. अगर किसी व्यक्ति की सगाई नहीं हो रही है या किसी दंपति को बच्चों का सुख प्राप्त नहीं हो रहा है या किसी का विवाह नहीं हो रहा है. वह भक्त सच्चे मन से आकर परिक्रमा देते हैं तो उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. मंदिर में पिछले 500 वर्षों से जैन समाज के व्यक्ति के द्वारा माताजी की पूजा की जा रही है. यहां पर सच्चियाय माता का मंदिर के साथ-साथ आदिनाथ भगवान की भी मूर्ति स्थापित है. यहां पर आदिनाथ भगवान के परिक्रमा देने से मन की ईच्छा पूरी होती है. बस व्यक्ति के मन किसी तरह की ईर्ष्या नहीं होनी चाहिए वह मन पवित्र होना चाहिए. यह मंदिर नागौर की तहसील खींवसर में स्थित है और पांचला रोड़ के पास में यह मंदिर बना हुआ है.

Location :

Nagaur,Nagaur,Rajasthan

First Published :

April 27, 2025, 23:35 IST

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इस मंदिर में भारतीय संस्कृति का भी चित्रण किया गया है. मंदिर पुजारी कालूराम ने बताया कि यह मंदिर औसिया में स्थित सच्चियाय माता के मंदिर की शाखा है. 

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