Rajasthan

दावानल: राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आखिर क्यों धधक रहे हैं जंगल? जानें असली वजह

जयपुर. देश में इस बार राजस्थान ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी जंगल जमकर धधक (Fire in Forests) रहे हैं. यह संभतवया पहला मौका है जब जंगलों में आग का सिलसिला इतनी तेजी से एक साथ बढ़ रहा है. राजस्थान में तो इस साल जंगलों की आग के अब तक के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. महज 50 दिनों में फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (Forest Survey of India) के फॉरेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम ने अकेले राजस्थान में 1987 फायर अलर्ट भेजे हैं. इससे पहले जंगल की आग के इतने मामले कभी एक साथ सामने नहीं आए. कुछ ऐसे ही हालात हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के भी हैं. आग की घटनाओं से तीनों प्रदेशों में सैंकड़ो हेक्टेयर जंगल नष्ट हो गये. वहीं हजारों छोटे जीव जंतु आग की भेंट चढ़ गये. बड़े वन्यजीव प्राणियों पर संकट मंडरा रहा है. करोड़ों रुपये के कीमती औषधीय और अन्य पेड़ पौधे नष्ट हो चुके हैं.

वन विभाग के मुताबिक चिंता की बात ये हैं कि अभी मई और जून तो आया ही नहीं है. ये महीने आग के मामले में सबसे ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं. उससे पहले ही राजस्थान में सघन वन के खजाने कहे जाने वाले सरिस्का, कुम्भलगढ़ और सज्जनगढ़ के जंगलों को आग से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच चुका है. गर्मी के अगर ये ही हालात रहे तो मई और जून की कल्पना करके ही वन विभाग का अमला कांप रहा है.

सरिस्का में गत माह 90 घंटे तक आग धधकती रही आग
राजस्थान के अलवर में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व में गत माह 90 घंटे तक आग धधकती रही थी. इससे 25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जंगल में जमकर तबाही मची. उसके बाद राजसमंद जिले में स्थित कुंभलगढ़ के जंगलों में आग लगने से बहुत नुकसान हुआ. वहां की आग ठंडी हुई भी नहीं थी उदयपुर में सज्जनगढ़ अभ्यारण्य के जंगल सुलग उठे.

Fire inforests, Fire in forests of Rajasthan, Fire in forests of Himachal Pradesh, Fire in forests of Uttarakhand, Why there is fire in the forests, Causes of fire in forests, Destruction due to fire in forests, Fire in forests of Sariska, Fierce fire in Udaipur's Sajjangarh Sanctuary, Uttarakhand's Bageshwar forest fire, Himachal Pradesh's Shimla forest fire, Army choppers extinguishing forest fire, Jaipur News, Rajasthan News, Himachal Pradesh News, Shimla News, Uttarakhand News , dehradun news, जंगलों में आग, राजस्थान के जंगलों में आग, हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग, उत्तराखंड के जंगलों में आग, जंगलों में क्यों लग रही है आग, जंगलों में आग लगने के कारण, जंगलों में आग से तबाही, सरिस्का के जंगलों में आग, उदयपुर के सज्जनगढ़ अभ्यारण्य में लगी भीषण आग, उत्तराखंड के बागेश्वर के जंगलों में आग, हिमाचल प्रदेश के शिमला के जंगलों में आग, जंगलों में आग बुझा रहे सेना के हेलिकॉप्टर, जयपुर समाचार, राजस्थान समाचार, हिमाचल प्रदेश समाचार, शिमला समाचार, उत्तराखंड समाचार, देहरादून समाचार

राजस्थान के अलवर जिले के सरिस्का के जंगलों में मार्च माह में लगी थी भीषण आग.

सज्जनगढ़ में 56 घंटे जले जंगल
सरिस्का और सज्जनगढ़ में तो बेकाबू हुई आग पर काबू पाने के लिये सेना तक की मदद लेनी पड़ी. दोनों जगह आग पर काबू पाने के लिये एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा. दोनों जंगलों में हेलिकॉप्टर के जरिये लाखों लीटर पानी डाला गया तब जाकर आग काबू में आई. सज्जनगढ़ में 56 घंटों में 219 हेक्टेयर जंगल आग में तबाह हो गया.

राजस्थान में 30 बरसों से इस बार सबसे ज्यादा लगी आग
बीते दस साल में इस बार महज एक माह के भीतर ही दावानल के दो ऐसे मामले हो गये कि उन पर काबू पाने के लिये हेलिकॉप्टर का सहारा लेना पड़ा. इससे पहले साल 2012 में उदयपुर रेंज में लगी जंगल की आग को काबू पाने के लिये सेना के हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी थी. उस दौरान भी आग से जंगल में इतना नुकसान नहीं हुआ जितना इस बार अप्रैल के महीने में ही हो चुका है. आग से औषधीय पौधे, सालर और धौंक के सघन वन खाक हो गये. राजस्थान में इस बार पिछले 30 बरसों से सबसे ज्यादा आग लगी है.

उत्तराखंड में भी धधक रहे हैं जंगल
गर्म प्रदेश माने जाने वाले राजस्थान ही नहीं बल्कि नदियों के प्रदेश उत्तराखंड में भी जंगल जमकर धधक रहे हैं. यहां इस बार बागेश्वर के जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. उत्तराखंड में इस सीजन में आग की 90 घटनाओं में 135 हेक्टेयर जंगल जल गया है. वन विभाग की टीम एक जंगल में आग पर काबू पाने का प्रयास करती तो दूसरे जंगल में आग धधक उठती है. यहां के बागेश्वर के कांडा, धपोली, मनकोट, दानपुर घाटी, गरुड़ और बैजनाथ क्षेत्रों में अधिकतर जंगलों में आग की घटनायें हुई हैं.

हिमाचल प्रदेश में भी बढ़ रही है आग की तपिश
राजस्थान और उत्तराखंड ही नहीं बल्कि ठंडा प्रदेश माना जाने वाला हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. यहां पिछले दिनों शिमला के तारादेवी इलाके के जंगल में आग लग गई. हिमाचल प्रदेश होमगार्ड के फायर कंट्रोलर के अनुसार यहां प्रतिदिन जंगलों में आग लगने की 4-5 घटनाएं हो रही हैं. यहां भी हालात चिंताजनक हैं.

Fire inforests, Fire in forests of Rajasthan, Fire in forests of Himachal Pradesh, Fire in forests of Uttarakhand, Why there is fire in the forests, Causes of fire in forests, Destruction due to fire in forests, Fire in forests of Sariska, Fierce fire in Udaipur's Sajjangarh Sanctuary, Uttarakhand's Bageshwar forest fire, Himachal Pradesh's Shimla forest fire, Army choppers extinguishing forest fire, Jaipur News, Rajasthan News, Himachal Pradesh News, Shimla News, Uttarakhand News , dehradun news, जंगलों में आग, राजस्थान के जंगलों में आग, हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग, उत्तराखंड के जंगलों में आग, जंगलों में क्यों लग रही है आग, जंगलों में आग लगने के कारण, जंगलों में आग से तबाही, सरिस्का के जंगलों में आग, उदयपुर के सज्जनगढ़ अभ्यारण्य में लगी भीषण आग, उत्तराखंड के बागेश्वर के जंगलों में आग, हिमाचल प्रदेश के शिमला के जंगलों में आग, जंगलों में आग बुझा रहे सेना के हेलिकॉप्टर, जयपुर समाचार, राजस्थान समाचार, हिमाचल प्रदेश समाचार, शिमला समाचार, उत्तराखंड समाचार, देहरादून समाचार

राजस्थान के उदयपुर के सज्जनगढ़ अभ्यारण्य में दो दिन पहले लगी आग को बुझाता एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर.

आग लगने की यह बड़ी वजह
दरअसल पतझड़ के मौसम के बाद जंगल काफी ज्यादा सूखे पत्ते होते हैं. जंगल की घास सूख जाती है. शुरुआत में आग इन सूखे पत्तों और सूखी घास की वजह से बहुत तेजी से आगे बढ़ती है. आग लगने के बाद सूखे पेड़ों के ठूंठों में चिंगारी लंबे समय तक बनी रहती है. तेज हवाओं के साथ यह बार बार धधकती रहती है. राजस्थान में इस बार गर्मी ने बीते 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसी वजह से मार्च और अप्रेल माह में ही आग के रिकॉर्ड मामले सामने आ हैं.

आग से हुये नुकसान की भरपाई होती है मुश्किल
तेज गर्मी से जंगल वक्त से पहले ज्यादा सूख गये. सूखे जंगलों में अवैध गतिविधियों से आग की संभावनाएं ज्यादा बढ़ गई. आग से राजस्थान में सघन जंगलों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. इस साल उदयपुर में आग से इतना नुकसान हो चुका है कि उसकी अगले एक दशक तक भरपाई होना मुश्किल है. उदयपुर संभाग में राजस्थान के सबसे सघन जंगल हैं. उदयपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, चितौड़गढ़ और डूंगरपुर में सबसे ज्यादा आगजनी की घटनायें हुई हैं.

राजस्थान में दो महीनों में रिकॉर्ड तोड़ आग की घटनायें
राजस्थान में हर साल जंगलों में आग लगती है. इसके लिए हर संभाग की वन विभाग की टीम को फॉरेस्ट फायर फाइटिंग की ट्रेनिंग भी दी जाती है. लेकिन संसाधन उतने नहीं हैं जितने मामले यहां सामने आ रहे हैं. राजस्थान में अभी दो महीनों में ही रिकॉर्ड तोड़ आग लग चुकी हैं. इस साल जंगल की आग से इतना नुकसान हो चुका है कि पिछले 30 साल में इतना नुकसान नहीं हुआ था.

आग वाले क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी
हालांकि अब नई तकनीक के कारण जंगल की आग के बारे पहले ही अलर्ट मिल जाता है लेकिन उसके बाद भी जंगलों में आग से इतना ज्यादा नुकसान हो जाना कई सवाल खड़े करता है. राजस्थान में इस बार दो जगह सेना की मदद लेनी पड़ी क्योंकि वन विभाग पास न तो पर्याप्त संसाधन थे और न ही पर्यापत स्टाफ. वन विभाग के हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स डॉ. डीएन पांडे लगातार जंगल की आग के मामलों में सभी संभागों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं. जंगल की आग वाले क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया हुआ है.

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर के अनुसार राजस्थान के इन 10 जिलों के जंगल सबसे ज्यादा खाक हुये.

– उदयपुर में सबसे ज्यादा 1028 फायर अलर्ट
– प्रतापगढ़ में 292 फायर अलर्ट
– राजसमंद में 115 फायर अलर्ट
– सिरोही में आग के 108 फायर अलर्ट,
– चित्तौड़गढ़ में आग के 89 फॉयर अलर्ट
– डूंगरपुर में आग के 85 फॉयर अलर्ट
– पाली में आग के 62 फॉयर अलर्ट
– बांसवाड़ा में आग के 60 फायर अलर्ट
– बांरा में आग के 23 फायर अलर्ट,
– अलवर में आग के 22 फायर अलर्ट
पर्यावरणविद् टीआई खान के अनुसार जंगलों में आग लगने के ये हैं प्रमुख कारण

– जंगल में आग लगने के मुख्य तीन कारण होते हैं. ईंधन, ऑक्सीजन और गर्मी.
– तेज हवाओं से जंगल में से गुजर रही इलेक्ट्रिक लाइन से भी आग लग जाती है.
– तेज हवाओं के कारण घास के आपस में रगड़ने से आग लग जाती है.
– गर्मियों के मौसम ट्रेन के पहिए से निकली एक चिंगारी भी आग लगा सकती है.
– इसके अलावा कभी-कभी आग प्राकृतिक रूप से भी लग जाती है.
– ये आग ज्यादा गर्मी की वजह से या फिर बिजली कड़कने से लगती है.
– राजस्थान में जंगलों में आग लगने की ज्यादातर घटनाएं इंसानों के कारण हुई हैं.
– कैम्प फायर, बिना बुझी सिगरेट बीड़ी, जंगल में फेंकने से भी आग लग जाती है.
– पत्तों का जलता हुआ कचरा छोड़ना, माचिस या ज्वलनशील चीजों से खेलना भी आग का कारण बनता है.
– मार्च से लेकन जून चार महीने राजस्थान सबसे सूखे महीने होते हैं. इनमें आग का खतरा ज्यादा रहता है.
– इसलिए इन चार महीनों में जंगलों में आग सबसे ज्यादा लगती है.
– सूखे की स्थिति, गर्म हवा, ज्यादा तापमान भी जंगल की अहम कारण है.

आग से बचाव के लिये इन चीजों की है दरकार
अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह जादौन के अनुसार आग से बचाव के लिये पहली जरुरत मानव और दूसरे संसाधनों की है। स्टाफ को आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराये जायें। जंगलों में होने वाली अवैध गतिविधियों पर पुख्ता अंकुश लगे। आमजन और जनप्रतिनिधियों को भी जागरुक होना होगा। जंगल से मानव बस्तियों को हटाया जाये। जंगलों में स्थित गांवों का विस्थापन किया जाये। ग्रामीणों को जंगलों से बाहर बसाया जाये.

आपके शहर से (जयपुर)

  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर दूल्हे ने कराया प्री-वेडिंग शूट, फिर शादी से ठीक एक दिन पहले ठुकरा दिया रिश्ता

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर दूल्हे ने कराया प्री-वेडिंग शूट, फिर शादी से ठीक एक दिन पहले ठुकरा दिया रिश्ता

  • देवा गुर्जर हत्याकांड: 2 और नये किरदारों के नाम आये सामने, लगातार बढ़ रही है आरोपियों की संख्या

    देवा गुर्जर हत्याकांड: 2 और नये किरदारों के नाम आये सामने, लगातार बढ़ रही है आरोपियों की संख्या

  • Alia Bhatt शादी के 6 दिन बाद पहुंचीं राजस्थान, रणवीर सिंह के साथ शूट करेंगी वेडिंग सीन

    Alia Bhatt शादी के 6 दिन बाद पहुंचीं राजस्थान, रणवीर सिंह के साथ शूट करेंगी वेडिंग सीन

  • करौली हिंसा: खुली सुनवाई में कागजों में दर्ज हुआ पीड़ितों का दर्द, मुख्य आरोपी की तलाश जारी

    करौली हिंसा: खुली सुनवाई में कागजों में दर्ज हुआ पीड़ितों का दर्द, मुख्य आरोपी की तलाश जारी

  • लड़की ने आटा-साटा प्रथा से शादी करने से किया मना, गुस्साये पंचों ने लगाया 31 लाख का जुर्माना

    लड़की ने आटा-साटा प्रथा से शादी करने से किया मना, गुस्साये पंचों ने लगाया 31 लाख का जुर्माना

  • IAS टीना डाबी आज बनेंगी प्रदीप गवांडे की दुल्हन, मराठी-राजस्थानी रीति-रिवाज से होगी शादी

    IAS टीना डाबी आज बनेंगी प्रदीप गवांडे की दुल्हन, मराठी-राजस्थानी रीति-रिवाज से होगी शादी

  • आरएसएस के प्रचारक का मुकाबला करेगा कांग्रेस सेवादल का 'विचारक', तैयार किया जा रहा है हरावल दस्ता

    आरएसएस के प्रचारक का मुकाबला करेगा कांग्रेस सेवादल का ‘विचारक’, तैयार किया जा रहा है हरावल दस्ता

  • राजस्थान के 19 जिलों में आज फिर बदलेगा मौसम, चूरू समेत इन 6 जिलों में हीटवेव की चेतावनी

    राजस्थान के 19 जिलों में आज फिर बदलेगा मौसम, चूरू समेत इन 6 जिलों में हीटवेव की चेतावनी

  • RSMSSB VDO Main exam 2021: राजस्थान वीडिओ मुख्य परीक्षा के लिए संशोधित सिलेबस और मार्किंग स्कीम जारी, यहां करें चेक

    RSMSSB VDO Main exam 2021: राजस्थान वीडिओ मुख्य परीक्षा के लिए संशोधित सिलेबस और मार्किंग स्कीम जारी, यहां करें चेक

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुंझुनू सड़क हादसे पर जताया शोक, मुआवजे की घोषणा की

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुंझुनू सड़क हादसे पर जताया शोक, मुआवजे की घोषणा की

Tags: Alwar News, Dehradun news, Forest fire, Himachal pradesh news, Jaipur news, News18 Hindi Originals, Rajasthan news, Shimla News, Udaipur news, Uttarakhand news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj